
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार अब नियमों का पालन नहीं करने और जो जगह जिस उपयोग के लिए आरक्षित है उस जगह पर अन्य निर्माण कराने वाली सहकारी गृह निर्माण समितियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने जा रही है। दरअसल ऐसी शिकायतें मिली हैं कि प्रदेश में गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा विकसित कॉलोनियों में पार्क अथवा स्कूल के लिए आरक्षित भूमि पर कहीं भी मकान दुकान तो बना लिए गए हैं।
राज्य सरकार अब इसकी पड़ताल कराएगी और नियम विरुद्ध किए गए निर्माण कार्यों पर समिति पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। इसके लिए सहकारिता विभाग ने सभी जिलों के उप पंजीयकों से रिपोर्ट मंगाई है। इसमें विभागीय जांच दल को कॉलोनियों में जाकर हकीकत का पता लगाना होगा। यदि आरक्षित भूमि के उपयोग में परिवर्तन के मामले सामने आते हैं तो समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में दो हजार से ज्यादा गृह निर्माण सहकारी समितियां है। इन समितियों ने राजधानी भोपाल सहित इंदौर जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में प्रमुख रूप से भूमि लेकर कॉलोनियां विकसित की है। ज्ञात रहे कि सरकार को विभिन्न माध्यमों से ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई है कि कई कालोनियों में पार्क, स्कूल व अन्य गतिविधियों के लिए आरक्षित भूमि को समिति द्वारा बेच दिया गया है। यही नहीं अब इन पर आवासीय मकान व दुकान बना लिए गए हैं, जबकि नियमानुसार समिति ऐसा नहीं कर सकती हैं। ऐसे नियम विरुद्ध किए गए निर्माण कार्यों पर अब सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।
सबसे पहले इन पर होगी कार्रवाई
फिलहाल ऐसी समितियों को जांच के दायरे में लिया गया है जिन्होंने बिना अनुमति लिए ही कॉलोनी विकसित कर दी है। दरअसल कॉलोनी बनाने के लिए समितियों को नियमानुसार नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय से नक्शा पास कराने के साथ ही अन्य आवश्यक अनुमति लेनी होती है। वहीं कुछ समितियों को लेकर शिकायत मिली है कि उन्होंने इस प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया है और बगैर अनुमति के ही कॉलोनी बनाई है। ऐसी समितियों और उनके पदाधिकारियों के खिलाफ अब सख्त कार्यवाही की जाएगी।
निरीक्षण में देखा जाएगा नक्शे के मुताबिक काम हुआ कि नहीं
सहकारिता विभाग ने सभी जिला उप पंजीयकों को निर्देश दिए हैं कि वे दल गठित कर कॉलोनियों का निरीक्षण कराएं और यह देखें कि स्वीकृत नक्शे के अनुसार ही कॉलोनी विकसित हुई है या नहीं। जो जगह जिस उपयोग के लिए आरक्षित की गई थी वहां यदि उसकी जगह कोई अन्य निर्माण कार्य कराया गया है तो ऐसी समितियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए। निर्देशों में कहा गया है कि जांच दल यह भी देखें कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भूखंड छोड़ने या फिर निर्धारित राशि जमा करके भूमि के उपयोग संबंधी जो प्रविधान हैं उनका पालन किया गया है अथवा नहीं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा आरक्षित भूमि का दुरुपयोग करने की शिकायतें हमेशा मिलती हैं। इसकी पड़ताल करने के लिए सभी जिलों के उप पंजीयकों को निर्देश दिए गए हैं। अब इनकी रिपोर्ट के आधार पर गड़बड़ी करने वाली समितियों और उनके पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।