भिंड लोकसभा सीट: एक को बयान तो दूसरे को संपर्क न करना पड़ रहा भारी

भिंड

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भिंड-दतिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी घोषित हो जाने की वजह से चुनावी प्रचार शुरु हो गया है। प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया को अपने बयान परेशान कर रहे हैं ,तो वहीं भाजपा प्रत्याशी संध्या राय को बीते पांच सालों में क्षेत्र में नहीं जाने की वजह से परेशानी हो रही है। इस सीट पर अभी बसपा ने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि इस सीट पर इस बार भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों की राह आसान नहीं रहने वाली है। भाजपा प्रत्याशी संध्या राय की बात की जाए तो उन्हें जगह-जगह आमजन की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है, कि जब वह किसी गांव में पहुंचती है तो लोगों की जुबान पर एक ही नाम आता है, कि पांच साल आप कहां रही? और क्या विकास कराए हैं। केन्द्र व राज्य में भाजपा की सरकार होने के बाद भी बीते पांच सालों में क्षेत्र को कोई बड़ी सौगात नहीं दिला पाई। हालांकि पिछले साल भिंड-अटेर मार्ग स्थित रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज, सोनी, सौंधा और रायतपुरा में ओवरब्रिज जरूर मंजूर कराए गए हैं, लेकिन इन सभी चारों जगहों में से एक भी जगह काम ही शुरु नहीं हुआ है। यही वजह है, कि महाशिवरात्रि पर जब सांसद राय मेहगांव के वनखंडेश्वर मंदिर पर पहुंची, तो  सजातीय लोगों ने ही उन्हें आड़े हाथों ले लिया और भरी बैठक में पूछ लिया था, कि पांच सालों में आपको समाज की कभी याद नहीं आई है । इस दौरान उनसे पांच सालों में कराए गए विकास कामों की कैफियत भी ली गई। इसी तरह उमरी भी उन्हें आमजन के विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि भाजपा के नेताओं ने सांसद के डैमेज कंट्रोल को संभाल लिया है।
विवादित बयानों का साया
कांग्रेस ने इस बार भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को प्रत्याशी बनाया है। वे भिंड जिले के गोरमी क्षेत्र के सिकरौदा के रहने वाले हैं, लेकिन उनका राजनीतिक कार्य क्षेत्र दतिया का भांडेर ही रहा है। यही वजह है, कि 2003 के बाद 2023 में फिर से यहीं से विधायक बने हैं। बरैया क्षेत्र में अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में बरैया ने घोषणा की थी, कि अगर भाजपा 50 से अधिक सीटें लाती हैं तो वह अपना मुंह काला करवाएंगे। भाजपा 160 से अधिक सीटें आई तो बरैया भोपाल पहुंच गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने काला टीका लगाकर मुंह काला करने की औपचारिकता की थी। बरैया के लिए सबसे अधिक मुश्किलें 2019 में प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया बन रहे हैं। टिकट कटने से आहत जरारिया इंटरनेट मीडिया पर अपना दुख भी जता सके हैं। इसके अलावा टिकट की दौड़ में शामिल लोगों ने उनसे और पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी है।

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