सौर ऊर्जा से कनेक्ट होंगे प्रदेश के कृषि फीडर्स

सौर ऊर्जा
  • सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट कल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के कृषि फीडर्स को सौर ऊर्जा से कनेक्ट करने का अभियान जारी है। इसके लिए सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट की शुरुआत की गई है। मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सुबह 10 बजे समिट शुरू होगी जो शाम 6 बजे तक चलेगी। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना में व्यापक निवेश के अवसर हैं। समिट को लेकर एसीएस मनु श्रीवास्तव ने कहा, देश में मप्र पहला राज्य है जो कृषि फीडर्स को सौर ऊर्जा से कनेक्ट करने जा रहा है। यह राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इसके लिए कैबिनेट ने फैसला लिया था। तकनीकी तौर पर अच्छा प्रोजेक्ट है। किसानों को दिन में सबसे सस्ती बिजली मिलेगी।
केंद्र सरकार की कुसुम सी योजना के साथ राज्य सरकार ने योजना शुरू की है। राज्य सरकार की योजना बिना सब्सिडी के लिए है। योजना में सब्सिडी का प्रावधान है। निवेशकों को इससे फायदा होगा छोटे निवेशकों को भी लाभ मिलेगा। सब स्टेशन की कैपेसिटी कम है, इसे बढ़ाया जा रहा है।  समिट को लेकर मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा, सूर्य मित्र कृषि फीडर्स योजना से किसानों को लाभ मिलेगा। इससे उन्हें दिन में भी बिजली मिलेगी। प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा में लगातार आगे बढ़ रहा। समिट में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। 300 लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। राज्य के साथ बाहर से भी निवेशक आ रहे हैं। प्रदेश कुसुम सी योजना में तीसरे नंबर पर है। कुसुम ए में प्रदेश दूसरे नंबर पर है।
लगेंगे 14500 मेगावॉट के सोलर प्लांट
गौरतलब है कि प्रदेश में कोयले से बनने वाली महंगी बिजली की निर्भरता को कम करने सरकार सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके तहत अब मप्र में बड़े स्तर पर कुसुम सी योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित किए जाने का टारगेट है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों की मदद से ऊर्जा विकास निगम ने कुसुम सी योजना के तहत सोलर प्लांट के लिए सब स्टेशन चिन्हित कर लिए हैं। इन सब स्टेशन पर 14500 मेगावॉट के सोलर प्लांट लगाए जांएगे। इन सोलर प्लांट के लगने से 20 हजार करोड़ से अधिक के निवेश का अनुमान है। सोलर प्लांट लगाए जाने के लिए निवेशकों और किसानों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके लिए 10 जून को सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट का आयोजन राजधानी में होगा। इस समिट के लिए अब तक 300 निवेशकों के पंजीयन हो चुके हैं। प्रदेश में कुसुम सी योजना के तहत लगने वाले सोलर प्लांट के लिए 1900 सब स्टेशन का चयन किया गया है। सोलर प्लांट लगने  से किसानों को दिन के समय कम लागत में अधिक बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना में किसानों को ज्यादा सुविधा दी जा रही है। अगर किसान अपनी जमीन पर कुसुम सी योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करना चाहते हैं, तो बिना किसी शर्त के टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं। इस योजना में निवेशकों के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं। प्रदेश में दूसरे राज्यों से अलग इस योजना का संचालन किया जा रहा है। यहां छोटे-छोटे सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिससे किसान इस योजना में निवेश कर सकें। प्रदेश के किसानों को दिन के समय 10 घंटे तक बिजली उपलब्ध कराने का टारगेट रखा गया है। इससे किसानों को सस्ती दरों में बिजली मिल सकेगी और इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा।
सरकार देगी बड़ी सब्सिडी
कुसुम सी योजना में 1 मेगावॉट के प्रोजेक्ट पर 1 करोड़ तक की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। किसी भी सब स्टेशन के 5 किमी के दायरे में सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इन सोलर प्लांट से बनने वाली बिजली को सरकार खरीदेगी। इसके लिए 25 साल तक का अनुबंध किया जाएगा। इस योजना के तहत 7 साल तक एग्रीकल्चर इनका फंड से 3 प्रतिशत ब्याज की छूट भी मिलेगी। एसीएस ऊर्जा मनू श्रीवास्तव ने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश में दो प्रकार के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। एक ही सब स्टेशन पर सब्सिडी और नॉन सब्सिडी वाले सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। दरअसल केंद्र सरकार से प्रदेश को 1200 मेगवॉट क्षमता तक की सौर परियोजनाओं को सब्सिडी स्वीकृत हुई है। प्रदेश में कुसुम सी योजना के तहत इससे अधिक क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जाने है। ऐसे में 1200 मेगावॉट क्षमता के बाद के सोलर प्लांट बिना सब्सिडी वाले होंगे। सब्सिडी और नॉन सब्सिडी वाले सोलर प्लांट एक ही स्थान पर लग सकेंगे।

Related Articles