कचरा प्रबंधन में भोपाल सबसे फिसड्डी

कचरा प्रबंधन
  • प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सबसे अधिक भोपाल पर 25.8 करोड़ का लगाया जुमार्ना

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। स्वच्छता सर्वेक्षण में भले ही मप्र के नगरीय निकायों ने अपना लोहा मनवाया है, लेकिन कचरा प्रबंधन में वे लापरवाह बने हुए हैं। देश का सबसे ज्यादा साफ-सुथरा शहर इंदौर हो या भोपाल किसी ने भी ठीक से कचरा प्रबंधन नहीं किया है। प्रदेश में भोपाल कचरा प्रबंधन में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उसपर  25.8 करोड़ का जुर्माना लगाया है। वहीं पूरे प्रदेश की निकायों पर 274 करोड़ का जुर्माना ठोका गया है। बोर्ड ने जुर्माना एनजीटी के निर्देशों के पालन में लगाया है। गौरतलब है कि एनजीटी केनिर्देशों के अनुसार निकायों को ठोस अपशिट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और नालों के पानी को उपचारित कर छोड़ने के अप्रैल 2021 तक का समय दिया गया था। तब कोरोना संक्रमण हावी था, इसलिए निकायों को जुलाई तक का समय दिया था। इसके बाद भी निकायों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
    ऐसे में रोज के हिसाब से होने वाले प्रदूषण के आधार पर बोर्ड ने जुर्माना  लगाया। देश के सबसे ज्यादा साफ-सुथरे शहर इंदौर सहित प्रदेश के 376 निकायों को कचरा प्रबंधन में लापरवाही करना भारी पड़ गया है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन निकायों पर 273.99 करोड़ का जुर्माना लगाया है। राशि जमा करने एक माह दिया है। ऐसा नहीं होने पर निकायों से जवाब मांगा जाएगा।
    उज्जैन, छिंदवाड़ा ने किया बेहतर काम
    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए उज्जैन, छिंदवाडा नगर निगम ने सीवरेज ट्रीटमेंट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, नालों के उपचार पर बेहतर काम किया है। इसके चलते इन निकायों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया। वहीं भोपाल नगर निगम पर 25.8 करोड़, रीवा नगर निगम पर 5.70 करोड़ सिंगरौली नगर निगम पर 3 करोड़, इंदौर नगर निगम पर 2.7 करोड़, बुरहानपुर नगर निगम पर 1.92 करोड़, खंडवा नगर निगम पर 1.62 करोड़, जबलपुर नगर निगम पर 1.56 करोड़, सागर नगर निगम पर 1.12 करोड़ और ग्वालियर नगर निगम पर 80 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
    407 निकायों का फिर से सर्वे
    जानकारी के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदेश के 407 निकायों का फिर से सर्वे करेगा। अगर इन निकायों ने कचरा प्रबंधन और सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए मानदंड के अनुसार उपाय नहीं किया तो इन पर फिर से जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि इन निकायों  के कचरा प्रबंधन के प्रतिशत के आधार पर लगाई जाएगी। बताया जाता है कि सीवरेज नेटवर्क के लिए प्रदेश में 117 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं, लेकिन ये सभी ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक नहीं बना पाए हैं।

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