आज कल SAD रहते हैं- कहीं आप मॉनसून ब्लू से ग्रसित तो नहीं

SAD

जानें एक्सपर्ट से …
डॉ. भावना राय पटेल

वैसे तो कहा जाता है की मानसून का मौसम बहुत ही लुभावना मौसम है। चारों तरफ हरियाली फूलों से सजे-हरे भरे पेड़ पौधे, स्वादिष्ट मौसमी फल, कल -कल बहती नदिया, सुंदर जलप्रपात, पक्षियों की चहचहाहट मन को मोह लेती है । कुछ  व्यक्तियों के लिए यह मौसम रोमांटिक तो कुछ के लिए अवसाद से भरा होता है, जैसे  चिड़चिड़ापन होना, उदास रहना, जल्दी गुस्सा आना इसे मेडिकल भाषा में ‘मॉनसून-ब्लू’ कहा जाता है, जो की एक प्रकार का ‘सीजनल अफेक्टिंग डिसऑर्डर’ (स््रष्ठ) है, यानी किसी विशेष मौसम में होने वाली समस्या है।
कारण…
– सूरज की किरणों का अभाव
–   नित्य दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों में कमी
–   पानी के सेवन में कमी आना
–   दोस्तों से मिलने जुलने में बाधा आना ।
मेडिकल कारण/पैथोफिसियोलाजी
विटामिन-डी की कमी: सूर्य की रोशनी के अभाव में और दैनिक गतिविधियों कि कमी में हमारे शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नही बन पाता, जिससे शरीर में उपस्थित  सेरेटोनिन की कमी हो जाती है, जो की हैप्पी हार्मोन के नाम से जाना जाता है और हमारे मूड को नियंत्रित करता है और हमें खुशी का आभास कराता है।
–   विटामिन -डी हमारे शरीर में मौजूद दूसरे हार्मोन्स को भी बैलेंस करता है, सूर्य की किरणों के अभाव में विटामिन डी घट जाता है और हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है ,जिस कारण अवसाद, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और मायूसी होती है ।
उपाय/ SAD (सीजनल अफेक्टिंग डिसऑर्डर)/ monsoon blu (मॉनसून ब्लू ) से बचाव…
–   दिनचर्या नियमित रखें-जिसमे व्यायाम, योगासन, मेडिटेशन, माइंडफुलनेस को शामिल करें।
–   विटामिन-डी युक्त भोजन करें, जिसमें पालक, सोयाबीन, संतरा, डेयरी प्रोडक्ट्स -दूध, दही, पनीर, फिश-लिवर, फिश-ऑयल, अंडे, एग-यॉक, ओट-मील, कॉर्न-फ्लेक्स, मशरूम आदि शामिल है।
–    आठ घंटे की नींद लें।
–    दोस्तो से फोन पर गपशप करें।
–    भरपूर पानी पिए।
–    हॉबी-टाइम और इन-डोर एक्टिविटीज करें, कॉमेडी शोज देखें।
–    ज्यादा तकलीफ होने पर चिकित्सीय मदद लें।
गायनेकोलॉजिस्ट/साइकोलॉजिस्ट/ काउंसलर, मदर एन बेबी केयर सेंटर, भोपाल

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