
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार ने सुशासन की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए कर्मचारियों की मैपिंग कराने का फैसला किया है। यह नई व्यवस्था लागू होने से हर सरकारी कर्मचारी और अफसरों पर पूरी नजर रखी जाएगी। इसके चलते कर्मचारी और अफसर न तो काम चोरी कर पाएंगे और न ही ड्यटी स्थल से गायब हो सकेगें। यही नहीं विभाग रिक्त पदों की भी जानकारी नहीं छिपा सकेगें। इसके लिए वित्त विभाग द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों की मैंपिंग कराई जा रही है। इससे विभाग के पास हर कर्मचारी की पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। वित्त विभाग द्वारा इसके लिए अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव कराया जा रहा है। इसका प्रभाव आगामी साल से दिखना शुरू हो जाएगा। खास बात यह है कि इस बदलाव की वजह से हर कर्मचारी -अधिकारी के नौकरी में रहते हुए सभी तबादलों तक की जानकारी मिल सकेगी। यही नहीं अगर कोई कर्मचारी अपनी पदस्थापना में बदलाव के लिए आवेदन भी देगा तो उसकी जानकारी भी संबंधित विभाग को मिल जाएगी। वित्त विभाग द्वारा इसके लिए प्रदेश के सभी आहरण संवितरण अधिकारियों के माध्यम से सभी विभागों के सभी कर्मचारियों , दफ्तरों और वहां स्वीकृत व रिक्त पदों की मैपिंग कराने का काम शुरू किया जा चुका है। इस मैपिंग के बाद यह पता चल जाएगा कि किस विभाग का कौन सा अधिकारी कर्मचारी कितने साल से एक ही जगह पदस्थ है या फिर कहां-कहां कब कितने समय तक पदस्थ रहा है। अगर पदस्थापना के दौरान कोई अफसर कर्मचारी गायब रहता है व सिर्फ वेतन लेने आता है तो सॉफ्टवेयर में की गई कम्प्लेन की व्यवस्था के माध्यम से होने वाले सोशल आडिट से इसकी भी जानकारी शान को मिल जाएगी। पदों की मैपिंग कराने का फायदा यह होगा कि अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कोई डॉक्टर, प्राथमिक या माध्यमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक, पटवारी हल्के में पदस्थ पटवारी, पंचायत का सचिव सिर्फ वेतन लेता है और पदस्थापना स्थल पर नहीं जाता तो उसकी जानकारी सिंगल क्लिक के जरिये शासन को हो सकेगी। ऐसे लोगों की जहां से तनख्वाह निकलती है वहां जाकर काम करना होगा। फिलहाल कई विभागों द्वारा फील्ड के दफ्तरों में रिक्त पदों की जानकारी समय पर और सही तरीके से नहीं भेजी जाती। डीडीओ द्वारा पदों की मैपिंग किए जाने का फायदा यह होगा कि हर पद की जानकारी आ जाएगी और शासन को रिक्त पदों पर पदस्थापना करने में आसानी होगी। गांवों में शिक्षक विहीन स्कूल नहीं होंगे और स्कूल से गायब होने की स्थिति भी नहीं बनेगी।
कई निकाय व निगम मंडल रहेंगे मुक्त
वित्त विभाग की इस नई व्यवस्था से सिर्फ वे अफसर व कर्मचारी मुक्त रहेंगे जिनका वेतन भुगतान फिलहाल कोषालय के माध्यम से नहीं होता है। इनमें कुछ स्वायतशासी संस्थाओं के कर्मचारी अधिकारी भी शामिल हैं। ऐसे दफ्तरों में मार्कफेड, नागरिक आपूर्ति निगम, नगरीय निकाय, जिला पंचायत, सहकारी बैंक समेत अन्य ऐसे दफ्तर शामिल हैं।