यात्रा के कारण रुकी कांग्रेस ब्लॉक व जिला अध्यक्षों की नियुक्ति

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  • दिसंबर में घोषित होंगे कांग्रेस के ब्लॉक व जिला अध्यक्ष

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुटे हुए हैं। लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण ब्लॉक और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। बताया जाता है कि पार्टी की कोशिश है कि पहले राहुल गांधी की यात्रा को सफल बनाया जाए, उसके बाद संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया जाए।  ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नवंबर के अंतिम दिनों या फिर दिसंबर में ब्लॉक और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है।
गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस का संगठन भाजपा की अपेक्षा कमजोर है। ऐसे में कमलनाथ का पूरा फोकस संगठन को मजबूत करने पर है। इसके लिए कांग्रेस ने पहली बार 28 प्रकोष्ठ गठित किए हैं। ये सभी प्रकोष्ठ पीसीसी चीफ कमलनाथ और उनकी कोर टीम से चर्चा कर तहसील और गांवों तक पैठ बना रहे हैं ताकि ,आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के हिसाब से संगठन को मजबूत बनाया जा सके। इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष चाहते हैं की ब्लॉक और जिलाध्यक्षों को भी सक्रिय किया जाए।
लगातार टल रही है घोषणा
 प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है और कांग्रेस के नए ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा लगातार टलती जा रही है। फिलहाल इनके नामों की घोषणा दिसंबर तक होने के आसार नहीं हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मप्र से गुजरने के बाद ब्लॉक और जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। भारत जोड़ो यात्रा नवंबर के आखिर में मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी और दिसंबर के शुरूआती दिनों में मप्र से होते हुए राजस्थान पहुंचेगी।  इस तरह करीब दो महीने बाद कांग्रेस के ब्लॉक व जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा होने की संभावना है। पहले कहा गया था कि पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव के बाद ब्लॉक व जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा होगी। फिर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ब्लॉक व जिला अध्यक्ष के नामों की घोषणा होने की बात कही गई।
मेहनती कार्यकर्ताओं को मिलेगी जिलों की कमान
मप्र कांग्रेस में व्यापक बदलाव की तैयारी की जा रही है। प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इसके संकेत दे दिए हैं।  सभी 52 जिलों के संगठन प्रभारी बदलने के बाद कमलनाथ अब जिलों के अध्यक्षों को बदलने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार जिन पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं है उन्हें बदला जा सकता है। बताया जाता है कि करीब 25 से 30 जिलाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष के निशाने पर हैं। इनकी जगह पार्टी परिणाम देने वाले और मेहनती कार्यकर्ताओं को मौका देगी। पीसीसी के सूत्रों के अनुसार आधे जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों को बदला जा सकता है। इनमें निष्क्रिय जिलाध्यक्षों के साथ ही ऐसे जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं जिन्होंने निकाय चुनाव में पार्टी के
साथ गड़बड़ी की। ऐसे कांग्रेस नेताओं की छुट्टी तय है।
दरअसल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस सक्रिय हो चुकी है। मप्र कांग्रेस ने  संगठन को मजबूती देने की कवायद शुरू कर दी है। हाल ही में नगरीय निकाय चुनाव में 5 नगर निगमों में कांग्रेस को मिली कामयाबी से कार्यकर्ताओं के हौसले भी बुलंद हुए हैं। इसके बाद कमलनाथ ने प्रदेश में कांग्रेस को जमीनी स्तर पर खड़ा करने की पूरी जिम्मेदारी खुद ले ली है। वे विधायकों से जिलाध्यक्षों का प्रभार भी वापस ले रहे हैं। उनके स्थान पर पार्टी के फुल टाइम वर्कर को कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाया जा रहा है।
ये होंगे बदलाव
कांग्रेस के निष्क्रिय जिलाध्यक्षों की छुट्टी होगी। पीसीसी सूत्रों के मुताबिक करीब 25 से 30 जिलों के अध्यक्षों को बदला जा सकता है।
इनमें निकाय चुनाव में गड़बड़ी करने वाले जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों द्वारा भाजपा का दामन थाम लेने के बाद कांग्रेस में संगठन की कमान विचारधारा पर अडिग रहने वाले कार्यकर्ताओं के हाथ में देने की तैयारी है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए बूथ से लेकर ब्लॉक और जिलास्तर के संगठन की कमान जिला प्रभारियों तथा सह प्रभारियों के हाथ में दी जाएगी। पीसीसी ने भाजपा के साथ गलबहियां डाल रहे कांग्रेस नेताओं की जानकारी भी मंगाई है। ऐसे नेताओं पर लगाम लगाई जाएगी।
काम नहीं कर रहे पदाधिकारी
मजेदार बात यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो गया, लेकिन मप्र में ब्लॉक और जिला कांग्रेस अध्यक्षों के नामों का ऐलान नहीं हो पाया, जबकि चुनाव के निर्धारित शेड्यूल के अनुसार प्रदेश में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना था। अब कहा जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के मप्र से गुजरने के बाद ब्लॉक व जिला अध्यक्षों की घोषणा होगी। कांग्रेस के नए ब्लॉक व जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा नहीं होने से जिलों में संगठन का कामकाज प्रभावित हो रहा है। जिला कांग्रेस कमेटियां कोई निर्णय नहीं ले पा रही हैं। आए दिन जिला कांग्रेस कमेटियों को चुनाव की तैयारियों के संबंध में नए-नए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं, चूंकि जिला अध्यक्ष पद पर बने रहने या नहीं बने रहने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं, यही वजह है कि वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशों का पूरे मन से पालन नहीं कर रहे हैं। पदाधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ संगठन को मजबूत करने के लिए मंडलम, सेक्टर व पोलिंग बूथ के गठन पर सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं, लेकिन जिलाध्यक्षों द्वारा संगठन के काम में रुचि नहीं लेने से यह काम भी ठीक से नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस के संगठन चुनाव की प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हुई थी। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि ब्लॉक व जिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सिर्फ नामों की घोषणा होना बाकी है। चूंकि सभी जिला कांग्रेस कमेटियां भारत जोड़ो यात्रा समेत चुनाव की तैयारियों में लगी हैं, इसलिए संभवत: यात्रा के मप्र से गुजरने के बाद ब्लॉक व जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की जाएगी।

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