भूपेंद्र दागी या पाक साफ… 8 अगस्त तक तैयार होगी रिपोर्ट

 भूपेंद्र सिंह

मंत्री के साथ परिजनों की संपत्ति की भी होगी जांच

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में चुनावी साल में लोकायुक्त ने वर्षों से पेडिंग सैकड़ों शिकायतों को नजरअंदाज कर जिस तरह से मंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ की गई शिकायत को संज्ञान में लेकर जांच शुरू करवाई है, उससे सभी आश्चर्य चकित हैं। सवाल उठने लगा है की अपनी पदस्थापना के साढ़े पांच साल बाद आखिरकार लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता इतने सख्त क्यों नजर आ रहे हैं। लोकायुक्त के विधि सलाहकार भूपेंद्र निगम ने विशेष लोकायुक्त पुलिस को  8 अगस्त तक मंत्री और उनके परिजनों की संपत्ति की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। यानी भूपेंद्र सिंह दागी हैं या पाक साफ , यह 8 अगस्त के बाद साफ हो जाएगा।
गौरतलब है कि मप्र कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और कांग्रेस के आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पुनीत टण्डन ने इस संबंध में शिकायत की थी। कांग्रेस नेताओं ने बीते 30 मई को पीसीसी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह पर चुनाव आयोग में प्रस्तुत उनके शपथ पत्रों, एडीआर रिपोर्ट और खसरा अभिलेखों के आधार पर अनुपातहीन संपत्ति होने के आरोप लगाए थे। कांग्रेस नेताओं की इस शिकायत पर लोकायुक्त ने जांच क्रमांक 0035/ई/ 2023-24 के मामले में पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त से 8 अगस्त 2023 तक जांच रिपोर्ट मांगी है। कांग्रेस नेताओं ने मंत्री भूपेंद्र सिंह पर यह भी आरोप लगाया था कि उनके और उनके परिवारजनों ने 10 साल के भीतर लगभग 46 करोड़ की अकूत संपत्ति अर्जित की है। ये भी कहा था कि आश्चर्यजनक रूप से वर्ष 2018-19 में लगभग 7 करोड़ रुपये वार्षिक आय होने संबंधी रिटर्न प्रस्तुत करना भी अर्जित अनुपातहीन एवं आय से अधिक संपत्ति को दर्शाता है।
मंत्री और उनके परिवार पर ये हैं आरोप
भूपेंद्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह के नाम अचल संपत्तियों में साल 2008 में सागर में एक करोड़ का दीपाली होटल, साल 2013 में इसी होटल में 50 प्रतिशत भागीदारी और साल 2018 में 33.27 करोड़ रुपए की संपत्ति दिखाई गई है। स्पष्ट है कि भूपेंद्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह की अचल संपत्ति में साल 2008-09 से साल 2018 के बीच करीब 33 गुना की बढ़ोतरी दिए गए शपथ पत्रों में दिख रही है। चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्रों से यह नजर आता है कि सरोज सिंह का होटल दीपाली और साल 2013 के बाद शुरू हुए दीपाली ऑटोमोबाइल नाम के प्रतिष्ठान के अतिरिक्त अन्य आय का साधन नहीं हैं। यदि भौतिक रूप से सागर जिले में स्थित दीपाली होटल और उसके साथ संलग्न मैरिज हॉल, एक्टेंशन होटल, प्ले जोन आदि का मूल्यांकन विशेषज्ञों के माध्यम से किया जाए, तो यह संपत्ति करीब 200 करोड़ से अधिक की है। इससे स्पष्ट होता है कि सरोज सिंह और उनके भागीदार भूपेंद्र सिंह ने अर्जित अनुपातहीन धन को दीपाली होटल और उसके साथ ही संलग्न संपत्तियों के निर्माण में खर्च कर करोड़ों के आयकर की हेराफेरी की। मनी लॉन्ड्रिंग भी की गई है। साल 2018 में भूपेंद्र सिंह के नामांकन के साथ दिए शपथ पत्र के अनुसार उनकी पत्नी सरोज सिंह को विभिन्न दान-पत्रों व रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों के माध्यम से 13 जून 2014, 07 मार्च 2015 और 23 दिसंबर 2016 को करीब 1.06 हेक्टेयर भूमि /वाणिज्यिक भूमि और 60,632 वर्ग फीट पर निर्मित भवन व कार्यालय की संपत्ति मिलना बताया है। जबकि साल 2008, साल 2009 व साल 2013 के शपथ पत्र में सिर्फ होटल दीपाली में 50 प्रतिशत भागीदारी दिखाई गई है। इससे स्पष्ट है कि साल 2013 से साल 2018 के बीच सरोज सिंह की संपत्ति में कई गुना वृद्धि हुई है।
