शैक्षणिक संस्थाओं को बंद करने होंगे मनमानी से खोले गए बैंक खाते

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भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में कई शैक्षणिक संस्थाओं की कमान संभालने वाले अफसरों ने अपनी मनमर्जी से बैंक खातों को खुलवा दिया। खास बात तो यह है कि कई खातों की तो कोई उपयोगिता तक नहीं है। यही नहीं इन खातों को खुलवाने के पहले नियमानुसार वित्त विभाग से अनुमति तक नहीं ली गई है। हाल ही में ऐसे खातों की जानकारी सामने आने के बाद आयुक्त कोष एवं लेखा ने शिक्षा विभाग को सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं के इस तरह के खाते बंद करने को कहा है। इसके लिए एक हफ्ते का समय तय किया गया है।
खास बात यह है कि इस तरह के खाते स्कूलों, महाविद्यालयों, राज्य स्तरीय शैक्षणिक संस्थाओं और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा खोले गए हैं। दरअसल आयुक्त कोष एवं लेखा के आंतरिक लेखा परीक्षण दल ने डाइट विदिशा के लेखों का अंकेक्षण किया था। इस दौरान पता चला है कि डाइट विदिशा में वित्त विभाग की अनुमति के बिना खोले गए बैंक खातों और वर्तमान में अनुपयोगी बैंक खातों का संचालन किया जा रहा है।
इसके बाद ही ऐसे सभी बैंक खातों को बंद करने के लिए आयुक्त कोष एवं लेखा ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था। इसके बाद संचालक राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी स्कूल प्राचार्य, प्रशिक्षण संस्थान, राज्य स्तीय संस्थाओं को निर्देश दिए हैं कि सात दिन के भीतर बिना अनुमति के एवं वर्तमान में अनुपयोगी बैंक खातों का संचालन बंद कर उन्हें जानकारी भेजें। सभी से यह जानकारी भी मांगी गई है कि किस योजना के लिए बैंक खाते खोले गए थे। प्रयोजन क्या था। किस बैंक की किस शाखा में खाता खोला गया। खाता क्रमांक क्या है और तीस जून 2021 तक उसमें कितनी राशि जमा है। अंतिम लेन-देन कब किया गया था। खाता बंद कब किया गया और खाता संचालन की आवश्यकता है या नहीं। यदि हां तो इसका कारण क्या है।

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