मिलावट बिगाड़ रही है लोगों की सेहत

मिलावट
  • अर्थदंड के बाद भी मिलावट नहीं रूक रही

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। त्योहार हो या आम दिन खाद्य पदार्थों में मिलावट चरम पर है। यह मिलावट आपकी सेहत पर विपरीत असर डाल रही है। यह स्थिति तब है, जब सरकार व प्रशासन मिलावट के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। प्रशासन की तमाम सक्रियता के बाद भी यहां 17 प्रतिशत नमूने मिलावटी मिल रहे हैं।
वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मुख्यालय भोपाल डीके वर्मा का कहना है कि सरकार के निर्देशानुसार खाद्य प्रशासन लगातार मिलावट के खिलाफ अभियान चलाए हुए है। नागरिक हितों को संरक्षित करने खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश भर में यह अनवरत चलती रहेगी।
बेसन में 200 प्रतिशत यूरिक एसिड
भोपाल में दूध, फल से लेकर खाद्य वस्तुएं तक सुरक्षित नहीं हैं। जांच में अधिकतर वस्तुओं के सैंपल फेल हो रहे हैं। कोलार स्थित खुश्मिता किराना से लिए गए मगध ब्रांड बेसन और खुला आटा के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। ईदगाह हिल्स स्थित लैब से मिली रिपोर्ट में बेसन में तय लिमिट से 200 फीसदी ज्यादा खतरनाक तत्व और आटे में तीन सौ फीसदी पेस्टिसाइड डार्सबान, जिसे दीमक मारने में उपयोग किया जाता है, ज्यादा मिला है। जिला अभिहित अधिकारी देवेंद्र वर्मा ने दुकानदार को नोटिस जारी कराए हैं। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि मगध ब्रांड बेसन में जो तत्व ज्यादा मिले हैं। उनकी मात्रा 0.1 प्रतिशत तय की गई है। लेकिन इनकी मात्रा 2 प्रतिशत से ऊपर मिली है। इसमें यूरिक एसिड, पेस्टिसाइड ब्रोमो क्लोरोफिनॉल, डर्सबान तथा प्रोफेनोफोस निर्धारित अधिकतम सीमा से ज्यादा पाये गये हैं। वहीं खुले आटे में तीन प्रतिशत तक ज्यादा मिली है।
एक साल में 8.67 करोड़ का अर्थदंड
बीते एक साल में इसके लिये जिम्मेदारों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने 8.67 करोड़ का अर्थदंड भी अधिरोपित किया है। बावजूद इसके राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मात्र 2 आरोपियों के खिलाफ ही कार्रवाई हो पाई है। दरअसल प्रदेश में 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच मिलावट मुक्ति अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई थी। इस दौरान लिये गये 14771 नमूनों में 12836 को राज्य की निजी खाद्य प्रयोगशालाओं में जांच के लिये भेजा गया, जिसमें 2192 नमूने फेल मिले। यह कुल नमूनों का 17.07 प्रतिशत है। कमोबेश यही स्थिति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मिलावट मुक्ति अभियान में भी सामने आई है। करीब 2 साल में परीक्षण के लिए जुटाए गए 42 हजार 999 नमूनों में 7503 अमानक मिले हैं। यह बाजार में बेंची जा रही खाद्य सामग्री का 17.44 प्रतिशत है। अभियान के यह आंकड़े 9 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2023 के बीच के हैं।
सख्ती का अभाव
प्रदेश में अमानक सामग्री बेंच रहे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई, लेकिन सख्ती का अभाव दिखा है। अधिरोपित अर्थदंड और वसूली के बीच अंतर को देखते हुए यही माना जा रहा है। क्योंकि 9 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2023 के बीच 18.80 करोड़ अधिरोपण के मुकाबले मात्र 6.3 करोड़ रूपये ही वसूले जा सके हैं। वहीं दूसरी ओर 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच अधिरोपित 8.67 करोड़ के जुर्माने पर 2.93 करोड़ ही सरकार के खाते में आ पाए हैं। इसके अलावा 163 के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया, लेकिन मात्र 2 के खिलाफ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा सकी है। दुग्ध शुद्धीकरण के लिये सरकार ने 62.86 लाख रुपये के दुग्ध उत्पाद जब्त किये हैं। साथ ही 2 प्रकरणों में लाइसेंस निरस्तगी की कार्रवाई की गई।

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