हेमंत का एक और नवाचार… साथियों को दिया भोजन मंत्र

  • कार्यकर्ता-पदाधिकारी और मंत्री के बीच फासले को पाटने की कवायद

गौरव चौहान
पार्टी विथ द डिफरेंस कहलाने वाली भाजपा को और अधिक सुशासित, संगठित और सक्रिय बनाने की दिशा में मप्र भाजपा के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल काम कर रहे हैं। इसके लिए नवाचार पर नवाचार किए जा रहे हैं। हेमंत खंडेलवाल अपने नवाचारों से पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे को जनप्रिय बनाना चाहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक और नवाचार किया है। इसके तहत अब मंत्री, सांसद, विधायक व जिलाध्यक्ष को हर महीने एक साथ भोजन करना होगा। इससे पार्टी नेताओं के बीच एकता मजबूत होगी।
गौरतलब है कि पांच महीने पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने हेमंत खंडेलवाल संगठन में एकता को मजबूत करने और गुटबाजी खत्म करने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। सागर में लंबे समय से चल रही मंत्री गोविंद राजपूत और पूर्व मंत्री, विधायक भूपेन्द्र सिंह के बीच मतभेद दूर करने के बाद उन्होंने नेताओं में समन्वय के लिए फार्मूला निकाला है। भाजपा में अब सभी जिलों में सांसद, विधायक और जिलाध्यक्षों को महीने में एक दिन एक ही जाजम पर साथ में भोजन करना होगा। भोजन का स्थान भी कोई रेस्टोरेंट या अन्य कोई जगह नहीं बल्कि इनमें से किसी एक नेता का ही घर होगा। हेमंत की इस पहल का पार्टी का खांटी कार्यकर्ता स्वागत कर रहा है।  सूत्रों की मानें तो इसके बाद हेमंत खंडेवाल ने सभी सांसद, विधायक और जिलाध्यक्षों से कहा है कि वे हर महीने किसी न किसी के घर में एकत्रित हों और एक साथ बैठकर भोजन करें।  इसमें जिले से आने वाले मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। चुनाव से पहले पार्टी में छोटे स्तर पर फैली गुटबाजी को दूर करने के लिए इसे बेहतर प्रयास माना जा सकता है पर संगठन की इस पहल का नेताओं पर कितना असर होता है यह आने वाले दिनों में सामने आएगा। वैसे भाजपा में एक साथ भोजन की परम्परा पुरानी है पर समय के साथ यह परम्परा खत्म होती जा रही थी।
निष्ठावान कार्यकर्ताओं को मिल रहा बल
हेमंत खंडेलवाल जमीन से जुड़े हुए नेता हैं। इसलिए जब से वे प्रदेश अध्यक्ष बने हुए हैं, तब से संगठन को मजबूत बनाने और सक्रिय करने में लगे हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही हेमंत खंडेलवाल ने पूरे प्रदेश के दौरे किए और उसके बाद अपनी टीम का ऐलान भी कर दिया। उनकी इस टीम में पूरी तरह समन्वय देखने को मिला और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को मौका मिला। अध्यक्ष बनने के तीन महीने के भीतर ही अपनी नई टीम का ऐलान करने वाले हेमंत खंडेलवाल अब जल्द ही प्रदेश कार्यसमिति समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को संगठन में समाहित करेंगे। गौरतलब है कि वे भाजपा के ऐसे पहले प्रदेश अध्यक्ष है जिन्होंने बिना विवाद के जल्द ही टीम का ऐलान कर दिया। इससे पहले छह से आठ महीने में प्रदेश अध्यक्ष की टीम सामने आती थी। अब जल्द ही प्रदेश कार्यसमिति और विशेष व स्थाई आमंत्रित सदस्यों का ऐलान किया जाएगा। एसआईआर के कारण यह मामला रुक गया था पर सूत्र बताते हैं कि इसी महीने पूरी टीम के नाम सामने आ जाएंगे।
नेताओं के बीच समन्वय बनाने की पहल
