नियुक्ति के बाद… सरकार ने केन्द्र को भेजा डीजीपी के लिए नामों का पैनल

डीजीपी

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही मध्यप्रदेश सरकार सुधीर कुमार सक्सेना को पुलिस का नया मुखिया बना चुकी है , लेकिन इसके बाद भी अब प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने के लिए नामों का पैनल केन्द्र सरकार को भेजा गया है। इसमें भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच से लेकर 1992 बैच तक के आईपीएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं। यह संख्या दो दर्जन से अधिक बताई जा रही है। इस सूची में तीस साल का कार्यकाल पूरा करने वाले केवल उन्हीं आईपीएस अधिकारियों का नाम शामिल नहीं किया गया है , जिनका कार्यकाल छह माह से कम है या उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। केन्द्र सरकार पैनल तैयार करने के लिए अधिकारियों के रिकॉर्ड की छानबीन करेगी। इसके बाद चयन समिति मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के साथ चर्चा के बाद तीन नामों का पैनल तैयार  करेगी। नियमानुसार तीन नामों में एक किसी को राज्य सरकार डीजीपी के तौर पर नियुक्त कर सकती है। मध्यप्रदेश सरकार भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी सुधीर कुमार सक्सेना को डीजीपी नियुक्त कर चुकी है। केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए जाने वाले पैनल में सुधीर सक्सेना नंबर एक पर रहेंगे। पुलिस अधिकारियों के नाम का पैनल केवल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के पालन हेतु केन्द्र सरकार को भेजा गया है।
एएसपी व डीएसपी की तबादला सूची को हरी झंडी
लंबे समय से लटकी एएसपी व डीएसपी की तबादला सूची को गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने आला अधिकारियों से चर्चा के बाद हरी झंडी दे दी है। गृह मंत्री की हरी झंडी के बाद तबादला सूची मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन के बाद जल्द ही सूची जारी होने की संभावना है। सूची को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस तबादला सूची में दो दर्जन से अधिक एएसपी स्तर के अधिकारी हैं, जबकि डीएसपी की संख्या लगभग 150 है। इसमें लगभग 65 नए डीएसपी हैं, जिनकी प्रशिक्षण के बाद पहली पदस्थापना होगी। इनमें अधिकांश को हाकफोर्स, महिला सेल और अन्य शाखाओं में पदस्थ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से फील्ड में अस्सी से अधिक एसडीओपी, सीएसपी, डीएसपी अजाक व एएसपी के पद खाली है। डीजीपी सुधीर सक्सेना की पहली वीडियो कांफ्रेंसिग में जोन आईजी व जिलों के एसपी ने फील्ड में खाली पड़े पदों को जल्द भरने की मांग की थी।

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