अधिक कमाई के फेर में फंसे अन्नदाता

  • एनएससी को मूंग बेचकर पछता रहे किसान …

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने की तैयारी कर रही है। इसके लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। वहीं दूसरी तरह अधिक कमाई के चक्कर में नेशनल सीड कॉर्पोरेशन (एनएससी)को जून-जुलाई में मूंग बेचने वाले किसान पछता रहे हैं। इसकी वजह यह है कि करीब 8 माह बाद भी एनएससी ने किसानों की मूंग का पूरा भुगतान नहीं किया है। जबकि सरकार ने जिन किसानों का मूंग समर्थन मूल्य पर खरीदा था उनका भुगतान कर दिया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में सरकार ने पिछले वर्ष 7 हजार 275 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर मूंग खरीदी थी। मूंग की खरीदी 30 जिलों नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खण्डवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुरकला, भिण्ड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मण्डला, शिवपुरी और अशोकनगर में की गई। जिन किसानों ने सरकार को समर्थन मूल्य पर मूंग को बेचा था उनका भुगतान हो चुका है। लेकिन जिन किसानों ने अधिक कमाई के चक्कर में एनएससी को मूंग बेची थी वे , अभी भी चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि नेशनल सीड कॉर्पोरेशन के रीजनल मैनेजर रामनिवास यादव का कहना है कि किसानों को मूंग बिक्री का भुगतान किया जा रहा है। अभी कितना भुगतान बकाया है, इस संबंध में जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई करता हूं।
बुवाई शुरू, लेकिन भुगतान नहीं
गौरतलब है कि ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई फिर से शुरू हो गई और अब तक पिछले साल की मूंग कर बिक्री का भुगतान नहीं किया गया। दरअसल, नेशनल सीड कॉर्पोरेशन केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एजेंसी है। इस एजेंसी का काम किसानों को सर्टिफाइड बीजों की सप्लाई करना है, ताकि फसल की पैदावार ज्यादा हो। फसल की कटाई के बाद एनएससी किसानों से अच्छे दामों में बीज खरीदने का काम करती है। होशंगाबाद जिले के किसान राजकुमार सिंह यदुवंशी का कहना है कि किसानों को उम्मीद थी कि सितंबर- अक्टूबर तक उन्हें पूरा भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
8 महीने बाद भी पूरे पैसे नहीं मिले
गौरतलब है कि नेशनल सीड कॉर्पोरेशन केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एजेंसी है। इस एजेंसी का काम किसानों को सर्टिफाइड बीजों की सप्लाई करना है, ताकि फसल की पैदावार ज्यादा हो। फसल की कटाई के बाद एनएससी किसानों से अच्छे दामों में बीज खरीदने का काम करती है। ज्यादा पैसे मिलने की आस में एनएससी को गत जून-जुलाई में समर्थन मूल्य पर मूंग बेचने वाले हजारों किसान आज अपने फैसले पर पछता रहे हैं। इसकी वजह यह है कि भोपाल, होशंगाबाद, हरदा, रायसेन, विदिशा आदि जिले के किसानों को आठ महीने बाद भी एनएससी से मूंग बिक्री का पूरा भुगतान नहीं हुआ है। उन्हें सितंबर-अक्टूबर में मूंग बिक्री का आधी राशि का भुगतान हुआ था। किसानों का कहना है कि वे बकाया भगतान के लिए चार महीने से एनएससी की गोविंदपुरा स्थित यूनिट के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें जल्द भुगतान किए जाने की बात कहकर वहां से बैरंग लौटा दिया जाता है।
खाद-बीज के लिए पैसा नहीं
किसानों के सामने समस्या है की मूंग की बुवाई शुरू हो गई है, लेकिन एनएससी ने आधा भुगतान कर बाकी की राशि रोक दी गई। इस कारण किसान रबी फसल की बुवाई के लिए खाद, बीज, डीजल आदि के लिए परेशान होते रहे। पैसे का भुगतान नहीं होने से किसानों को ब्याज पर पैसे लेकर फसलों की बुवाई और सिंचाई करना पड़ी है। बकाया भुगतान कब तक होगा, अब तक तय नहीं है। किसानों का कहना है कि मूंग की खरीदी करते समय एनएससी के अफसरों ने कहा था कि किसानों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा लेकिन 8 महीना बीत जाने के बाद भी किसानों के बैंक खाते में राशि जमा नहीं की जा सकी है।

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