 सूत्रों की मानें तो प्रदेश के दौरों के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि ऊपर स्तर पर तो सब ठीक चल रहा है पर जिलों में पार्टी के नेताओं में वैसा समन्वय नहीं है जैसा होना चाहिए। हेमंत खंडेलवाल ने इसके लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। अपने सागर दौरे के दौरान उन्होंने इसे अमली जामा भी पहना दिया। सागर में गोविंद राजपूत और भूपेन्द्र सिंह के बीच अदावत जगजाहिर थी। यह विवाद लंबे समय से था और दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ खुलकर आरोप भी लगा चुके थे। हेमंत ने इसे प्राथमिकता से लेते हुए सागर प्रवास के दौरान दोनों से बात की और समन्वय बनाते हुए दोनों के बीच का विवाद समाप्त करवाया। इससे दोनों नेताओं के समर्थक भी अब खुश है। इसके बाद उन्होंने छतरपुर जिले में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह, उनके पति पुष्पेन्द्र सिंह और विधायक ललिता यादव के बीच चल रहे मनमुटाव को भी अपने छत्तरपुर दौरे के दौरान खत्म करवाया। उन्होंने अपने दौरे में दोनों को बराबर का महत्व दिया और अपने साथ वाहन में बैठाकर समझाइश दी और साथ में भोजन करवाया।
कार्यकर्ताओं को पसंद आ रहा नया प्रयोग
कार्यकर्ता-मंत्री और पदाधिकारियों के बीच फासले को पाटने की कई कवायद खंडेलवाल द्वारा की गई है। इसके लिए भाजपा ने समन्वय टोली का गठन किया है। इस टोली में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और पार्टी की रीति-नीति को समझने वाले नेता शामिल हैं। ये टोली इस मसले पर गंभीरता से मंथन कर रही थी कि कार्यकर्ता और मंत्री के बीच बढ़ रहे फासले को कैसे पाटा जाए। इसी मंथन में ये नतीजा निकला है। हेमंत खंडेलवाल के निर्देश पर एक दिसंबर से इसकी शुरुआत हो भी चुकी है। हर दिन एक मंत्री और एक राज्यमंत्री प्रदेश कार्यालय में बैठ रहे हैं। सबसे पहले उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने प्रदेश कार्यालय में बैठक की। सारे मंत्रियों को ये निर्देश भी दिए गए हैं कि इस व्यवस्था को कंटिन्यू रखने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश हो। किसी भी मंत्री की बैठक का दिन तब ही एडजस्ट होगा जब पार्टी का कोई खास कार्यक्रम या बैठक हो। भाजपा के हलकों में खबर है कि नए अध्यक्ष का ये नया फरमान कार्यकर्ताओं को खासा पसंद आ रहा है। उन्हें यकीन है कि अब अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर सीधे मंत्री से मिलना पहले से कहीं ज्यादा आसान होगा। बस उन्हें ये पता होना चाहिए कि कौन सा मंत्री किस दिन कार्यालय में मौजूद होगा। इसकी एक मोटी-मोटी लिस्ट भी जारी कर दी गई है।
रूठे-उपेक्षित नेताओं को किया जा रहा सक्रिय
हेमंत खंडेलवाल जिलों में जाकर रूठे और उपेक्षित नेताओं में जान फूंकने की कवायद भी कर रहे हैं। वह कार्यकर्ताओं के बीच जाकर उनके साथ भोजन पर चर्चा कर रहे हैं। इस आयोजन में मंत्री, विधायक, सांसद और वरिष्ठ नेताओं का बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ मेलजोल बढ़ाया जा रहा है। खंडेलवाल ने अध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद से ही पुराने वरिष्ठ नेताओं से भी मेलजोल बढ़ाया है। वह केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, वरिष्ठ नेता कप्तान सिंह सोलंकी और गौरीशंकर शेजवार जैसे कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर मार्गदर्शन ले चुके हैं। इस नवाचार को लेकर भाजपा प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि भाजपा संपर्क और संबंधों के आधार पर परिवार भावना से संगठन चलाती है। संगठन के मुखिया के नाते प्रदेश अध्यक्ष लगातार प्रयास कर रहे हैं कि पार्टी के हर स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद हो।

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