जनजातीय बहुल 307 गांवों का होगा चहुंमुखी विकास

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रदेश के जनजातीय बहुल ग्रामों में विकास के लिए नई आदर्श ग्राम योजना लागू की जा रही है। इस योजना का सही ढंग से क्रियान्वित कर जनजातीय बहुल ग्रामों के एकीकृत विकास किया जाएगा। केंद्र सरकार की इस योजना को प्रदेश के 7,307 गांवों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में 1,204 गांव शामिल किए गए हैं। इसमें अधोसंरचना विकास के साथ जनप्रतिनिधियों के क्षमता विकास के कार्य होंगे। जो ग्राम इसमें बेहतर काम करेंगे, उनका चयन करके प्रदेश स्तर पर तीन ग्रामों को पांच-पांच लाख रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे।
जनजातीय बहुल ग्रामों में नई आदर्श ग्राम योजना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में योजना की जानकारी ली। इस अवसर पर बताया गया कि जनजातीय बहुल ग्रामों में आदर्श ग्राम योजना में बेहतर काम करने वाले तीन ग्रामों को पांच-पांच लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। आकांक्षा योजना में जेईईई, नीट और क्लैट के साथ एनडीए की परीक्षा की तैयारी की व्यवस्था करने पर भी विचार किया जा रहा है। जनजातीय कला और संस्कृति के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए प्रतिवर्ष राजा संग्राम शाह पुरस्कार भी घोषित किया गया है। सभी पात्र व्यक्तियों को वन भूमि के अधिकार पत्र दिए जाएंगे। वनाधिकार के जो आवेदन निरस्त हुए हैं, उनका परीक्षण भी करवाया जा रहा है। पेसा अधिनियम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। परिषद के सदस्य डॉ. रूपनारायण मांडवे ने जनजातीय समाज की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार के कदमों से जनजातीय वर्ग को नई ऊर्जा मिली है।
बैकलाग के पदों पर सीधी भर्ती
जनजातियों को मुख्यधारा में लाने के लिए  बैकलाग पदों पर सीधी भर्ती में सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति के लिए विशेष   प्राविधान किए गए हैं। यह सुविधा सीधी, सिंगरौली सहित अन्य जिलों में लागू करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। वहीं जनजातीय वर्ग में सिकल सेल एनीमिया रोगको नियंत्रित करने के लिए मिशन पायलट आधार पर झाबुआ और आलीराजपुर में लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राजभवन में ट्राइबल सेल के गठन, आदिम जाति अनुसंधान और विकास संस्थान और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति, आजीविका से जुड़े नए कार्यक्रमों का संचालन, जनजातीय वर्ग के कलाकारों द्वारा निर्मित कलाकृतियों और चित्रों के विक्रय की व्यवस्था के जो सुझाव दिए हैं, उन पर विभाग कार्रवाई कर रहे हैं।

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