थर्मल बिजली के साथ सौर ऊर्जा भी मार रही करंट

थर्मल बिजली-सौर ऊर्जा
  • सब्सिडी का दायरा खत्म हुआ तो और महंगी हो जाएगी सौर ऊर्जा

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में बिजली का करंट ऐसा हो गया है जो उपभोक्ताओं को लगातार लग रहा है। आलम यह है कि थर्मल बिजली ही नहीं बल्कि सौर ऊर्जा भी उपभोक्ताओं को महंगी पड़ रही है। अभी थोड़ी बहुत राहत है तो वह इसलिए की सौर ऊर्जा में उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिल रही है। अगर सब्सिडी का दायरा खत्म हुआ तो सौर ऊर्जा की बिजली और महंगी हो सकती है।
गौरतलब है कि प्रदेश में थर्मल बिजली बीते 15 सालों में लगातार महंगी हुई है। वजह, लगातार घाटा और खरीदी का गणित है। अब सौर ऊर्जा को बिजली की मूल खपत में 50 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन सौर ऊर्जा पहले से ही महंगी है। इस कारण सौर ऊर्जा को सस्ती करने की चुनौती है। ऐसे में यदि सौर ऊर्जा अभी तय थर्मल बिजली के दामों से भी महंगी होती है तो स्थिति विकट ही जाएगी। अभी थर्मल बिजली के महंगी होने का गणित लगातार बढ़ते खर्च बताकर घाटे पर टिका है। बिजली कंपनियां सालाना औसत चार से पांच हजार करोड़ रुपए का घाटा आमदनी, और खर्च के बीच अंतर बताकर टैरिफ प्रस्ताव पेश करती हैं।
प्रदेश में वर्ष 2003 में घाटे को खत्म करने के उद्देश्य से ही बिजली बोर्ड को भंग करके बिजली कंपनियों का गठन किया गया था, लेकिन बिजली कंपनियों ने घाटा कम करने के बजाए बढ़ा दिया। वर्ष-2000 में विद्युत मंडल के समय घाटा 2100 करोड़ और दीर्घकालीन कर्ज करीब 4892.6 करोड़ दर्ज था। अब वर्ष- 2021 की स्थिति में 47 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हो चुका है।
आम आदमी को सौर ऊर्जा महंगा
सौर ऊर्जा सरकार को निजी कंपनी से भले ही 2.14 रुपए प्रति यूनिट मिले, लेकिन इसे खरीदकर आम आदमी के घर तक पहुंचने में दाम दोगुना से ज्यादा हो जाते हैं। फिलहाल अभी 6 रुपए प्रति यूनिट तक उपभोक्ता को बिजली पड़ती है। उस पर भी अलग चार्जेस जुड़कर बिल बढ़ा देते हैं। इसमें केवल सब्सिडी दायरे में आ जाने वाले उपभोक्ता राहत पाते हैं। प्रदेश में जब सासन प्रोजेक्ट के तहत बिजली के अनुबंध हुए तो दावा किया गया था कि यह प्रदेश की सबसे सस्ती थर्मल बिजली है। तब, पहले साल की दर 1.10 रुपए प्रति यूनिट थी। अगले वित्तीय वर्ष में दर बढ़ा दी गई। अब सौर ऊर्जा के प्लांट्स में इस तरह के खेल से सबक सीखने की जरूरत है। अभी नीमच सोलर प्लांट में सबसे सस्ती 2.14 रुपए प्रति यूनिट सौर ऊर्जा मिलने का दावा किया जा रहा है। वहीं आगर-मालवा में 2.44 रुपए प्रति यूनिट की दर से एमओयू हुआ है। इससे पूर्व रीवा सोलर पॉवर प्लांट पर 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से एमओयू हुआ था।

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