
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ प्रदेश में सरकार के गठन का काम जारी है, तो ऐसे में अपैक्स बैंक प्रबंधन ने एक तुगलकी फरमान जारी कर दस दिनों में सहकारी बैंकों में रिक्त चल रहे पदों में से 60 फीसदी पदों पर भर्ती का आदेश जारी कर दिया है। यह भर्ती समिति प्रबंधकों के पदों पर की जानी है। इस फरमान के विरोध में तमाम जिला सहकारी बैंकों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसकी वजह से इस भर्ती को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। दरअसल जारी किए गए फरमान में कहा गया है कि रिक्त चल रहे इन पदों पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पात्र कर्मचारियों की भर्ती दस दिन में कर दी जाए। उधर, विभिन्न जिला बैंकों के अंतर्गत आईबीपीएस के माध्यम से की गई भर्तियों में चयनित समिति प्रबंधकों को वित्तीय संकट होने की दुहाई देते हुए जिला सहकारी बैंक अपने यहां ज्वाइनिंग देने को तैयार नहीं हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में 38 जिला केंद्रीय एवं सहकारी बैंक के अंतर्गत 4,525 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां कार्यरत हैं। जिनसे 50 लाख से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में नियमित समिति प्रबंधकों के पद लंबे समय से बड़े पैमाने पर रिक्त चल रहे हैं। इन पदों को भरने के लिए ही बीते दो साल से भर्ती की प्रक्रिया चल रही है लेकिन, भ्रष्टाचार के चलते भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। हालत यह है कि छतरपुर जिले की एक सूची लोकायुक्त संगठन तक पहुंच चुकी है। उधर, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ग्वालियर ने आईबीपीएस के माध्यम से कई भर्ती को लेकर कहा है कि बैंक कमजोर श्रेणी में है। बैंक आरबीआई एक्ट का पालन भी नहीं कर पा रहा। बैंक नेटवर्थ 1,9183.65 लाख है। बैंक की वर्तमान संचित हानि 222.49 करोड़ है। एनपीए 384.63
करोड़ है।
यह जारी किया गया फरमान
चुनावी आचार संहिता खत्म होते ही अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक पीएस तिवारी ने सभी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 12 दिसंबर को निर्देश जारी किए हैं। एमडी ने भर्ती के लिए दस दिन का समय दिया है। कहा गया है कि 60 प्रतिशत रिक्तियों की पूर्ति प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पात्र कर्मचारियों में से किया जाना है। वर्तमान में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावशील नहीं है। इसलिए रिक्तियों की पूर्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रतिवेदन दें। कहा जा रहा है कि दस दिन में भर्ती कार्रवाई पूरी कराने का दबाव इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि एमडी का रिटायरमेंट 30 दिसंबर को है। इसके पहले वे भर्ती कराने का श्रेय लेना चाहते हैं। इस जल्दबाजी में विभाग के मंत्री तय होने का भी इंतजार नहीं किया जा रहा।
4 हजार पदों पर होनी हैं भर्तियां
जानकारी के अनुसार साढ़े चार हजार समितियों में आईबीपीएस के माध्यम से 40 प्रतिशत के मान से करीब 1,300 और विभागीय तौर पर 60 प्रतिशत पदों पर भर्ती प्रक्रिया में 2,800 पद भरे जाने हैं।