राजधानी परियोजना वन मंडल के अधिकारियों की मनमानी

राजधानी परियोजना

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अधिकारी सरकार को किस तरह चपत लगा रहे हैं इसका एक मामला इन दिनों राजधानी भोपाल में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, राजधानी परियोजना वन मंडल के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर अवैध रेत परिवहन का 20 लाख रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया है। अब मामला सामने आने के बाद अधिकारी बहानेबाजी करने में जुट गए हैं।
जानकारी के अनुसार राजधानी वन मंडल परियोजना के एसडीओ ने ठेकेदार को भुगतान नहीं करने पर आपत्ति लगाई थी। हालांकि सीपीए  वन मंडल के अफसर कहते हैं कि सीएम हेल्पलाइन में भुगतान के लिए दो बार शिकायत हुई थी, इसलिए निराकरण करना मजबूरी थी। पूर्व में भी रॉयल्टी और अनुज्ञा पत्र जमा कराए बिना ही भुगतान कर दिया गया था। राजधानी परियोजना वन मंडल के मैदानी अधिकारियों ने बताया कि राजधानी परियोजना वन मंडल में ठेकेदार ने परिवहन अनुज्ञा पत्र और रॉयल्टी जमा किए बिना रेत की सप्लाई की गई। जबकि लीगल दस्तावेज किए बिना रेत की सप्लाई को अवैध परिवहन की श्रेणी में माना जा रहा है।
आपत्ति के बाद भी कर दिया भुगतान
सूत्रों ने बताया कि पूर्व सीसीएफ संजय श्रीवास्तव ने मार्च 2019 में रेत के ठेकेदार को रॉयल्टी और परिवहन अनुज्ञा पत्र जमा किए बिना ही 20 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया था। सहायक वन संरक्षक राजधानी परियोजना वन मंडल के मनोज चौधरी कहते हैं कि तब भी मैंने आपत्ति लगाई थी कि शासकीय कार्यों में नियमों के तहत अनुज्ञा पत्र  और रॉयल्टी फीस जमा कराए बिना भुगतान नहीं किया जा सकता। यह नियम के विरुद्ध है। एसडीओ का कहना है कि तत्कालीन सीसीएफ राजधानी परियोजना वन मंडल संजय श्रीवास्तव की सेवानिवृत्त के बाद नियमों की अनदेखी करते हुए वर्तमान सीएफ ने भी आठ लाख का भुगतान कर दिया है। एसडीओ मनोज चौधरी ने सीएफ को रॉयल्टी की रसीद और परिवहन अनुज्ञा पत्र जमा कराने के साथ भुगतान करने भी कहा था।  नियम विरुद्ध हुए भुगतान को लेकर ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। वन संरक्षक, राजधानी परियोजना वन मंडल हरिशंकर मिश्रा का कहना है कि ठेकेदार जगदीश राजपूत ने सीएम हेल्पलाइन में भुगतान न करने की शिकायत की थी। इसलिए हमने भुगतान कर दिया। पूर्व में भी रॉयल्टी रसीद और परिवहन अनुज्ञा पत्र जमा कराए बिना ही भुगतान किया गया था। उसी को आधार मानते हुए ही हमने भी भुगतान किया है।

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