एक कलेक्टर जो शिव-वीडी और श्रीमंत की भी नहीं सुनता

 शिव-वीडी और श्रीमंत

– छतरपुर कलेक्टर  से मिलने 4 घंटे धरने पर बैठे रहे भाजपा विधायक

– मुख्यमंत्री की हिदायत के बाद भी नौकरशाह जनप्रतिनिधियों को नहीं दे रहे तव्वजो


भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
मप्र में एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुशासन का दावा कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ आलम यह है कि कलेक्टर मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तक की भी नहीं सुन रहे हैं। छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने तो बेलगाम नौकरशाही की सारी हदें ही पार कर दी हैं।
कलेक्टर ने वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के फोन करने के बाद भी चंदला से भाजपा विधायक राजेश प्रजापति को मिलने के लिए बंगले के बाहर 4 घंटे तक इंतजार कराया था। इसके लिए विधायक को बंगले के बाहर धरने पर भी बैठना पड़ा था। इसके बावजूद कलेक्टर घंटों इंतजार कराने के बाद विधायक से मिलने पहुंचे।  इसके बाद भी वे विधायक से इस तरह से मिले जैसे उनकी कोई गलती ही नहीं है बल्कि विधायक की ही गलती हो। गौरतलब है कि प्रदेश में मंत्री और विधायक लगातार शिकायत कर रहे हैं कि अफसर उनकी सुन नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री भी कई बार मंचों से भी अफसरों को हिदायत दे चुके है कि वे जनप्रतिनिधियों और जनता के साथ सामंजस्य बनाकर काम करें। लेकिन जिलों में पदस्थ कलेक्टर विधायकों और सांसदों को भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। ऐसे कलेक्टरों में छतरपुर कलेक्टर सबसे ऊपर हैं। छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने जिले के कई विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को पहले भी अपमानित किया है। इसके बाद भी सरकार उन्हें जिले की कमान सौंपे हुए है। खास बात यह है कि कलेक्टर के खिलाफ पूर्व में भी विधायक प्रजापति द्वारा सरकार से अनदेखी किए जाने की शिकायतें की जाती रही हैं।
पार्टी के वरिष्ठ  नेताओं की भी नहीं सुनी
प्रजापति ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह कांग्रेसी मानसिकता के हैं। ये कांग्रेस सरकार के समय कांग्रेस विधायकों के घर जाते थे। खाना खाते थे। मैं एक दलित विधायक हूं, इसलिए मेरी और अधिक उपेक्षा होती है। विधायक का कहना है कि वे क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मिलने शाम चार बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। एक घंटा इंतजार करने के बाद कलेक्टर ने मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मिलने की बात कही, लेकिन वे वीसी के बाद सीधे घर पर चले गए। विधायक उनके पीछे बंगले पहुंचे तो गेट के सुरक्षाकर्मी ने कलेक्टर से बात कर विधायक को बोल दिया कि कलेक्टर बंगले में नहीं हैं। इसके बाद विधायक बंगले के बाहर ही  धरने पर बैठ गए। विधायक के धरने पर बैठने की खबर मिलते ही वीडी शर्मा और सिंधिया ने कलेक्टर को फोन किया। उसके बाद भी कलेक्टर बंगले से बाहर नहीं आए। जबकि अन्य आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जब विधायक के समर्थकों की भीड़ बढ़ी तब करीब 4 घंटे बाद वे विधायक से मिलने के लिए बंगले से बाहर निकले।
विकास कार्य पूरी तरह ठप
प्रजापति का आरोप है कि जिले में शीलेंद्र सिंह के कलेक्टर बनने के बाद से विकास कार्य ठप पड़े हैं। इस संदर्भ में मैंने उन्हें 9 नवंबर को पत्र लिखा था। पत्र में अपने विधानसभा क्षेत्र में नामांतरण, सीमांकन, रिकार्ड सुधार संबंधी फाइलों के पेंडिंग होने की जानकारी उल्लेखित की थी। इसके अलावा पीएम आवास में मजदूरी, मनरेगा का भुगतान समय सीमा में न होने से आवास निर्माणों में हो रही देरी एवं आवास अधूरे पड़े होने की जानकारी के संबंध में उल्लेख था। सहकारी समिति माधवपुर में वर्ष 2009-10 की खाद वर्तमान समय में वितरण की सूचना प्राप्त हुई की जांच करवाकर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग की। विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा योजना के तहत पिछले दो तीन वर्षों में सड़क का निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान नहीं हुई है जिसकी छोटे- छोटे मजरे टोलों में रह रहे लोगों को आगमन में परेशानी हो रही है कृपया सुदूर सड़क स्वीकृत की जाए। भू आवंटन के पट्टों की भूमि को सरकारी रिकार्डों में चढ़वाने की कार्यवाही की जाए जिससे क्षेत्र के किसानों को पीएम सम्माननिधि योजना का लाभ मिल सके। विधानसभा क्षेत्र में कई ग्रामों में रेत के अवैध भंडारण (डंप) पड़े हुए हैं सभी भंडारों को जब्त करने की कार्यवाही की जाए। इस संदर्भ में मैं कलेक्टर से मिलने गया था।
विधायक बोले- कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह से मुझे जान का खतरा है
 विधायक राजेश प्रजापति ने कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह पर आरोप लगाया है कि छतरपुर कलेक्टर उन्हें निपटा सकते हैं। इस संबंध में विधायक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री को इसकी विधिवत सूचना दे दी है। विधायक के द्वारा बताया गया कि छतरपुर कलेक्टर के बंगले पर हम एक आवेदन लिखित लेकर विभिन्न मांगों का गए थे परंतु कलेक्टर की कार्यशैली और उनका व्यवहार ठीक न होने के कारण हमने अपना लिखित आवेदन कलेक्टर को नहीं सौंपा था। जिसकी जानकारी हमने प्रदेश के भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को दे दी है।
शीलेन्द्र सिंह का विवादों से है पुराना नाता
छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह का विवादों से पुराना नाता है। और वह अपने हिटलशाही रवैए के चलते जिले में लगातार जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा एवं अपमानित करते आ रहे हैं। उसके बावजूद भी भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान उन्हें छतरपुर की कलेक्टरी के लिए बैठाए हुए हैं। जबकि शीलेन्द्र सिंह को कांग्रेस सरकार में लाया गया था। उसके बाद से पूरे प्रदेश के लगभग सभी जिलों के कलेक्टर बदल चुके परंतु शीलेन्द्र सिंह अभी तक नहीं बदले। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के द्वारा सबसे पहले टीकमगढ़ सांसद वीरेन्द्र खटीक को अपमानित किया गया। जिसके कारण उन्होंने पीएम हाउस में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। उसके बाद कांग्रेस के तीनों विधायकों को लगातार अपमानित किया गया। जिसमें छतरपुर के सदर विधायक आलोक  चतुर्वेदी, बिजावर विधायक राजेश शुक्ला एवं महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित के अलावा राजनगर विधायक विक्रम सिंह उर्फ नाती राजा इसके अलावा छतरपुर जिले के भाजपा के मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष की लगातार उपेक्षाएं की जा रही हैं।
उमा भारती ने रुकवाया था तबादला
छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह भाजपा नेताओं प्रद्युम्न सिंह लोधी, राहुल लोधी के रिश्तेदार बताए जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले महीने राज्य सरकार ने जब कई जिलों के कलेक्टरों के तबादले किए थे, तब छतरपुर कलेक्टर का भी हटना था, लेकिन शीलेन्द्र सिंह का तबादला रुकवाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सिफारिश की थी।

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