
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल तक छुट्टी से दूर रहे प्रदेश के आईपीएस अफसरों ने छुट्टी के लिए आवेदन देना शुरू कर दिया है। कुछ अगले महीने तो कुछ नव वर्ष के दौरान छुट्टी पर जाना चाहते हैं। इस कारण पीएचक्यू में छुट्टी के आवेदनों की भरमार हो गई है। करीब 3 दर्जन से अधिक अफसरों ने छुट्टी के लिए आवेदन किया है। जिन अफसरों की छुट्टी मंजूर हो रही है उनका काम दूसरे अफसरों को सौंपा जा रहा है।
पुलिस महकमे में इस समय छुट्टी लेने की आपाधापी मची है। पुलिस अफसरों के यहां रोजाना छुट्टी के लिए जमावड़ा लग रहा है। इसके पीछे कोरोना संक्रमण की वजह से छुट्टी का बंद होना माना जा रहा है। किसी को वाजिब कारणों से छुट्टी चाहिए तो कोई दिसंबर बीतने के साथ छुट्टी लैप्स होने की चिंता में अर्जी लगाए हुए है। पुलिस विभाग में छह तरह की छुट्टियों के प्रावधान हैं। इसमें मुख्य अर्जित अवकाश, मेडिकल, आकस्मिक अवकाश, एजुकेशनल, स्पेशल, रिवार्ड लीव शामिल है। महिला पुलिस कर्मियों को इनके अलावा मैटरनिटी और बेबी केयर लीव भी देय है।
अफसरों की पहली पसंद पोर्ट ब्लेयर बना
प्रदेश के आईपीएस अफसरों की पसंद पोर्टब्लेयर है। अंडमान-निकोबार स्थित टापू में छुट्टियां मनाने के लिए डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना से दो अफसरों ने आवेदन किया था। जिसे डीजीपी ने स्वीकार कर दिया है। दो आईपीएस अधिकारी परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए जाएंगे। पिछले एक साल में दर्जन भर से ज्यादा अफसर पोर्ट ब्लेयर जा चुके हैं। इनमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। खास बात है कि पोर्ट ब्लेयर में सिर्फ दो ही पर्यटन के लिए जाना जाता है। पहला स्कूबा डाइविंग और दूसरा सेल्यूलर जेल है। यहां अंग्रेजी हुकूमत ने वीर सावरकर को सालों तक कैद रखा था। इस जेल का पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री सहित कई दिग्जग नेता निरीक्षण कर चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि पीएचक्यू में पदस्थ पुलिस सुधार शाखा के आईजी अशोक गोयल ने 12 दिनों के अवकाश के लिए आवेदन किया था लेकिन , डीजीपी ने 10 दिनों की छुट्टी दी है। गोयल पत्नी पूनम गोयल के साथ 26 नवंबर से 11 दिसंबर तक टूर पर रहेंगे। इसके अलावा एडीजी वरुण कपूर भी पोर्ट ब्लेयर जाने के लिए 19 दिनों की छुट्टी मांगी थी मगर उन्हें भी 10 दिनों की ही लीव मिली है। एडीजी कपूर पत्नी और बेटा-बेटी के साथ वैकेशन पर रहेंगे। एडीजी की जगह पर एडिशनल चार्ज कमांडेंट ओम प्रकाश त्रिपाठी को दिया जाएगा।
दर्द सुनाएं किसको
इंस्पेक्टर स्तर के एक अफसर कहते हैं कि कभी पुलिस वाला बनकर पुलिस के बारे में सोचिए। 90 प्रतिशत ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो त्योहारों पर घर नहीं जा पाते। पत्नी, बच्चे, माता, पिता बीमार हो जाते हैं तो भी समय पर उन्हें छुट्टियां नहीं मिल पातीं। एक हेड कांस्टेबल ने कहा कि सरकार की तरफ से छुट्टियां निर्धारित हैं ,लेकिन पुलिस कर्मियों को नहीं मिल पातीं। अगर हकीकत में जांच करा ली जाए तो 60 प्रतिशत पुलिसकर्मी शुगर, ब्लडप्रेशर, हाइपर टेंशन से ग्रसित हैं। सरकार और उच्चाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि साल भर में जो भी अवकाश मिलता है वह उसी साल प्रत्येक पुलिस कर्मी को अनिवार्य रूप से दिए जाएं। पुलिसकर्मियों को हर साल 30 उपार्जित, 30 आकस्मिक अवकाश देय है लेकिन अधिकतर पुलिस कर्मियों को निर्धारित छुट्टियां नहीं मिल पातीं। विभागीय प्रावधान है कि उपार्जित अवकाश 300 तक पहुंचने के बाद ये सभी छुट्टियां समाप्त हो जाती हैं। पिछले तीन महीने से शहर में वीआईपी मूवमेंट अधिक होने के चलते अधिकतर पुलिस कर्मियों को छुट्टियां नसीब नहीं हो सकीं। अब साल का आखिरी महीना होने के नाते पुलिस कर्मी छुट्टियों के लिए परेशान हैं। किसी के यहां शादी हैं तो किसी की मां, पत्नी बीमार हैं। पुलिस अफसरों के यहां छुट्टियों के आवेदनों की भरमार लग गई है।
छुट्टी मांगने वालों की कतार
सीनियर अफसरों को छुट्टी की अनुमति मिलते ही जूनियर आईपीएस ने भी आवेदन कर दिए हैं। पीएचक्यू के पास 38 आईपीएस के आवेदन मिले है। जिसमें एडिशनल एसपी, कमांडेंट स्तर के सबसे ज्यादा अधिकारी हैं। बता दें कि पिछले दो सालों में अफसर कोरोना के चलते छुट्टी पर नहीं गए थे ,लेकिन अब सामान्य स्थिति होने के बाद छुट्टियों की प्लानिंग कर रहे है। खास बात है कि नवबंर दिसंबर से ज्यादा नए साल में छुट्टी के लिए आवेदन पीएचक्यू पहुंचे हैं। वहीं मेटरनिटी लीव पर आईपीएस निवेदिता गुप्ता रहेंगी। राज्य सरकार ने 45 दिन की मेटरनिटी लीव के लिए अनुमति दी है। निवेदिता गुप्ता की छुट्टी के जाने के बाद महेश चंद्र जैन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। छुट्टी से जाने से पहले निवेदिता गुप्ता के पास एसपी रेल 7 इंदौर की कमान थी। छुट्टी से पास आने के बाद जैन रिलीव होंगे और निवेदिता एसपी रेल होंगी।