
- उत्पादक क्षमता वृद्धि पर…होगा फोकस
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की शिव सरकार द्वारा नए बजट में 48 फीसदी अधिक पूंजीगत व्यय किया जाएगा। इसकी वजह है राज्य में उत्पादक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि नए बजट में सरकार इसके लिए पूंजीगत व्ययों को बढ़ाने के लिए 44 हजार करोड़ रुपए की राशि का इंतजाम करने जा रही है। यह राशि बीते साल के बजट से करीब 48 प्रतिशत अधिक होगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पूंजीगत व्यय से राज्य की उत्पादक क्षमता में वृद्धि के साथ ही प्रदेश के अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों में तेजी आएी। इसकी वजह से प्रदेश की जीएसडीपी में वृद्धि को मदद मिल सकेगी। केन्द्र भी राज्यों से पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए आग्रह कर चुका है। केन्द्र सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत व्ययों के लिए विशेष सहायता योजना अंतर्गत पूर्वोत्तर राज्यों को भाग-1 एवं 3 में और अन्य राज्यों को भाग-2 एवं 3 में विशेष सुविधा दी गई है। इसका फायदा लेने के लिए ही प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के भाग- 2 के अधीन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी वजह से पूंजीगत व्ययों को बढ़ावा देने के लिए मप्र को 649 करोड़ की विशेष सहायता स्वीकृत की गई है। इस योजना के भाग-3 में विनिवेश शासकीय संपत्तियों का मुद्रीकरण किए जाने पर प्रोत्साहन के रूप में 50 वर्ष की अवधि का ब्याज रहित ऋण (जो लगभग अनुदान के समान है) की सुविधा दी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्ष लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन किया जा चुका है, जिसके द्वारा अनुपयोगी शासकीय लोक परिसंपत्तियों के निर्वतन की कार्रवाई की जा रही है। विभाग द्वारा इसमें उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई हैं।
केन्द्र के साथ बैठक में दिया जा चुका है प्रस्तुतिकरण
बीते माह 3 दिसंबर को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस एवं प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल केन्द्र सरकार के वित्त सचिव के साथ बैठक में विनिवेश पर प्रस्तुतिकरण दे चुके हैं। इसके बाद ही प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। केन्द्र सरकार द्वारा बीते सप्ताह 20 जनवरी को इस योजना के भाग-3 के तहत मप्र को 518.17 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिसकी प्रथम किश्त के रूप में 259.08 करोड़ रुपए मिल भी गए हैं। इसके साथ ही मपग देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसे इस योजना के भाग-3 के अंतर्गत लाभ स्वीकृत किया गया है। इसके साथ ही केन्द्र द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के लिए पूंजीगत व्ययों के तय लक्ष्य को पाने पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण प्राप्त करने की सुविधा भी दे दी गई है। मप्र को प्रथम एवं द्वितीय त्रैमास के तय लक्ष्य पाने की वजह से अतिरिक्त कर्ज पात्रता के तहत 5180 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।