यदि सरोज सिंह के नाम दान में मिले आवास, सह कार्यालय का भौतिक मूल्यांकन किया जाए, तो यह सागर स्थित संपत्ति का वर्तमान मूल्य करीब 15 से 20 करोड़ के आसपास है। चुनाव आयोग के समक्ष समय-समय पर दिए गए शपथ पत्रों से स्पष्ट होता है कि भूपेंद्र सिंह की अचल संपत्तियों में साल 2008 में 1.10 करोड़ रुपए, साल 2009 में 1.40 करोड़ रुपए, साल 2013 में 3.57 करोड़ और साल 2018 में 7.67 करोड़ दिखाया गया है। स्पष्ट है कि लोकसेवक के पद पर रहते हुए भूपेंद्र सिंह की अचल संपत्ति में कई गुना की वृद्धि हुई है। इसी तरह उनकी चल संपत्तियों में साल 2013 में 1.30 करोड़ और साल 2018 में 2.86 करोड़ दर्शाए गए हैं, जो कि पांच साल के दौरान करीब दोगुना से अधिक की वृद्धि है। यह गंभीर सवाल खड़े करता है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग के समक्ष समय-समय पर प्रस्तुत शपथ पत्रों से स्पष्ट है कि साल 2008 व साल 2009 में मंत्री भूपेन्द्र सिंह के पास ग्राम बामोरा जिला सागर में 10 एकड़ कृषि भूमि 50 लाख रुपये की थी, जो साल 2013 में मात्र 1.37 एकड़ जिसकी कीमत 19.25 लाख दिखाया गया। साल 2013 से साल 2018 के बीच भूपेन्द्र सिंह को विरासत में 5.71 हेक्टेयर और 0.22 हेक्टेयर अनुमानित मूल्य 1.29 करोड रूपए हो गई। इसकी जांच करने की जरूरत है। साल 2018 के नामांकन शपथ पत्र से स्पष्ट है कि भूपेन्द्र सिंह की आश्रित पुत्रियों को 3.22 और 3.22 हेक्टेयर भूमि 24.07.2018 और 30.07.2018 को मिली है, जिनका भुगतान सरोज सिंह पत्नी भूपेन्द्र सिंह द्वारा करना दिखाया गया है। इससे स्पष्ट है कि सरोज सिंह द्वारा वर्ष 2013 से 2018 के बीच बेटियों के नाम अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की गई है।
2 महीने के अंदर फैक्ट्स जुटाने के निर्देश
कांग्रेस की शिकायत पर कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ लोकायुक्त ने प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में जांच करने के लिए लोकायुक्त पुलिस को पत्र लिखा गया है। लोकायुक्त अध्यक्ष को दो महीने के अंदर फैक्ट्स रिपोर्ट पेश करनी है। लोकायुक्त के निर्देश के बाद डीजी ने लोकायुक्त एसपी सागर को जांच के लिए कहा है। पिछले महीने मंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त में शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता ने शपथ पत्र भी साथ में भी दिया था। जिसके बाद लोकायुक्त ने प्राथमिक जांच के आधार पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच करने का फैसला किया। लोकायुक्त संगठन ने विशेष लोकायुक्त पुलिस को निर्देश दिए हैं। कि 8 अगस्त रिपोर्ट तैयार करें। साथ ही शिकायत में जिन मामलों के बारे में कहा गया है, इस संबंध में आर्थिक रिपोर्ट में जुटाने के लिए कहा गया है। जिससे 14 अगस्त को लोकायुक्त अध्यक्ष के पास रिपोर्ट भेजी जाए। लोकायुक्त सूत्रों ने बताया कि मंत्री के खिलाफ जांच करने के लिए संगठन के पास एडीआर और चुनाव आयोग को दिए हलफनामा दिया है। जिसमें प्राथमिक रूप से खामियां पाई गई है। इसी के आधार पर लोकायुक्त के ला एक्सपर्ट की राय पर संगठन के जांच करने का फैसला किया है। मंत्री की बेटियों के नाम की संपत्ति की भी जांच होगी।

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