
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में पोषण अहार की नई व्यवस्था के राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बीच अब महिला बाल विकास विभाग को ढाई साल पहले दिए गए करीब 141 करोड़ रुपयों की याद आ गई है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा अब यह राशि लौटाने की मांग आजीविका मिशन से की जा रही है। दरअसल मार्च 2018 में यह राशि विभाग द्वारा आजीविका मिशन संस्था को पूंती के लिए दी गई थी। उस समय प्रदेश सरकार ने पोषण आहार संयंत्रों का काम महिला स्वसहायता समूहों को सौंपा गया था। इसके बाद कांग्रेस सरकार के समय व्यवस्था बदलने के बाद भी महिला बाल विकास विभाग द्वारा यह राशि वापस नहीं मांगी गई थी, लेकिन अब जब प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए ढाई साल पूर्व की व्यवस्था को लागू करने का फैसला कर लिया तो विभाग को अपनी राशि पाने की याद आ गई है। यह पैसा मार्च 2018 का है। तब महिला स्व सहायता समूहों के फेडरेशन को संयंत्रों का काम सौंपे जाने के बाद कार्यशील पूंजी के तौर पर एक साल के लिए दिया गया था। व्यवस्था में बदलाव और तय समय पूरा होने के बाद भी यह पैसा नहीं लौटाया गया। उस समय यह भी कहा गया था कि दो माह का पैसा पोषण आहार (टीएचआर-टेक होम राशन) के ऑर्डर से पहले दिया जाएगा। तभी से यह राशि लंबित पड़ी हुई है। अब कैबिनेट में भेजे गए प्रस्ताव में महिला बाल विकास ने अपना यही पैसा दोबारा मांग लिया है। साथ ही सहमति भी दी है कि यह पैसा वापस मिलने के बाद ही वह पोषण आहार का ऑर्डर जारी करने के साथ ही एक माह के लिए अग्रिम राशि दी जाएगी मंत्रिमंडल की बैठक में महिला बाल विकास विभाग के प्रस्ताव पर तो कोई निर्णय नहीं लिया गया है , लेकिन यह जरूर कहा है कि आने वाले समय में इसका भुगतान होगा। तब तक तीन माह के पोषण आहार की सप्लाई का पैसा जीएसटी के साथ एकमुश्त महिला बाल विकास विभाग राज्य आजीविका मिशन को देगा। यह राशि दो सौ करोड़ के करीब होती है।
गठित की जाएगी अफसरों की अंतरविभागीय समिति
पोषण आहार संयंत्रों के संचालन, प्रबंधन, पोषण आहार बांटने, उसकी रैसिपी, दरों, गुणवत्ता व अन्य कामों के लिए एक अंतरविभागीय कमेटी के गठन को भी मंजूरी मिली है। इसे बड़े फैसले लेने का अधिकार होगा। इसमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव, राज्य आजीविका मिशन के सीईओ, एकीकृत बाल विकास के आयुक्त और 7 एमपी एग्रो के एमडी शामिल रहेंगे।