आकृति प्रोजेक्ट्स: तीन दर्जन बेनामी संपत्तियां भी मिलीं

आकृति प्रोजेक्ट्स
  • आकृति के अधूरे प्रोजेक्ट्स को हाउसिंग बोर्ड करेगा पूरा ट्रिब्यूनल के आदेश का इंतजार

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी के आकृति बिल्डर्स के अधूरे प्रोजेक्ट्स को हाउसिंग बोर्ड पूरा करेगा। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) दिल्ली ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। जैसे ही वह आदेश देगा हाउसिंग बोर्ड इन प्रोजेक्ट्स को टेकओवर कर लेगा। आकृति के अलग- अलग प्रोजेक्ट्स में करीब 3 हजार लोगों को 1100 करोड़ की प्रॉपर्टी दिलाने की स्क्रिप्ट पहले से तैयार है। रेरा ने इस संबंध में पहले से ही आदेश जारी कर दिया है, जिसमें आकृति के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी हाउसिंग बोर्ड को देने की बात कही है। आदेश में यह स्पष्ट लिखा है कि इसका पालन एनसीएलएटी का फैसला आने के बाद किया जाएगा। कुल मिलाकर लोगों को उनका हक दिलाने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। बस इंतजार है, तो नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के जजमेंट का, इसके आते ही उस अनुसार कार्रवाई शुरू हो जाएगी। दिवालिया की प्रक्रिया पर स्टे मिलने से पहले आईआरपी द्वारा होम बायर्स और इन्वेस्टर्स से क्लेम की डिटेल मंगवाई गई थी। जिसके अनुसार आकृक्ति बिल्डर के 9 अधूरे प्रोजेक्ट्स विट्स को लेकर 1100 करोड़ के 3 हजार क्लेम आए थे। अब इन्हें पूरा करने के लिए हाउसिंग बोर्ड अलग-अलग प्रोजेक्ट्स की अलग- अलग वैल्यूएशन करेगा। उसके आधार पर यह प्रोजेक्ट पूरे किए जाएंगे। इनमें आकृति एक्का सिटी, आकृति अस्टर सीरीज और आकृति ऑर्कीड हाइट्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
 बेनामी संपत्तियों का होगा विक्रय
आकृति के जो अधूरे प्रोजेक्ट्स हैं, उनमें होम बायर्स से बकाया पैसा आने के बाद भी वे पूरे नहीं हो पाएंगे, इसलिए उन्हें पूरा करने के लिए इन प्रोजेक्ट्स की बेनामी संपत्ति को बेचकर पूरा किया जाएगा। ऐसे प्रोजेक्ट्स जो बेनामी संपत्ति बेचने के बाद भी पूरे नहीं हो पाएंगे, उन्हें लेकर रेरा और हाउसिंग बोर्ड के बीच बैठकों का एक दौर और शुरू होगा। हालांकि यह सब ट्रिब्यूनल का फैसला आने के बाद ही संभव हो सकेगा। रहवासी समिति आकृति एकासिटी में पवई-117 प्लॉट का आवंटन कौशलेंद वीआईपी के नाम पर था, जिसे रेरा ने निरस्त कर दिया है। वही पवई-116 प्लाट का आवंटन थॉमस और उसे भी निरस्त कर दिया है। आने वाले समय में इसी तरह की कुछ और कार्रवाई रेरा कर सकता है।
तीन दर्जन  बेनामी संपत्ति पर लिख वीआईपी लिखा
रेरा ने 10 अक्टूबर 2022 को आकृति बिल्डर से बेनामी संपत्तियों की जानकारी मांगी थी, लेकिन रेरा को यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके बाद रेरा को जिन 104 बेनामी संपत्ति पर संदेह था, उनकी जानकारी पब्लिक डोमेन में सार्वजनिक प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज मंगवाए थे।  जानकारी के अनुसार 34 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज रेरा को प्राप्त अब तक नहीं हुए हैं। इनमें से कुछ प्रॉपर्टीज के आगे नाम के साथ वीआईपी लिखा हुआ है।
रेरा ने अपनी जांच में यह पाया था: रेरा ने जांच में पाया कि वर्ष 2010 के मूल आवंटन में थॉमस फिलिप को पवई 116 एवं कौशलेन्द्र कथित वीआईपी को पवई 117 का आवंटन किया गया, जो संदिग्ध था। बाद में पवई 117 के साथ पवई 116 जोड़ा गया है, जिससे दोनों इकाईवों की चतुर सीमा संदेहास्पद हो गई। आकृति बिल्डर के हेमंत सोनी यह भी स्पष्ट नहीं कर सके कि थॉमस फिलिप द्वारा इकाई 117 के संबंध में जो दस्तावेज पेश किए गए हैं, उसमें कितनी स्टाम्प ड्यूटी भुगतान की गई है। पूर्व में पवई-116 का आवंटन वॉमस फिलिप को 25 लाख 58 हजार रुपये में किया गया था।

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