
– प्रदेश की 130 जेलों में बंद अपराधियों को नि:शुल्क शिक्षा की कवायद
-कैदियों को यूजी-पीजी की डिग्री देगा विश्वविद्यालय
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। भोज मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों का नि:शुल्क शिक्षा देगा। इसके लिए विश्वविद्यालय ने एक कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत भोज विवि प्रदेश के सभी 130 जेलों में अपने स्टडी सेंटर खोलेगा, जहां अपराधियों को प्रवेश देकर डिग्री देगा। भोज मुक्त विवि के रजिस्ट्रार एलएस सोलंकी का कहना है कि प्रदेश की सभी जेलों में बंद अपराधियों को डिग्री देने के लिये कुलपति जयंत सोनवलकर ने व्यवस्था जमाई है।
जेलों में स्टडी सेंटर खुलने के बाद अपराधियों को पढ़ाने की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इसमें उनसे कोई शुल्क नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि जेल में बंद अपराधियों के पास ज्यादा राशि नहीं होती है। इसलिए विवि अपराधियों से प्रवेश लेने पर कोई शुल्क नहीं लेगा। यहां तक कि सश्रम कारावास काट रहे अपराधियों को मिलने वाली मजदूरी भी नहीं देना होगी। अभी तक भोज विवि को करीब दो दर्जन अपराधियों के प्रवेश लेने के लिए फार्म मिल चुके हैं। इसके चलते भोज विवि के कुलपति जयंत सोनवलकर ने प्रवेश की तिथि में 15 दिन की बढ़ोतरी की है। अब वे 15 जनवरी तक प्रवेश ले सकते हैं। हालांकि अभी तक भोज विवि में करीब 75 हजार विद्यार्थियों के प्रवेश हो चुके हैं।
पसंद के सभी विषयों में प्रवेश
भोज विवि हरेक जेल में एक स्टडी सेंटर खोलेगा। जहां अपराधी अपने पसंद के सभी विषयों में प्रवेश लेकर अध्ययन कर पाएंगे। उन्हें पढ़ने और लिखने के लिये स्टडी मटेरियल तक दिया जाएगा। जरुरत होने पर उन्हें 15 दिनों का अध्ययन तक कराया जाएगा। उन्हीं जेलों में उनके एग्जाम सेंटर बनाकर परीक्षाएं तक कराई जाएंगी। डिग्री लेकर कारावास से मुक्त होकर वे नौकरी तक कर पाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने हर साल प्रवेश की गाइडलाइन जारी करता है। इसमें हमेशा कालेजों में अपराधियों के प्रवेश पर रोक लगाई जाती है। वर्तमान सत्र 2021-22 में गाइडलाइन के 26.2 और 26.3 में अपराधियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। इससे प्रदेश के आठ पारंपरिक विवि उन्हें प्रवेश नहीं दिये। वहीं मंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देशित किया है कि न्यायालय में चल प्रकरणों में विद्यार्थियों (आरोपी व मुल्जिम) को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं अपराधियों के प्रवेश देने और नहीं देने पर सोशल मीडिया पर मंत्री, राजनेता और पक्ष-विपक्ष सफाई देने में लगे हुए हैं।