
- अधिकारियों की नाफरमानी: जिलों में प्रशासनिक सिस्टम ठप…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जिलों में अधिकारियों की नाफरमानी से प्रशासनिक सिस्टम ठप सा हो गया है। यही कारण है कि अब आवेदकों को राजधानी स्थित संभागायुक्त कार्यालय तक आना पड़ रहा है। भोपाल संभाग के आसपास स्थित करीब 60 किलोमीटर दूर के जिलों से भी आवेदक न्याय की गुहार लगाने यहां पहुंच रहे हैं। उधर, संभाग के जिलों में सीएम हेल्पलाइन पर भी – अनेक शिकायतें लंबित हैं, जिनका निराकरण संभागायुक्त के कई बार निर्देश देने के बावजूद भी अधिकारी नहीं कर रहे हैं। भोपाल संभाग में राजधानी समेत सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ आते हैं। सभी जिलों में हर मंगलवार कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई होती है, जिनमें लोगों की समस्याएं अधिकारियों द्वारा सुनी जाती हैं। साथ ही सीएम हेल्पलाइन पर भी विभिन्न विभागों की शिकायतें दर्ज की जाती हैं लेकिन सुनवाई और शिकायतों का निराकरण समय पर नहीं होने से लोग परेशान रहते हैं। वह आए दिन तहसील, कलेक्टर, नगर निगम, पुलिस आदि कार्यालयों के चक्कर लगाकर इतने परेशान हो जाते हैं कि उनकी उम्मीद खत्म हो जाती है। यही वजह है कि वे राजधानी स्थित – संभागायुक्त कार्यालय पर बड़ी उम्मीद लेकर पहुंचते हैं लेकिन यहां भी तमाम प्रकार की परेशानियों का सामना उनको करना पड़ता है।
संभाग की 52 हजार शिकायतें अब भी लंबित
सीएम हेल्पलाइन पर संभाग की अब भी 52 हजार 575 शिकायतें लंबित हैं, जबकि 50 दिन से अधिक समय से 20 हजार 312 शिकायतों का निराकरण होना बाकी है। इसके अलावा अगस्त में कुल 55 हजार 859 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हुई थीं, जिनमें से. कुल 37 हजार 358 का निराकरण ही हुआ है और 18 हजार 501 शिकायतें लंबित हैं।
मामले जो बताते हैं हकीकत
केस-1- करीब पांच महीने पहले सीहोर जिले के इछावर स्थित गांव बिंशनखेड़ी में जलसंकट को लेकर ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई हल नहीं निकाला जा रहा था। इससे परेशान होकर पीडि़त्न बजरंगी नागर 500 से ज्यादा आवेदनों की रेल बनाकर जमीन पर लौटते हुए संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे। उन्होंने इससे पहले दो महीने तक मुख्यमंत्री, मंत्री, प्रमुख सचिव और कलेक्टर तक को आवेदन देकर समस्या बताई लेकिन अधिकारी हल नहीं निकाल पा रहे थे। ऐसे में जब वे संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे तो मामला चर्चा में आया तो इसके बाद प्रशासन ने जल समस्या को खत्म करवाया।
केस-2- स्थानीय प्रशासन से परेशान होकर विदिशा जिले के गंजबासौदा तहसील के सियारी गांव के 65 वर्षीय रामसिंह अहिरवार जमीन विवाद मामले की सुनवाई न होने के कारण संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे। राम सिंह की मां शक्करिथा को मिला शासकीय पट्टा 2021 में रद कर दिया गया था, जिसको लेकर वह चार साल से तहसील, एसपी और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। वह बेड़ी उम्मीद लेकर संभागायुक्त कार्यालय भोपाल पहुंचे थे। इस पर उनका धैर्य टूट गया और गुस्से में आकर उन्होंने वेटिंग रूम में आग लगा दी। इस मामले में बुजुर्ग पर केस दर्ज कर लिया गया है।
