पंचायतों के बाद भाजपा ने परिषदों में भी मारी बाजी

 भाजपा परिषदों

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। ग्रामीणों के बाद अब शहरी लोगों ने भी प्रदेश के भाजपा संगठन और शिव सरकार की योजनाओं पर अपनी मुहर लगा दी है। इसकी वजह से ही भाजपा को प्रदेश में 53 जिला पंचायतों में से 42 पर और लगभग इसी औसत में नगरीय निकायों में भी सफलता मिली है। इसकी वजह से एक बार फिर भाजपा को शहरी इलाकों में दो तिहाई बहुमत मिल गया है। यही वजह है की पांच नगर निगमों में अपने महापौर बनाने में सफल रही कांग्रेस में अब भी अगले साल होने वाले आम विधानसभा चुनावों को लेकर चिंता बनी हुई है। कांगे्रेस को जहां छिंदवाड़ा ,रीवा,जबलपुर, ग्वालियर और मुरैना में महापौर पद पर सफलता मिली है तो कटनी में निर्दलीय और सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है, लेकिन इसमें भी कटनी महापौर भाजपा की बागी होकर चुनाव जीती है , लेकिन भले ही उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है ,लेकिन वे अब भी खुद को भाजपा का ही मानकर चल रही है।  इसकी वजह से कटनी का पद भी भाजपा के खाते में ही आना तय है। इामें खास बात यह है की जिन नगर निगमों में विपक्षी दलों का प्रत्याशी महापौर पद पर जीता है उनमें भी जनता ने पार्षद पदों पर भाजपा का साथ दिया है , जिसकी वजह से इनमें से अधिकांश में भाजपा की ही परिषद बनी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने नतीजों के बारे में कहा कि यह संगठन की ताकत और सरकार की योजनाओं के कारण हुआ है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि गांव से लेकर महानगरों तक भाजपा जीती है। प्रदेश की 22924 पंचायतों में हुए चुनावों में 19863 से अधिक पंचायतों में भाजपा समर्थित सरपंच बने। 19 नगर निगमों में महापौर भाजपा के हैं। अधिकांश नगर निगम परिषद में भाजपा के प्रत्याशी ही अध्यक्ष बने हैं। 76 नगर पालिकाओं में से 59 में भाजपा के अध्यक्ष हैं। इसी तरह 255 नगर पालिका परिषदों में से 212 में भाजपा के अध्यक्ष बने। चौदह नगर परिषदों में भाजपा निर्विरोध जीती है।
हर वर्ग के लिए कल्याण योजनाएं
शर्मा ने कहा कि पंचायत और निकाय चुनावों के परिणामों से यह साबित हो गया कि एक तरफ प्रदेश की भाजपा सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्यादान, तीर्थ दर्शन और संबल जैसी योजनाएं शुरू की, जिनके दायरे में मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों, बुजुर्गों, छात्र-छात्राओं से लेकर गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया। वहीं, मोदी सरकार ने लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर योजनाएं दीं।
खामियां दूर करने की कवायद
लगातार चुनावी मोड में रहने वाली भाजपा ने विधानसभा की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए नगरीय निकाय चुनावों से सबक लेते हुए सबसे पहले संगठन में और कसावट लाई जा रही है और जहां जरूरी होगा वहां परिवर्तन भी करने की तैयारी है। इसमें कई मोर्चा, प्रकोष्ठों से लेकर जिलों में बदलाव तय माना जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों का दौर भी शुरू होने वाला है। फिलहाल पार्टी में समीक्षा का दौर जारी है। सोलह नगर निगमों में क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा को इस बार नौ नगर निगमों में ही मेयर के चुनाव में सफलता मिली है। जीत का शेयर उसका प्रदेश में भले ही ज्यादा हो पर जहां हारे वहां, हार के कारणों की समीक्षा में संगठन के आला नेता जुट गए हैं। विधानसभा चुनावों में अब महज सवा साल शेष हैं। ऐसे में समीक्षा अब मिशन 2023 को ध्यान में रखकर की जा रही है। इसके लिए केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर नवनियुक्त क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल हाल ही में तीन दिनों तक भोपाल में बैठक कर चुके हैं। माना जा रहा है कि विस चुनाव की दृष्टि से संगठन में और कसावट करने का सिलसिला अब शुरू होने जा रहा है। जिन जिलों में नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा और जहां पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के दौरान जिला अध्यक्षों का काम संतोषजनक नहीं पाया गया उन जिलों के अध्यक्षों का बदलना भी तय  है। पार्टी सूत्रों की माने तो जल्द ही करीब डेढ़ दर्जन जिलों के अध्यक्षों पर गाज गिरना तय हैं। इनमें ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े जिले भी शामिल हैं।
भाजपा की कल होगी बड़ी बैठक
भाजपा प्रदेश संगठन ने निकाय चुनाव की समीक्षा और मिशन 2023 की तैयारियों के लिए 17 अगस्त को बैठक बुलाई है। इसमें प्रदेश पदाधिकारी, मंत्री, सांसद और विधायकों से लेकर जिलाध्यक्षों को भी बुलाया गया है। बैठक में निकाय चुनाव नतीजों पर बातचीत होगी। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहेंगे। ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में पार्टी के बड़े नेताओं के बीच गुटबाजी की खबरें सामने आ रही है। पूर्व मंत्री इमरती देवी का कार्यकर्ताओं को फटकारने वाला वीडियो वायरल हुआ है। बुंदेलखंड में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बीच पटरी नहीं बैठ रही है। इन सभी मसलों पर बात हो सकती है।

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