7.5 लाख घरों में नल से… जल पहुंचाने का खाका तैयार

  • कैबिनेट की बैठक में आएगा 2800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव
  • गौरव चौहान
नल से जल

मप्र सरकार जल जीवन मिशन के बाहर राज्य के 8,000 गांवों में नल से जल पहुंचाने के लिए 2,800 करोड़ रुपए खर्च करेगी।  इस योजना के तहत, इन गांवों के हर घर में नल से जल पहुंचाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, इन गावों के 7.5 लाख घरों में नल से जल पहुंचाने के प्रस्ताव को जल्द की कैबिनेट में लाया जाएगा। प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगते ही योजना से वंचित गांवों में काम शुरू हो जाएगा।  गौरतलब है कि मप्र में जल जीवन मिशन योजना में शामिल 51 हजार से ज्यादा गांव शामिल हैं। जिनमें कुल घरों की संख्याएक करोड़ 12 लाख है। अब तक 78 लाख घरों में नल से जल की सप्लाई हो रही है। वहीं 34 लाख घरों में नल से जल की सप्लाई करना बाकी है।
गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के तहत, केंद्र सरकार 5,000 गांवों में नल कनेक्शन के लिए फंड देने से इनकार कर चुकी है, जिसके लिए 1,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता है। इसलिए, मप्र सरकार ने इन गांवों के लिए खुद ही 2,800 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। यह राशि 8,000 गांवों के 7.5 लाख घरों में नल कनेक्शन स्थापित करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के हर घर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो। यह योजना आत्मनिर्भर मप्र की परिकल्पना को साकार करने में भी मदद करेगी। मप्र में जल जीवन मिशन सवालों के घेरे में रहा है। विधानसभा सत्र में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक मिशन में अनियमितता के मुद्दे उठाते रहे हैं। विधायकों की सबसे ज्यादा शिकायतें मिशन में व्याप्त भ्रष्टाचार, पाइप लाइन बिछाने के बाद सडक़ों का रेस्टोरेशन नहीं किए जाने और ठेकेदारों द्वारा काम पूरा नहीं किए जाने को लेकर रही हैं।
 प्रत्येक घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य
प्रदेश में जल जीवन मिशन में छूटे करीब 8 हजार गांवों (मजरे-टोलों) के 7.5 लाख घरों में नलों से पानी की सप्लाई का रास्ता साफ हो गया है। इन गांवों में नलों से पानी पहुंचाने पर खर्च होने वाली पूरी राशि राज्य सरकार वहन करेगी। इस पर करीब 2800 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आएगा। दरअसल, जल जीवन मिशन में प्रदेश के एक-एक गांव के प्रत्येक घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन प्रदेश में करीब 8 हजार मजरे-टोलों के 7.50 लाख घर जल जीवन मिशन में शामिल होने से छूट गए। विभाग ने जुलाई, 2024 में इन मजरे-टोलों में नल से पानी सप्लाई किए जाने को लेकर 2800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजा था।
केंद्र ने राशि देने से किया मना
केंद्र से 50 प्रतिशत राशि देने का अनुरोध किया गया था। योजना में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 50:50 प्रतिशत राशि वहन की जाती है। प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद केंद्र सरकार ने राशि देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पीएचई के अफसरों ने इस मामले से मुख्य सचिव अनुराग जैन को अवगत कराया। उन्होंने जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की और इसे आगे बढ़ाने की सहमति दे दी। वित्त विभाग ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन का काम तेजी से चल रहा है। यहां जल जीवन मिशन में वर्तमान में एकल नल जल योजनाओं की संख्या 27 हजार 990 है। इनका 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। दिसंबर, 2025 तक एकल नल जल योजनाओं का काम पूरा करने का लक्ष्य तय है। प्रदेश में समूह नल जल योजनाओं की संख्या 147 है। इनमें 23 हजार से ज्यादा गांव शामिल हैं। मार्च, 2027 तक इनका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जल जीवन मिशन में प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के करीब एक करोड़ 12 लाख घरों तक एकल और समूह नल जल योजनाओं के जरिए नलों से जल पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में बुरहानपुर और निवाड़ी हर घर जल प्रमाणित जिला घोषित हो चुके हैं। इन दोनों जिलों के हर घर में नल से पानी की सप्लाई की जा रही है।
15 करोड़ से ज्यादा परिवारों को लाभ
बता दें कि देश के प्रत्येक गांव के हर घर में नल से पानी की सप्लाई के लिए केंद्र सरकार ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन लॉन्च किया था। इसकी डेडलाइन मार्च, 2024 रखी गई थी। यानी इस तारीख तक देश के ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में नल से पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जानी थी, लेकिन सरकार का यह मिशन पूरा नहीं हो सका। इस कारण जल जीवन मिशन की अवधि 2028 तक बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार का दावा है कि देश में वर्ष 2019 से लेकर अब तक 15 करोड़ से ज्यादा परिवारों को इस जल जीवन मिशन का लाभ दिया गया है। पीएचई विभाग ने 9 हजार 205 एकल नलजल योजनाएं निर्मित कर उन्हें 6 हजार 963 ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दिया है। इन नल जल योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए एक एसओपी भी बनाई गई है। अब इन एकल नलजल योजनाओं में सोलर पेनल सोलर पम्प लगवाए जाने के निर्देश पंचायत विभाग ने दिए हैं और इसके लिए पंचायतों को प्रदाय राज्य वित्त आयोग की राशि उपयोग में लाने के लिए कहा गया है।

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