
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित आठ तरह की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन में संभाग स्तर पर भोपाल की स्थिति लगातार दयनीय होती जा रही है। हालत यह है कि इस बार भोपाल संभाग को सातवां स्थान ही मिल सका है। इस बार भी ग्वालियर संभाग पहले की तरह शीर्ष पर बना हुआ है।
भोपाल की स्थिति यह तब है जबकि अन्य स्ांभाग लगातार इनके क्रियान्वयन के मामलों में तेजी से अच्छा काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। यही वजह है कि इस बार उज्जैन संभाग ने दो पायदान की छलांग लगाते हुए चौथे से दूसरा और जबलपुर ने छठवें से तीसरा स्थान पाया है। इनके बाद इंदौर, होशंगाबाद, सागर, शहडोल, रीवा और चंबल संभाग की बारी आती है। इसमें भी खास बात यह है कि जिस संभाग को पहला और जिसे अंतिम स्थान मिला है उन दोनों ही संभागों की कमान एक ही अफसर के हाथ में है। अगर जिलों की बात की जाए तो संभाग की ही तरह भोपाल जिले की रैंकिंग में भी गिरावट दर्ज की गई है।
इस मामले में भोपाल जिले पर इस बार बैतूल और दतिया जैसे जिले भारी पड़े हैं। इन दोनों ही जिलों ने आठ बार के नंबर-वन भोपाल को पीछे छोड़ दिया। इस बार खास बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ एक माह में पांच जिलों को ए ग्रेड मिला है। खास बात यह है कि बैतूल के कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस, प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के पुत्र हैं। विभाग द्वारा जारी की गई अगस्त माह की परफॉर्मेंस रिपोर्ट में जिलों के स्तर पर ग्रेडिंग में बैतूल ने छह माह में सभी जिलों को पीछे छोड़ दिया। बैतूल जिले को इस मामले में औसत अंक 4.43 मिले हैं। इसी तरह से दतिया जिले ने भी उसके बराबर ही अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया हैं। उल्लेखनीय है कि जुलाई की रिपोर्ट में बैतूल 24वें और दतिया 19वें स्थान पर थे। जबकि अब नंबर एक पर रहने वाला भोपाल जिला तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। जिलों में बैतूल और दतिया के अलावा भोपाल, छिंदवाड़ा और मंदसौर को ए प्लस ग्रेड मिला है जो कि अब तक की ग्रेडिंग में पहली बार है। खरगोन ने भी इस बार छलांग लगतो हुए 17 वें स्थान से शीर्ष पांच में जगह बनाई है।
ग्रेडिंग में शामिल योजनाएं
विभाग की जिन योजनाओं को ग्रेडिंग में शामिल किया गया है उनमें ग्रामीण आजीविका मिशन, महात्मा गांधी नरेगा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वॉटरशेड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायत एवं सीएम हेल्पलाइन शामिल हैं। इनमें जिन पांच जिलों को ए ग्रेड मिला है उनमें बालाघाट, खरगोन, देवास, छतरपुर, डिंडोरी, गुना और विदिशा शामिल हैं, जबकि ग्रेड बी पाने वालों में 14 जिले, ग्रेड सी पाने वालों में 22 जिले और ग्रेड डी पाने वालों में जो तीन जिले शामिल हैं उनमें हरदा, सिंगरौली और भिंड जिला शामिल है।
इस वजहसे बैतूल ने मारी बाजी
बैतूल जिले ने जिसकी वजह से ग्रेडिंग में बड़ी छलांग लगाई है उसमें जिले में पानी को लेकर बहुत अच्छा काम किया जाना तो शामिल है ही साथ ही पीएम आवास के नाम पर किस्तें लेकर घर नहीं बनाने वालों से रिकवरी तेज की गई। इसके लिए कई को तो गिरफ्तार भी किया गया। इसी तरह से कलेक्टर अमनबीर सिंह के प्रयासों से लोगों को एसआरएलएम में बैंकों से 18 करोड् रुपए तक का कर्ज दिलवाया गया। इसके अलावा मनरेगा में मजदूरों की संख्या बढ़ाने, वॉटर हार्वेस्ंिटग, चेक डेम, तालाब निर्माण पर फोकस किया गया।