
-लगातार मुनाफा घटने की वजह से डीबी कॉर्प अपने शेयर होल्डर्स को उचित लाभांश भी नहीं दे पा रहा है
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापों के बाद भास्कर समूह की हालत खराब हो गई है। यही नहीं इसके बाद से ही इस समूह की कंपनियों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने की 22 से 29 जुलाई के बीच दैनिक भास्कर समूह के सात राज्यों के करीब तीन दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
यह छापेमारी आयकर विभाग एवं प्रवर्तन निदेशालय की संयुक्त टीम द्वारा की गई थी। छापेमारी के बाद इस समूह की कई कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिर गए हैं। यही नहीं इस समूह को अब तक अरबों रुपए की चपत लग चुकी है। हालांकि आईटी के छापे में कुल कितने की टैक्स चोरी हुई है इस बात का खुलासा होना अभी बाकी है। छापे के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर जांच जारी है। भास्कर समूह की प्रमुख कंपनी डीबी कार्प का राजस्व भी लगातार गिर रहा है। पिछले वर्ष 2019-20 से इसकी तुलना करें तो कंपनी का राजस्व वर्ष 2020-21 में 716 करोड़ रुपए गिर चुका है। यही नहीं नेट मुनाफा भी 274 करोड़ से घटकर 141 करोड़ यानी पचास प्रतिशत पर आ चुका है। ऐसे में डीबी कॉर्प अपने अंशधारकों को लाभांश नहीं दे पा रही है। मिनिस्ट्री आफ कॉरपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट के अनुसार भास्कर समूह की कंपनियों पर 28 हजार करोड़ का मिला था वहीं अब समूह की ऐसी दस कंपनियां मिली है जिन पर तीन हजार तीन सौ करोड़ से भी अधिक का कर्ज है। दिलचस्प बात है कि इन सभी दस कंपनियों ने अधिकांश भास्कर के ही कर्मचारी निदेशक बने हुए हैं। इस समूह की बीस कंपनियों पर बैंकों का 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। हालांकि इसमें से कितनी राशि लौटाई गई इसका विवरण फिलहाल वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है।
टूटने लगी समूह की कमर
समूह की कंपनियों के शेयर लगातार नीचे गए हैं। ऐसे में शेयर बाजार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी कंपनी के लिए यह संकेत अच्छे नहीं कहे जा सकते। दरअसल भास्कर ने जब पब्लिक इश्यू निकाला था उस समय उसके शेयर के भाव साढ़े चार सौ रुपए तक पहुंचे थे लेकिन वर्तमान इसके शेयरों की स्थिति काफी दयनीय है। आज इस कंपनी के शेयर की वैल्यू सिर्फ 91 रुपए के आसपास तक ही रह गई है। उल्लेखनीय है कि डीबी कॉर्प ने वर्ष 2019 में अपने शेयर होल्डर्स को कुल 180 फीसदी लाभांश दिया था। यानी एक शेयर पर अट्ठारह रुपए का लाभांश शेयर होल्डर्स को मिला था। वहीं वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी ने मात्र 30 फेस सिर्फ तीन रुपए ही लाभांश जून 2021 में घोषित किया है। मुनाफा आधा रह जाने और सात सौ करोड़ से अधिक का राजस्व घटने से इस समूह की कमर अब टूटने लगी है।
समूह की मूल कंपनी है डीबी कॉर्प
दैनिक भास्कर समूह की मूल कंपनी ‘डीबी कॉर्प लिमिटेड’ है। इस कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक समूह की मौजूदगी 12 राज्यों में हैं और यह हिंदी, गुजराती तथा मराठी में समाचार-पत्रों के 65 संस्करण एवं 211 उप संस्करण प्रकाशित करती है। यह सात राज्यों में 30 रेडियो केंद्रों का भी संचालन करती है और छह वेब पोर्टल तथा चार मोबाइल फोन ऐप के साथ इसकी ऑनलाइन उपस्थिति भी है।