
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जिन लोगों ने समय रहते दो -दो हजार के नोट बैंकों में जाम नहीं किए या फिर उन्हें बदलवाया नही हैं, वे अब हैरान परेशान हैं। इसकी वजह है अब नोट तो बदले जा रहे हैं , लेकिन बेहद मशक्कत के बाद। अब दो हजार के नोटों को सिर्फ रिजर्व बैंक में ही बदला जा रहा है। इसकी वजह से रिजर्व बैंक के काउंटर पर नोट बदलवाने वालों की सुबह से भारी भीड़ जमा हो जाती है। ऐसे में घंटो के इंतजार के बाद जब नोट बदले जाते हैं तो उन्हें नोटों के बदले सिक्कों की थैली थमा दी जाती है। इसकी वजह से जो लोग नोट बदलते ही खुश हो जाते हैं, वे थैली सामने आते ही मन मसोस कर रह जाते हैं। ऐसे में जो लोग कई -कई नोट लेकर आते हैं, वे बाद में सिक्कों के वजन वाली थैलियों से दबे हुए बाहर निकलते हैं। सुबह से लगने वाली लाइन में लगे लोगों को सुबह 10 बजे बैंक खुलते ही प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा नोटों की जानकारी भरने के लिए पर्चियां दी जाती हैं। इन पर्चियों के साथ उन्हें अपने आधार कार्ड की फोटो कापी लगानी होती है। उसके बाद उन्हें क्रमश: बैंक के भीतर प्रवेश दिया जाता है। इसकी वजह है बैंक में नोट बदलवाने के लिए लोगों की भीड़ इतनी हो रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक आफ इंडिया भोपाल शाखा के प्रबंधन को व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस तक की मदद लेनी पड़ रही है।
रुपये बदलने पर लोगों को अधिकतर 10 रुपये के सिक्के पालिथीन की थैलियों में पैक करके दिए जा रहे हैं। इसकी वजह है भोपाल में दो हजार के नोट बदलवाने के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों से लोग आ रहे हैं। जो लोग नहीं आ पा रहे हैं वे, आपने परिचित या फिर रिश्तेदार को तक को नोट बदलवाने के लिए भेज रहे हैं। इस दौरान लोगों को घंटों कतार में लगना पड़ रहा है। नोट बदलवाने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक है। दरअसल यह वे लोग हैं, जो 30 सितंबर तक अपने बैंक खातों में रुपये जमा करना भूल गए। इनमें ऐसे भी लोग हैं, जो नोट रखकर भूल गए थे, लेकिन उन्हें तारीख निकलने के बाद इन नोटों की याद आयी। इनमें से कई महिलाएं तो ऐसी भी आ रही हैं, जिनका कहना है कि उन्हें दीपावली से पहले घर की साफ-सफाई में यह नोट रखे हुए मिले हैं। भानपुर से 10 हजार रुपये बदलवाने आई एक महिला का कहना है कि उन्हें पहले पता ही नहीं चला कि वे इन्हें बैंक खातों में भी जमा करा सकती हैं। अब कतार में लगना पड़ रहा है। नोट नहीं बदले तो नुकसान हो जाएगा। वहीं करोंद से आई संगीता ने बताया कि सुबह से कतार में लगे हैं। बड़ी मुश्किल से पैसे बदले गए। इसके बदले में सिक्के दे दिए हैं। अब सब्जी-भाजी व किराने की सामग्री खरीदने में धीरे-धीरे हर महीने खर्च करना पड़ेंगे।