
- सडक़ें टूटी-फूटी तो इंजीनियर पर गिरेगी गाज
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में जिस तेजी से सडक़ों का निर्माण हो रहा है, उसी तेजी से वह टूट-फूट भी रही हैं। खासकर मानसून में तो प्रदेशभर की सडक़ों की स्थिति जर्जर हो जाती है। इससे सरकार के साथ ही लोक निर्माण विभाग की भी खुब फजीहत हो रही है। इसको देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने सख्त रूख अख्तियार किया है और निर्णय लिया है की अब अगर सडक़ें टेटी-फूटी तो इंजीनियर भी जिम्मदार होंगे। इसके लिए उनको सजा भी दी जाएगी।
गौरतलब है कि इस बार मानसून में भी सैकड़ों किमी सडक़ें खराब हुई हैं। प्रदेश में ज्यादा बारिश से सडक़ों की स्थिति खराब हुई है। कहीं गड्ढे हुए, तो कहीं ऊपरी परत उधड़ गई। ऐसी सडक़ोंं को चिह्नित करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रदेशभर में सर्वे कराया था। रिपोर्ट में लगभग 168 किमी लंबे हिस्से को सुधारने की आवश्यकता बताई गई है। यह काम अगले 15 दिनों में किया जाएगा। साथ ही विभाग ने तय किया है कि सडक़ खराब होती है तो उसके लिए एजेंसी के साथ इंजीनियर भी जिम्मेदार होंगे। उन्हें समय पर सूचित करना होगा, ताकि रखरखाव कराया जा सके।
टीम बनाकर कराया गया सर्वे
प्रदेश के कई जिलों में इस बार अतिवर्षा की स्थिति बनी। इसके कारण सडक़ों में गड्ढे भी हुए और कुछ सडक़ों की ऊपरी परत भी उधड़ गई। इसे देखते हुए लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने अभियंताओं की टीम मैदान में उतारकर सर्वे कराया। लगभग दस हजार किलोमीटर सडक़ का सर्वे हुआ। इसमें 168 किलोमीटर सडक़ ऐसी पाई गई, जिसका रखरखाव जल्द किया जाना आवश्यक है। इसे देखते हुए प्रमुख अभियंता केपीएस राणा ने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि अक्टूबर में रखरखाव का काम प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए। जो सडक़ परफार्मेंस गारंटी में हैं, उनका काम एजेंसी से कराएं और जो विभाग के पास हैं, उनके लिए ठेकेदार चिह्नित किए जाएं। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि जिस सडक़ पर गड्ढे पाए जाएंगे, उसके लिए एजेंसी के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र के इंजीनियर की जिम्मेदारी तय होगी। मुख्य अभियंता, कार्यपालन यंत्री से लेकर सहायक यंत्री तक के निरीक्षण के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसका उद्देश्य यही है कि सडक़ें ठीक रहें और जहां भी सुधार की आवश्यकता हो, वहां समय रहते काम हो जाए ताकि बड़ा नुकसान न हो। उधर, प्रदेश के नगरीय निकायों के अंतर्गत आने वाली सडक़ों को भी शीघ्र सुधारा जाएगा। पिछले दिनों विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने भोपाल की सडक़ों का दौरा करके अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि रखरखाव का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसके बाद भोपाल में खराब सडक़ों को सुधारना भी प्रारंभ हो गया है। अन्य नगर निगमों में भी सडक़ सुधार का काम होगा।
