
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट लगाना रास नहीं आ रहा है। यही वजह है कि पुलिस महकमा इन वाहन चालकों से जमकर जुर्माना वसूल रहा है। यह बात अलग है कि पुलिस महज हेलमेट चालकों पर ही कार्रवाई करती है, जबकि सडक़ हादसों की सबसे बड़ी वजह है रांग साइड से वाहन चलाना, लेकिन इस मामले में पुलिस नाम के लिए कार्रवाई करती है। भोपाल में तो पुलिस इस मामले में पूरी तरह से आंख बंद किए रहती है। यही वजह है कि पुलिस कार्रवाई में हेलमेट पर जुर्माना सबसे अधिक होता है।
इस मामले में सबसे अधिक जुर्माना जबलपुर में वसूला गया है तो दूसरे नंबर पर भोपाल है। इसके बाद ग्वालियर और इंदौर का नंबर आता है। खास बात यह है कि इस तरह की कार्रवाई सिर्फ शहरी इलाकों में ही की जा रही है। इसका उदाहरण भोपाल है।
भोपाल शहर में तो हर सडक़ और चौक चौराहों पर पुलिस चालानी कार्रवाई करते नजर आती है, लेकिन भोपाल की देहात पुलिस इस मामले में शांत ही रहती है। इस मामले में उमरिया जिला सबसे फिसड्डी बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के अलग – अलग जिलों में दो पहिया वाहन चालकों ने हेलमेट नहीं पहनने को लेकर सख्त कार्रवाई कर मोटर व्हीकल एक्ट में कार्रवाई के आंकड़े जारी किए हैं। इसमें सबसे अधिक हेलमेट को लेकर जबलपुर जिले में की गई है, जहां लगातार दो पहिया वाहन चालकों पर कार्रवाई कर 77 हजार सात 28 चालान बनाकर करीब एक करोड़ 93 लाख 86 हजार पांच सौ रुपये जुर्माना राशि वसूल कर प्रदेश में पहले स्थान पर है, जबकि उसके बाद भोपाल है, जहां 75 हजार 788 कार्रवाई कर दूसरे स्थान पर है। 49 हजार 140 चालान बनाकर करीब 1 करोड़ 22 लाख 78 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना राशि वसूलकर तीसरे स्थान पर ग्वालियर है, जबकि इंदौर ऐसे कार्रवाई में सबसे नीचे हैं। इंदौर ने सिर्फ 46 हजार 425 चालान बनाए हैं और एक करोड़ 15 लाख 92 हजार 450 रुपये जुर्माना राशि वसूलकर चौथे नंबर पर है।
यह हैं फिसड्डी
उमरिया में 2189 चालान बनाकर करीब पांच लाख 47 हजार 250 रुपये वसूले गए हैं। इसी तरह से भोपाल देहात में 2295 चालान बनाकर करीब पांच लाख 47 हजार 750 रुपये वसूले गए। आगर मालवा इससे ऊपर है, वहां 2380 चालान बनाए गए। इसी तरह से इंदौर देहात में 5308 चालान बनाकर करीब 13 लाख 51 हजार जुर्माना राशि वसूल की गई है।