
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद संकट की खबरों के बीच एक सप्ताह में दूसरी बार अफसरों की क्लास लगाई है। इस दौरान उनके द्वारा कहा गया है कि खाद वितरण की ऐसी व्यवस्था करें कि कहीं भी खाद प्राप्त करने के लिए किसानों को लाइन न लगाना पड़े। उपलब्धता के बाद यह सुनिश्चित करें कि वितरण की व्यवस्था भी सही रहे। केन्द्र सरकार से निरंतर आवंटन प्राप्त हो रहा है। खाद की कोई कमी नहीं है। वितरण का असंतुलन नहीं होना चाहिए। यह जानकारी भी किसान तक पहुंचे। खाद वितरण के सुचारू प्रबंध मैदान में दिखना चाहिए। कंट्रोल रूम से निगाह रखते हुए प्रतिदिन की जानकारी सामने लाई जाए। व्यवस्था में दोषी लोगों को जेल भेजने की कार्यवाही हो। प्रदेश में खाद वितरण के 262 अतिरिक्त काउंटर प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करते हुए व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाएं। समय पर वितरण के साथ ही सोशल मीडिया से किसानों को आंकड़ों सहित वास्तविक स्थिति की जानकारी जिला स्तर पर दी जाए। इसके लिए कलेक्टर्स आवश्यक व्यवस्थाएं करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बोवनी कार्य की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके परिश्रम की पूरी कीमत मिलना चाहिए। विशेष रूप से मंडियों में आने वाले सब्जी उत्पादकों को बिचौलियों और व्यापारियों द्वारा अनुचित लाभ लेने से बचाने पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री द्वारा की गई प्रदेश में खाद व्यवस्था की समीक्षा के समय मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव सहकारिता के.सी. गुप्ता, आयुक्त सहकारिता संजय गुप्ता और प्रबंध संचालक मार्कफेड आलोक कुमार सिंह उपस्थित थे।
प्रदेश का खाद परिदृश्य
बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा माह नवम्बर-2022 के लिए यूरिया का आवंटन सात लाख मी. टन एवं डीएपी का आवंटन 1.94 लाख मी. टन दिया गया है। माह नवम्बर 2022 के लिए 4.15 लाख मी. टन आयातित यूरिया का आवंटन दिया गया है, जिसके विरूद्ध केन्द्र सरकार द्वारा 60 हजार मी. टन का आवंटन दिया गया है। दो दिन पहले यानी की 5 नवंबर की स्थिति में यूरिया 1.20 लाख मी. टन ट्रांजिट सहित, डीएपी 0.83 लाख मी. टन ट्रांजिट सहित एवं एनपीके ट्रांजिट सहित 0.34 लाख मी. टन प्राप्त है। 4 नवम्बर 2022 की स्थिति में यूरिया का स्टॉक 2. 23 लाख मी. टन, डीएपी का स्टॉक 1.52 लाख मी. टन एवं एनपीके का स्टॉक 1.14 लाख मी. टन है। बताया गया कि गत वर्ष 30 नवम्बर, 2021 तक विक्रय मात्रा के अनुसार अनुमान के आधार पर 4 नवम्बर 2022 तक यूरिया 32 जिलों में, डीएपी 41 जिलों में, एनपीके 34 जिलों में और डीपएपी और एनपीके का 42 जिलों में भण्डारण कर लिया गया है।