- एक ही दिन में 95 आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर
- गौरव चौहान

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले मप्र थोकबंद तबादले हुए हैं। राज्य सरकार ने एक ही दिन में (शुक्रवार को) 4 आदेश में 95 आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए हैं। तडक़े करीब 3 बजे पहली लिस्ट में एक साथ 37 आईएएस अफसरों के तबादले किए गए। इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे जारी आदेश में एक साथ 47 आईपीएस अधिकारियों को इधर से उधर किया। वहीं शाम करीब 4.30 बजे एक और आदेश में 9 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर कर दिए गए। शुक्रवार को ही देर रात जारी एक और आदेश में राज्य शासन ने दो आईपीएस अफसरों को इधर से उधर किया। जबकि राज्य पुलिस सेवा के 29 अफसरों के भी ट्रांसफर किए हैं। इन तबादलों में सबसे बड़ी बात यह है कि दो जूनियर आईएएस अफसरों के कंधों पर भोपाल और इंदौर नगर निगम की जिम्मेदारी डाल दी गई है। वहीं पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के पुत्र आईएएस अमनवीर सिंह को ढाई माह के अंदर ही गुना कलेक्टर के पद से चलता कर दिया गया।
गौरतलब है कि आज 3 बजे निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव की घोषणा करेगा। राज्य शासन ने लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के करीब आधा सैंकड़ा अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं। इनमें से सरकार ने दो आदेश 12 घंटे के भीतर ही बदल दिया है। जबकि भोपाल नगर निगम आयुक्त जूनियर अधिकारी को बनाया गया है। इंदौर निगमायुक्त बनाए गए शिवम वर्मा की पदस्थापना भी प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। खास बात यह है कि भोपाल और इंदौर निगमायुक्तों के लिए अन्य अधिकारियों के नाम थे, लेकिन नामों पर सहमति नहीं बनने की वजह से दोनों ही नगर निगमों में जूनियर अधिकारियों को पदस्थ कर दिया गया। इंदौर नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह की पिछले दिनों एक्स पर पोस्ट सामने आने के बाद से ही हटने की अटकलें शुरू हो गई थीं। हर्षिका सिंह के तबादले की बड़ी वजह स्थानीय नेताओं से तालमेल नहीं बैठ पाना है। खास बात यह है कि इंदौर निगमायुक्त के लिए अन्य अधिकारियों के भी नाम चर्चा में थे। लेकिन शीर्ष स्तर पर सहमति नहीं बनने की वजह से अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन संचालनालय शिवम वर्मा को इंदौर का नया निगम आयुक्त पदस्थ किया गया है।
श्रीमन शुक्ला और छोटे सिंह के आदेश बदले
प्रशासनिक फेरबदल के बीच सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों के तबादला आदेश को बदल दिया है। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी श्रीमन शुक्ला को प्रबंध संचालक, कृषि विपणन बोर्ड, सह आयुक्त, मंडी मध्यप्रदेश शासन से सचिव, मध्यप्रदेश शासन, योजना,आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग एवं सदस्य सचिव, राज्य योजना आयोग भोपाल बनाया गया था। लेकिन इस लिस्ट के जारी होने के 15 घंटे बाद ही एक और 9 आईएएस ऑफिसर्स के ट्रांसफर की सूची जारी की गई है, जिसमें श्रीमन शुक्ला के ट्रांसफर को निरस्त करते हुए उन्हें उनके वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक सचिव मध्यप्रदेश शासन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग एवं सदस्य-सचिव राज्य योजना आयोग भोपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं राज्य शासन ने 2010 बैच के प्रमोटी आईएएस छोटे सिंह को अपर आयुक्त रीवा संभाग से हटाकर सचिव राजस्व मंडल ग्वालियर पदस्थ किया था। लेकिन अगले आदेश में उन्हें अपर आयुक्त राजस्व संभाग ग्वालियर पदस्थ कर दिया है।
अमनवीर से छिनी कलेक्टरी
राज्य शासन ने गुना कलेक्टर अमनवीर सिंह बैंस को ढाई महीने के भीतर ही हटाकर भोपाल पदस्थ कर दिया है। 31 दिसंबर को गुना बस हादसे के बाद राज्य शासन ने बैतूल कलेक्टर से हटाकर अमनवीर सिंह को गुना कलेक्टर पदस्थ किया था। उनके तब से ही गुना से हटने की अटकलें थीं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गत 21 जनवरी को एक कार्यक्रम में गुना कलेक्टर और एसपी को सार्वजनिक फटकार लगाई थी। इसके बाद से तय था कि अमनवीर सिंह ज्यादा दिन गुना कलेक्टर नहीं रहेंगे। आखिरकार राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले अमरवीर सिंह को गुना से हटा दिया है। उनके स्थान पर प्रमोटी आईएएस सत्येन्द्र सिंह कलेक्टर बनाकर गुना भेजा है। अमनवीर सिंह के तबादले के पीछे राजनीतिक कारण बताए जा रहे हैं।
सीनियर को हटाकर हरेन्द्र का जिम्मेदारी
भोपाल नगर निगम में 2016 बैच के आईएएस को आयुक्त बनाया है। 2013 बैच के आयुक्त फ्रैंक नोबल को हटाकर 2016 बैच के अपर कलेक्टर भोपाल हरेन्द्र नारायण को नगर निगम भोपाल का नया आयुक्त बनाया गया है। साथ ही उन्हें अपर प्रबंध संचालक मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। हरेन्द्र नारायण सिंह पूर्व में भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्त का जिम्मा संभाल चुके हैं। खास बात यह है कि भोपाल नगर निगम में पिछले 10 साल से वरिष्ठ अधिकारी को आयुक्त की जिम्मेदारी दी जाती रही है। हरेन्द्र नारायण सिंह अभी किसी भी जिले के कलेक्टर भी नहीं रहे हैं। भोपाल नगर निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायण सिंह नर्मदापुरम में एसडीएम रहते पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक डॉ सीतासरण शर्मा पर निधि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाकर विवादों में आए थे। शर्मा ने हरेंद्र नारायण के खिलाफ न्यायालय में आईपीसी की धारा 500, 166, 166 ए, 167, 171, 219 के तहत परिवाद दायर किया था। हरेन्द्र नारायण सिंह ने कमलनाथ सरकार के समय इटारसी एसडीएम रहते डॉ. सीतासरन शर्मा पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विधायक निधि एक धार्मिक ट्रस्ट को देने के आरोप लगाए थे। तब यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था। 2020 में भाजपा सरकार आने के बाद डॉ. शर्मा ने पूर्व एसडीएम हरेंद्र नारायण की शिकायत सामान्य प्रशासन विभाग को भी की थी। जीएडी ने शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया तो उन्होंने, मार्च 2022 को स्थानीय न्यायालय में हरेंद्र नारायण आईएएस के विरुद्ध निधि इस्तगासा मानहानि सहित कई धाराओं में प्रस्तुत किया।