
- ग्राम छापर में उद्योग लगाएगी सरकार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मालवा के पीथमपुर की तरह मध्यभारत के भोपाल को औद्योगिक हब बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, देश-विदेश के कई बड़े निवेशक भोपाल के आसपास औद्योगिक इकाईयां स्थापित करना चाहते हैं। ऐसे निवेशकों के लिए सरकार ने राजधानी के आसपास के इंडस्ट्रियल एरिया में निवेश करने के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। जानकारी के अनुसार राजधानी के आसपास रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नई इंडस्ट्री लगाई जा रही हैं। इसके लिए भोपाल जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत अगरिया के अंतर्गत आने वाले गांव छापर में इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सरकार भोपाल को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है। अब भोपाल जिले में बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत अगरिया में काम की तलाश करते शिक्षित युवा बेहतर धंधा स्थापित कर सकेंगे। इसके लिए उद्योग विभाग ने दो सौ एकड़ जमीन शासन से अधिग्रहित की है। जिस पर काम प्रारंभ हो गया है। इसकी निरंतर देखरेख चल रही है। वहीं जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र का कहना है कि अचारपुरा में भी 12 एकड़ में लघु एवं सूक्ष्म उद्योग लगाए जाएंगे। यहां भी जमीन आवंटन होने के बाद नपती करा ली गई है। अधिकारियों का कहना कि दोनों ही जगहों पर छोटे-छोटे प्लाट काटे जाएंगे। जहां से रोजगार प्रारंभ किया जाएगा। विभाग में अधिकारियों कहना है कि दोनों ही जगहों पर करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र भोपाल के महाप्रबंधक सत्येन्द्र सिंह का कहना है कि छापर में दो सै एकड़ जमीन पर लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा अचारपुरा में भी 12 एकड़ जमीन पर उद्योग लगाये जा रहे हैं। इससे करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
दो हजार को मिलेगा रोजगार
राजधानी से सटी ग्राम पंचायत अगरिया के अंतर्गत आने वाले गांव छापर में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को यह जमीन आवंटित हुई है। करीब दो हजार लोगों को यहां रोजगार देने का लक्ष्य है। जानकारी है कि पिछले दो साल की लंबी प्रक्रिया के बाद उद्योग विभाग को यह जमीन राजस्व विभाग मिली है। इसके बाद इसकी नपती का काम कंपलीट हो गया है। गांव वालों के अनुसार नपती के समय कुछ किसानों की समस्याएं थीं, जिनका समाधान किया जा रहा है। जहां रेवेन्यु विभाग ने उद्योग को जमीन उपलब्ध कराई है। वहां से किसानों की पाइप लाइनें डली हुई है। जिनका निराकरण किया जा रहा है। कुछ लोग अवैध रूप से शासन की जमीन पर खेती उत्पादन कर रहे थे। इन्हें चेतावनी दी गई है। छापर में जो जमीन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को मुहैया कराई गई है। वहां अधिक पठारी इलाका है। जानकारी है कि नपती का काम कंपलीट होने के बाद अब इसके समतलीकरण का काम प्रारंभ हो रहा है। इस कार्य में समय लगेगा। क्योंकि भारी उतार चढ़ाव होने के साथ-साथ भूमि पथरीली है। विभाग सूत्रों के अनुसार वर्ष के अंत तक समतलीकरण का काम पूरा होने के बाद नूतन वर्ष से यहां लघु एवं सूक्ष्म उद्योग प्रारंभ हो जाएंगे। जानकारी है कि इन दोनों ही ग्रामों में उद्योग विस्तारीकरण में बड़ी संख्या में आरा मशीनें लगाई जाएंगी। जहां लकड़ी से संबंधित काम होंगे। इसके अलावा, सिले सिलाये कपडों का व्यापार होगा। चमडे से बने जूते, बैग, बेल्ट, ब्यूटी पार्लर, फोटोकापी केन्द्र, प्लेसमेंट सेवा, नमकीन, मिठाईयां, अचार सहित हस्त शिल्प निर्मित वस्तुओं के रोजगार होंगे।
