
ज्यादातर राशि कर्जमाफी-सब्सिडी, माननीय के बिलों पर खर्च हो जाएगी
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सरकार को अनुपूरक बजट में राजस्व और पूंजीगत मदों के लिए जो 9 हजार 784 करोड़ 90 लाख रुपए की राशि मिली है, उसमें ज्यादातर राशि सरकार की कुछेक खास योजनाओं, माननीयों के बकाया बिलों, घरेलू उपभोक्ताओं एवं किसानों की बिजली बिलों की सब्सिडी,ऋण माफी और हुडको से लिए गए कर्ज को पटाने में खर्च हो जाएगी। इसमें संबल योजना पर 200 करोड़, अटल गृह ज्योति और अटल कृषि ज्योति योजना पर 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सरकार के वित्त विभाग ने अनुपूरक बजट में प्रस्तावित राजस्व एवं पूंजीगत मदों की कुल राशि 9 हजार 784 करोड़ 90 लाख रुपए विभागों को दे दी है।
वित्त विभाग द्वारा जारी अनुपूरक बजट में जो राशि जारी की गई है, उसमें स्कूल एवं कॉलेज विद्यार्थियों की छात्रवृति के लिए राशि कहां से आएगी, इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया है। स्कूली-कॉलेज छात्रों को पुस्तकें और स्टेशनरी खरीदने, किसानों की ऋणमाफी और हुडको से लिए गए कर्ज को पटाने पर ही अनुपूरक बजट की ज्यादातर राशि खर्च हो जाएगी। यही नही शिक्षा उपकर से मिलने वाली राशि भी ग्रामीण अंचलों के सरकारी स्कूलों के उन्नयन और संधारण पर खर्च की जाएगी।
अनुपूरक बजट से क्या-क्या काम होंगे
अनुपूरक बजट में जिन कार्यों के लिए प्रावधान किए गए हैं, उनमें चिकित्सा विज्ञान प्रयोगशाला, अटल गृह ज्योति एवं अटल कृषि ज्योति योजना, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं का कम्प्यूटरीकरण और मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना पर खर्च का प्रावधान है। इसके अलावा सतपुड़ा एवं विंध्याचल भवन का कार्य, शहीदों के परिवारों को भूखंड, डिक्री धन भुगतान, महर्षि पंतजलि संस्कृत संस्थान, तकनीकी शिक्षा मंडल (मेपसेट ), एनवीडीए विधायकों के सभी बकाया बिजली बिलों का भुगतान, कॉलेजों के छात्रों के लिए पुस्तकें, स्टेशनरी आदि का प्रदाय, ओबीसी वर्ग के छात्रों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति, महिला स्वसहायता समूह को अतिरिक्त ब्याज अनुदान, फ्रेंड्स आॅफ एमपी कॉन्क्लेव पर 20 करोड़ रुपए, परिसंपत्तियों से प्राप्त राजस्व से भुगतान में प्रोत्साहन देने के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
कर्ज माफी-ब्याज भुगतान पर खर्च होगा
इसके अलावा अनुपूरक बजट की राशि मुख्यमंत्री पुलिस आवास के लिए हुडको से लिए गए ऋणों के भुगतानों के साथ पात्र डिफॉल्टर किसानों की ब्याज माफी, राज्य कृषि वानिकी योजना और पिछड़ी जनजातियों को आहार अनुदान पर खर्च की जाएगी।