
- लव जिहाद को लेकर सांसद आलोक शर्मा ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद आलोक शर्मा ने जिम, ट्रेनर और लव जिहाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इंदौर के बाद भोपाल के जिम और ट्रेनर की जानकारी ले रहे हैं। जो तथाकथित मुस्लिम समाज के हैं उनको कोई अधिकार नहीं है बहनों को ट्रेनिंग देने का। इंदौर ने ठीक निर्णय किया है। हम पुलिस को सूची सौंपेंगे। सरकार अपना काम करेगी हम अपना काम करेंगे। किसी को लव जिहाद की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह तो भूमि का भी लैंड जिहाद कर रहे हैं, अब यह नहीं चलने वाला है। कानून अपना काम करेगा, कठोर से कठोर कार्रवाई करेगा। सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि गुलामी के नाम बदले जाना चाहिए। भोपाल नवाबों का या केवल मुसलमान का नहीं है। यह भोपाल सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, परमारवंश, रानी कमलापति का है। भोपाल में 700 साल का कालखंड हिंदू शासकों का रहा। औबेदिया स्कूल, रशीदिया स्कूल, सुल्तानिया जनाना अस्पताल, हमीदिया अस्पताल ये सब नाम बदले जाना चाहिए। नाम महापुरुषों के नाम पर होना चाहिए। ऐसे स्थानों के नाम बदलना चाहिए। पहले हिंदू नाम थे उन्होंने सिर्फ राजनीतिक रंग देने के लिए नाम बदले गए थे। मैं बोलता हूं तो क्यों मिर्ची लगती है। देखिए, नजर और नजरिए का फर्क है जनाब। उनकी नजर का इलाज तो हम करा देंगे लेकिन नजरिया का इलाज कहां से कराएं मियां।
कमरे से निकले अधिकारी, ऐसे काम नहीं चलेगा
सांसद ने कहा कि भोपाल के कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, एडिशनल एसपी, एसडीएम सभी को गस्त करनी चाहिए। केवल ऑफिस में बैठने से काम नहीं चलेगा, निकालना पड़ेगा। सब जनप्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए। पूरे भोपाल में एक कानून चलना चाहिए, कोई पाकिस्तान में नहीं है, काजी कैंप और कई स्थान है भोपाल और ये सब हिंदुस्तान में है।
हम हिंदू मुसलमान की नहीं, काम की बात करते
भोपाल में एक कानून होना चाहिए, दो कानून नहीं चलेंगे। पुलिस कमिश्नर और कलेक्टर से बात चल रही है। अल्लाह ताला ने रात सोने के लिए बनाई है सिर्फ बिरयानी खाने के लिए नहीं बनाई। अच्या अम्मी कहते रहे हैं सो जाओ और सुलेमानी चाई पी रहे हैं। रात को सो गए तो कानून अपना काम करेगा, साथ ही अपराध नहीं होंगे। अगर यह बात भेपाल का बेटा और सांसद नहीं कहेगा तो कौन नहीं, कहेगा। मियां हम हिंदू मुसलमान की बात काम की बात करते हैं तो इन्हें तकलीफ होती है। 90 मुस्लिम निकलते हैं और 10 प्रतिशत हिंदू। सही को सही तो बोलना ही पड़ेगा, अब बुरा लगे मियां या अच्छा, बात तो कहेंगे।