
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। देशभर में चर्चित रहे और प्रदेश की नौकरशाही और राजनीति हलकों में भूचाल लाने वाला हनी ट्रैप केस एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इसकी वजह है, न्यायालय द्वारा इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिया जाना। अब इस मामले में न्यायालय द्वारा नियमित सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि इस सुनवाई से सफेदपोश कई बड़े नेताओं-अफसरों का सच सामने आ जाएगा। दरअसल, करीब पांच साल पहले 2019 में इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत पुलिस से की थी, जिसके बाद इस सेक्स स्कैंडल का चौकाने वाला खुलासा हुआ था। हालांकि इसके बाद भी प्रदेश के उन अफसरों का कुछ भी नहीं बिगड़ा था, जिनके नाम इस मामले में सामने आए थे। इनमें से कुछ अफसरों के तो उस समय अश्लील वीडियो तक सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए थे, लेकिन इसके बाद भी तत्कालीन शिवराज सरकार ने ऐसे अफसरों के इस कृत्य को कदाचरण की श्रेणी में न मानते हुए कोई कार्रवाई नहीं की थी। बाद में इस मामले की सीडी देखने का दावा पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी किया था।
मामला सामने आने के बाद खुलासा हुआ था कि आरोपी युवतियों की मप्र के कई बड़े अफसरों से जमकर सांठगांठ थी। एनजीओ की आड़ में अफसरों को फंसाकर वे करोड़ों के ठेके लेतीं थीं और बाद में बिना काम किए ही उनका भुगतान प्राप्त कर लेती थीं। शिकायतकर्ता हरभजन सिंह की भी युवतियों से सांठगांठ थी। दरअसल, नगर निगम से ठेके लेने के लिए युवतियों ने हरभजन सिंह से दोस्ती की थी , लेकिन वे जब इसमें सफल नहीं हुईं, तो उनके द्वारा हरभजन सिंह का अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा था। इस दौरान सिंह को लगातार बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी दी जा रही थी। इस मामले में खुलासा हुआ था कि इसके लिए आरोपी युवतियों द्वारा अपने फर्जी दस्तावेज भी तैयार कराए गए थे। इनका उपयोग कई संस्थानों और होटलों में किया गया था। इस मामले के फरियादी हरभजन सिंह की हाल ही में मौत हो गई है। इस मामले की जांच में कई अफसर और नेता नेताओं के फंसे होने की भी जानकारी सामने आयी थी, लेकिन उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया। मामले में पुलिस ने 6 महिलाओं समेत आठ को आरोपी माना था। आरती, मोनिका, श्वेता (पति विजय), श्वेता (पति स्वप्निल), बरखा के अलावा कार चालक ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में इन सभी को जमानत मिल
गई थी।
आठ फरवरी को सुनवाई
इंदौर में अजा अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद मिश्रा ने आरोपी मोनिका उर्फ सीमा पिता हीरालाल यादव पर आरोप तय कर दिए। कोर्ट ने जारी आदेश में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420, 120बी/385, 120बी/389, 467, 468 और 471 के तहत दोषी पाया है। मामले में अगली सुनवाई 8 फरवरी को की जाएगी।