निजी तकनीकी कालेजों की फीस निर्धारण में ऑडिट रिपोर्ट बनी बाधा

निजी इंजीनियरिंग

रिपोर्ट जमा कराने की अंतिम तिथि में की गई वृद्धि

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन निजी इंजीनियरिंग और एमबीए कालेजों के छात्रों को अब तक यह पता ही नहीं है की उन्हें इस साल कितनी फीस भरनी होगी। इसकी वजह है अब तक फीस का निर्धारण नहीं हो पाना। दरअसल इस फीस निर्धारण के लिए निजी इंजीनियरिंग और एमबीए कालेजों को अपनी आडिट रिपोर्ट प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति के पास जमा करानी होती है। इसके आधार पर ही यह समिति फीस निर्धारण का काम करती है।
इस साल अब तक इन कॉलेज प्रबंधन ने ऑडिट रिपोर्ट ही नहीं दी है।  उनका कहना है की काम अधिक होने की वजह से अब तक सीई द्वारा ऑडिट रिपोर्ट ही तैयार नहीं की गई है, जिसकी वजह से वे उसे जमा नहीं करा सके हैं। इसकी वजह से इस सत्र के अलावा अगले दो सत्रों के लिए फीस का निर्धारण ही नहीं हो पा रहा है। दरअसल एक साथ जिन तीन सालों के लिए फीस तय की जानी है उसमें 2022-23, 2023-24 और 2024-25 शामिल है। आडिट रिपोर्ट के अभाव में समिति द्वारा तय की गई अंतिम तिथि भी निकल चुकी है।
इसकी वजह से अब समिति को उनकी मांग पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई तक बढ़ानी पढ़ गई है। कमेटी ने उच्च शिक्षा विभाग और फामेर्सी कालेज के कोर्स की फीस निर्धारित कर दी है। एसोसिएशन आफ टेक्नीकल प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट ने फीस कमेटी को पत्र लिखकर बैलेंस शीट तैयार नहीं होने के कारण बताये हैं। इसमें उन्होंने बताया कि उनके सीए काफी व्यस्त हैं। इसके चलते उनकी आडिट रिपोर्ट तैयार करने में काफी समस्याएं आ रही हैं। उनके पत्र की गंभीरता को देखते हुये फीस के प्रस्ताव 25 जुलाई तक जमा करने अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है।
अब कमेटी उनके प्रस्ताव आने के बाद ही फीस निर्धारित करने का कार्य शुरू करेगी। हालांकि अभी तक एआईसीटीई ने कालेजों को निरंतरता देने का कार्य शुरू नहीं किया है। वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग में भी काउंसलिंग को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिखाई दे रही है। इसलिये उनकी फीस निर्धारित करने की प्रक्रिया को अभी थमी हुई है।
अब प्रत्यक्ष तौर पर सुनवाई
फीस कमेटी सभी कॉलेज के प्रस्ताव लेकर उनकी प्रत्यक्ष उपस्थिति में सुनवाई कर फीस निर्धारित करती है। पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा प्रभाव होने के कारण आनलाइन सुनवाई कराई गई थी। अब कोरोना संक्रमण नियंत्रण में बना हुआ है। इसलिये फीस कमेटी ने प्रत्यक्ष तौर सुनवाई शुरू कर फीस निर्धारित करना शुरू कर दिया है। शेष कॉलेजों की सुनवाई भी ऑफलाइन होगी।
इनकी फीस का निर्धारण अटका
फीस कमेटी बिना बैलेंस सीट के फीस निर्धारण नहीं करेगी। इससे कालेजों की समस्याएं जरुर बढ़ गई हैं। फीस कमेटी को अभी प्रोफेशनल कोर्स में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, होटल मैनेजमेंट, नर्सिंग और मेडिकल कोर्स संचालित करने वाले कालेजों की फीस निर्धारित करना शेष है।  

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