कृषि मंत्री ने तलब की भ्रष्टाचार से जुड़ी 23 फाइलें

कमल पटेल
  • दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय मामले को गुपचुप तरीके से रफा-दफा करने की चल रही है तैयारी
    भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। कृषि मंत्री कमल पटेल करोद मंडी में प्लाट आवंटन में करोड़ों की गड़बड़ी के मामलों सहित मुआवजा वितरण, दाल मिल व नियम विरुद्ध कार्य आदि से जुड़े मामलों की 23 फाइलें तलब की है। मंत्री पटेल द्वारा पूर्व में इस बारे में मंडी बोर्ड के पूर्व प्रबंध संचालक संदीप यादव को निर्देश दिए गए थे क्योंकि यादव का तबादला हो चुका है ऐसे में दोबारा से लंबित फाइलों को तलब किया गया है बता दें कि करोद मंडी में प्लाट आवंटन में करोड़ों की गड़बड़ी के मामले में मंडी प्रशासन द्वारा गठित टीम ने सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की है। लेकिन सात साल की लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। दोषियों पर भ्रष्टाचार साबित हो जाने के बाद भी मामले में टालमटोल की जा रही है। यही नहीं दाल मिल के नाम से प्लॉट आवंटन करवाकर सौदेबाजी करने और दाल प्रोसेसिंग नहीं होने के मामले में भी पांच साल से फाइल करोद मंडी और मंडी बोर्ड के बीच हिचकोले खा रही है। हालांकि यह कोई एक और दो मामले नहीं बल्कि ऐसे करीब आधा दर्जन मामले हैं, जिनमें दोषियों पर कार्रवाई के बजाय मामले को दबाने या फिर गुपचुप तरीके रफा दफा करने की तैयारी की जा रही है।
    वहीं भारतीय किसान यूनियन ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि दोषी अफसरों को बर्खास्त करके सरकारी राशि की वसूली नहीं होती है तो मंडी बोर्ड का घेराव किया जाएगा। यूनियन के सचिव के मुताबिक करोद मंडी की गड़बड़ियों को लेकर पूर्व में भी कृषि मंत्री और पूर्व प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड कार्रवाई की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन अब तक भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाया जा रहा है।
    मिलीभगत कर ऐसे किया भ्रष्टाचार
    लक्ष्मी गंज गल्ला मंडी से करोद शिफ्टिंग के दौरान अपात्रों को प्लाट आवंटित कर मुआवजा बांटने में करीब पौने छह करोड़ की बंदरबांट के मामले को दबा दिया गया। यही नहीं अपर संचालक अमर सिंह सेंगर की जांच में मंडी में प्लाट आवंटन में करोड़ों की चपत की पुष्टि भी हो चुकी है। इसके बाद भी दोषी तत्कालीन सचिव योगेश नागले एवं अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई।  मंडी में आवंटित प्लाटों पर नियम विरुद्ध आवासीय बहुमंजिला मकानों का निर्माण होने के बाद भी मंडी इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव ने कोई कार्यवाही नहीं की। इसी तरह मंडी में दाल मिलों के लिए आवंटित प्लाटों में से मात्र चार पर ही दाल निर्माण से संबंधित काम हो रहा है। बाकी का नियम विरुद्ध इस्तेमाल किया जा रहा है। बावजूद इसके इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा मंडी के मिर्ची भरे शायद में लगी आग के बाद दोषियों से नुकसान की वसूली करने के बजाय मंडी निधि से तकरीबन पचहत्तर करोड़ रुपए से गुपचुप तरीके से मरम्मत कराई गई। इस पर भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की हो सकी है।
    7 साल से लंबित है कार्रवाई
    उल्लेखनीय है कि करोद मंडी में प्लाट आवंटन को लेकर किए गए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के संबंध में मंडी प्रशासन द्वारा टीम का गठन किया गया था। टीम ने जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की, लेकिन विडंबना है कि 7 साल बाद भी इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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