अगले माह सरकार पर बढ़ जाएगा एक हजार करोड़ का नया कर्ज

कर्ज

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए सरकार एक बार फिर ऋण लेगी। इस बार यह कर्ज खुले बाजार से लिया जाएगा। दरअसल, राज्य सरकार ने दीपावली के पहले कर्मचारियों को एडवांस वेतन देकर खुश कर दिया है वहीं अपनी जरुरतों को पूरा करने दीपावली के बाद एक बार फिर सरकार खुले बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। राज्य सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, सड़कों की हालत सुधारने और छोटे-मोटे कामों के लिए ठेकेदारों के भुगतान के लिए खुले बाजार से यह कर्ज ले रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने देशव्यापी वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए है।
जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के मुंबई आॅफिस के जरिए ई कुबेर सिस्टम के जरिए इसके लिए आॅनलाईन बिड बुलाई गई है। दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को राज्य सरकार को एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज देने के लिए प्रस्ताव सबमिट किए जा सकेंगे। सुबह साढ़े दस बजे से ग्यारह बजे के बीच से बिड इलेक्ट्रानिक सबमिट की जा सकेंगी। इनमें से सफलतम बिड भरने वाली वित्तीय संस्था जो सबसे कम दरों पर और राज्य सरकार की शर्त पर प्रदेश को कर्ज देने को तैयार होगी उससे राज्य सरकार कर्ज लेगी। जो वित्तीय प्रस्ताव वित्तीय संस्थाओं के आएंगे उन्हें 27 अक्टूबर को खोला जाएगा। राज्य सरकार 11 साल के लिए यह कर्ज लेगी और 27 अक्टूबर 2033 को इस कर्ज को वापस लौटाएगी।
तीन लाख करोड़ के कर्ज में सरकार
प्रदेश सरकार पर इस समय 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें बाजार से लिया गया कर्ज एक लाख 74 हजार 373 करोड़ रुपए है। पावर बांड्स सहित सभी तरह के बॉड्स का कंपनसेशन 7 हजार 360 करोड़ रुपए है। वित्तीय संस्थाओं से लिया गया कर्ज 12 हजार 158 करोड़ रुपए है।  केन्द्र सरकार से लिए गए एडवांस की राशि 44 हजार 675 करोड़ 55 लाख रुपए है अन्य देयताएं 22 हजार 208 करोड़ रुपए है। राष्ट्रीय बचत पत्र और स्पेशल सिक्योरिटी से प्राप्त राशियां 3 हजार 756 करोड़ रुपए है जो सरकार को लौटाना है। इस तरह राज्य सरकार पर कुल 2 लाख 95 हजार 532 करोड़ 91 लाख रुपए का कर्ज है। सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। दरअसल, कर्ज प्रदेश में चल रही विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया जाएगा। वर्तमान समय में प्रदेश पर दो लाख 95 हजार करोड़ का ऋण है। मध्यप्रदेश सरकार अनुमानित बजट के मुताबिक 5701 करोड़ से अधिक राजस्व के घाटे में है। लिहाजा देश में चल रही विकास योजनाओं को फंड की कमी हो रही है। कर्ज प्रदेश में चल रही विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया जाएगा। मप्र सरकार हर महीने करीब ढाई हजार करोड़ लगभग कर्जा ले रही है।
 हर व्यक्ति 47 हजार रुपए का कर्जदार
प्रदेश सरकार एक बार फिर खुले बाजार से 1 हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है। 10 साल की अवधि के लिए जा रहे इस कर्ज की ब्याज दर करीब 7 फीसदी होगी। इस कर्ज के बाद प्रदेश पर वित्तीय वर्ष 2022 -23 में अनुमानित कर्जा 3 लाख 83 हजार करोड़ हो सकता है।  जिससे प्रदेश का प्रत्येक नागरिक 47 हजार रुपए का कर्जदार है।
आगे कितना कर्ज लेगी मप्र सरकार
मध्यप्रदेश सरकार के अनुसार 2022-23 में 51 हजार 829 करोड़ का कर्ज लेगी।  यानी अब हर महीने लगभग 4300 करोड़ रुपए कर्ज होने जा रहा है। अगर कर्ज बढ़ता है तो ब्याज भी बढ़ेगा ही। बता दें कि राज्य सरकार ने वर्ष 2017-18 में 11045 करोड़ का ब्याज दिया, वर्ष 2020-21 में 15917 करोड़ रुपए का ब्याज दिया, वहीं वर्ष 2021-22 में 20040 करोड़ रुपए दिए, जो अब वर्ष 2022-23 में बढ़कर 22166 करोड़ हो जाएगा। मध्यप्रदेश का बजट 2.79 लाख करोड़ है। वहीं कर्ज 3.31 लाख करोड़ रुपए है। राज्य सरकार ने 2020-21 में 52 हजार 413 करोड़ रुपए, 2021-22 में 40 हजार 82 करोड़ रुपएका कर्ज लिया। यानी हर महिने करीब 3 हजार 900 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इस कर्ज के हिसाब से मप्र की जनसंख्या के अनुसार राज्य का हर व्यक्ति लगभग 40 हजार रुपए का कर्जदार है।
सरकार के पास 40 हजार करोड़ से अधिक का ऋण लेने की पात्रता
प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत तक ऋण ले सकती है। सरकार के पास 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेने की पात्रता है, लेकिन अभी तक सरकार ने आठ हजार करोड़ का ही ऋण लिया है। राज्य सरकार ने जो कर्ज लिया है उसका इस्तेमाल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकास परियोजना को गति देने के लिए किया जाएगा।

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