एजी-8 के 11 प्रोजेक्ट्स में… नई बुकिंग-आवंटन पर रोक

  • एजी-8 वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड पर रेरा की सख्ती
  • विनोद उपाध्याय
आवंटन पर रोक

खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मप्र भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने राजधानी में एजी-8 वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड पर नकेल कसते हुए उसके 11 प्रोजेक्ट्स में नई बुकिंग और आवंटन पर रोक लगा दी है। जानकारी के अनुसार राजधानी में एजी-8 वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए खरीदारों से लिया एक अरब रुपए कहीं और खर्च कर दिया। यह योजनाओं के कार्य में ही लगाया जाना था। सूत्रों का कहना है कि मामला सामने आने के बाद रेरा ने एजी-8 वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को खरीदारों के 47 करोड़ रुपए लौटाने के आदेश दिए थे। इस पर बिल्डर ने अमल नहीं किया। अब रेरा ने एजी-8 के 11 समेत 13 प्रोजेक्ट्स में नई बुकिंग और आवंटन पर रोक लगा दी है। रेरा चेयरमैन एपी श्रीवास्तव और सदस्य एसएस राजपूत की ओर से हाल में जारी एक आदेश में इसका जिक्र किया गया है। इसमें बताया कि एजी 8 वेंचर्स ने प्राधिकरण में 11 प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कराया था। इन परियोजनाओं के आवंटियों से मिली राशि को रेरा अधिनियम के अनुसार प्रोजेक्ट्स के विशिष्ट खाते में नहीं रखा गया। प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि रेरा एक्ट और उसके नियमों का उल्लंघन प्रमोटर ने किया है। ऐसा काम करना जारी है और आगे भी किए जाने की आशंका है। ऐसे में रेरा की तरफ से जांच कराई जा रही है। इसके अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने तक रेरा ने 13 प्रोजेक्ट्स में नई बुकिंग, आवंटन आदि पर आंतरिम रोक लगा दी है। इसमें एजी 8 के आकृति एक्वासिटी, आकृति बिजनेस आर्केड, आकृति कोलार सिटी, आकृति हाईलैंड, आकृति इकोसिटी ईडब्ल्यूएस, प्राइम स्ट्रीट, एस्टर सीरिज (एजे-1 व एआर-2), ऑर्चिड हाइट्स, एस्टर प्लेटिनम, आकृति गार्डन फेज 4, आकृति फ्लेमिंगो 3 और टीटी नगर में कान्हा ग्रीन्स व सलैया का स्वर्ण भूमि फेज 1 शामिल हैं।
100 करोड़ से अधिक राशि दूसरी जगह उपयोग
जानकारी के अनुसार एजी-8 वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने रेरा अधिनियम का उलंघन करते हुए अन्य से अनाधिकृत व अवैधानिक रूप से 100 करोड़ रुपए से अधिक राशि निकाल कर दूसरी जगह उपयोग किया। आवंटियों के जमा राशि वापस करने की मांग पर रेरा ने 194 आवंटियों को करीब 47 करोड़ रुपए लौटाने के आदेश दिए थे। कुछ महीने पहले तक इस राशि का भुगतान एजी 8 वेंचर्स ने नहीं किया था। वहीं अब एजी 8 के रजिस्टर्ड 11 प्रोजेक्ट्स के आवंटियों से रेरा ने जानकारी मांगी है। उनसे आवंटन व विक्रय अनुबंध की तारीख, यूनिट के लिए अनुबंधित मूल्य राशि, अब तक किए भुगतान और दावे की राशि मुहैया कराने के लिए कहा है। इसके साथ जरूरी दस्तावेज लगाने के लिए भी कहा है। रेरा के ऑर्डर में सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों का भी हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि किसी भी प्रोजेक्ट का प्रमोटर आवंटियों से यूनिट के लिए ली राशि और परियोजना के लिए बैंक से मिले कर्ज से कहीं और प्रॉपर्टी खरीद लेता है तो इसे बेचकर प्रोजेक्ट का काम पूरा किया जा सकता है। या फिर आवंटियों को जमा की गई राशि ब्याज और क्षतिपूर्ति सहित वापस की जा सकती है। इसके आधार पर ही मप्र हाउसिंग बोर्ड को प्रोजेक्ट्स पूरे करने का जिम्मा सौंपा गया है।

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