शिव के दो विश्वास पात्रों को बड़ी जिम्मेदारी

दो विश्वास पात्रों

एक को प्रमुख सचिव उद्योग तो दूसरे को एमडी एमपीएसआईडीसी बनाया गया

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी//बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार ने हाल ही में बीते दो दिन के अंदर चालीस से अधिक आईएएस अधिकारियों की नई पदस्थापनाएं की हैं। इसके साथ ही बहुप्रतीक्षित प्रशासनिक फेरबदल को लेकर चल रही अटकलों पर फिलहाल विराम लगाया है। अब केवल छुटपुट तबादले होंगे। रविवार को अवकाश के दिन वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले के बाद सोमवार को इंदौर, जबलपुर सहित 14 जिलों के कलेक्टरों को बदला गया है। इसमें मुख्यमंत्री के दो विश्वासपात्र अफसरों में शामिल दोनों आईएएस अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
दरअसल इन दोनों ही अफसरों का नाम मनीष सिंह है। इनमें से एक को प्रमुख सचिव उद्योग पदस्थ किया गया है तो दूसरे को एमडी एमपीएसआईडीसी बनाया गया है। एमडी मनीष सिंह की जगह अब जबलपुर कलेक्टर इलैया राजा टी को इंदौर कलेक्टर बनाया गया है, जबकि मनीष सिंह को एमडी एमपीएसआईडीसी के साथ एमडी मेट्रो की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही सभी महानगरों में सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारियों को बतौर कलेक्टर पदस्थ किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगले दो माह में होने वाले दो प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन इंवेस्टर्स समिट और प्रवासी सम्मेलन की सफलता की जिम्मेदारी दो आईएएस अफसर मनीष सिंह प्रमुख सचिव उद्योग व मनीष  सिंह एमडी एमपीएसआईडीसी को सौंपी है।
प्रमुख सचिव मनीष सिंह लंदन हाईकमीशन में तीन साल रहे हैं, जबकि इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह एमडी एकेवीएन इंदौर रह चुके हैं। बीते रोज 30 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए, जिसमें 14 कलेक्टर शामिल हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार नौ नवम्बर से मतदाता सूचियों का काम शुरू हो रहा है, इस कारण आनन- फानन में कलेक्टरों के तबादले किए गए। मतदाता सूचियों के काम के दौरान राज्य सरकार कलेक्टरों को चुनाव आयोग की अनुमति के बिना नहीं हटा सकती प्रशासनिक फेरबदल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के अधिकारियों को पहली बार जिले की कमान सौंपी गई है।
इस पदस्थापना में भी वरिष्ठता का ध्यान न रखकर बैच के जूनियर अधिकारियों को जिले की कमान सौंपी गई है। शायद इस तरह पहली बार हुआ है, इससे युवा अधिकारियों का मनोबल टूटता है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को शायद इसकी चिंता नहीं है। उन्हें तो अपनी पसंद व ना पसंद से मतलब रहता है, लेकिन मुख्यमंत्री को यह देखना चाहिए कि आगामी तीस साल तक प्रदेश की सेवा करने वाले युवा आईएएस अधिकारियों का मनोबल न टूटे। प्रशासनिक फेरबदल में इस बार राजनेताओं की जगह  मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की चली। इसी कारण इंदौर कलेक्टर की दावेदारी कर रहे कई अधिकारियों को झटका लगा है। मनीष सिंह को एमपीएसआईडीसी के एमडी की जिम्मेदारी सौंपकर मुख्यसचिव ने अपने पसंदीदा अधिकारी जबलपुर कलेक्टर इलैयाराजा टी को इंदौर की जिम्मेदारी सौंपी है। इलैया को लगभग एक साल पहले रीवा से जबलपुर लाया गया था। जबकि छिंदवाड़ा कलेक्टर सौरव कुमार सुमन को जबलपुर कलेक्टर बनाया गया है। अब इंदौर, भोपाल, ग्वालियर व जबलपुर में सीधी भर्ती के आईएएस कलेक्टर हो गए हैं। धार कलेक्टर पंकज जैन को लगभग दो साल बाद फिर प्रबंध संचालक पब्लिक हेल्थ कारपोरेशन बनाया गया है। देवास कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला आयुक्त मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आईपीएस की तबादला सूची जल्द
आईएएस अधिकारियों के तबादले के बाद आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जल्द आने की संभावना है। फेरबदल में दर्जनभर से अधिक जिलों के एसपी व जोन आईजी के अलावा आधा दर्जन एडीजी स्तर के अधिकारी प्रभावित हो सकते हैं। अध्यक्ष पुलिस गृह निर्माण मंडल व एडीजी एसएएफ का पद भी जल्द भरे जाने की संभावना है।

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