
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी सहित प्रदेश के लगभग सभी गर्मी का अवकाश शुरु हो चुका है। इसके साथ ही घूमने के लिए बाहर जाने वालों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। अनुमान है कि 1 मई से 15 जून तक शहर के दोनों स्टेशन से करीब 31 लाख यात्री जाना-आना करेंगे। इनमें पास के शहरों से यहां आकर जाने वाले भी शामिल हैं। यह आंकड़ा कोरोना काल के कुछ सालों के मुकाबले तीन गुना अधिक है। 2020 से 2023 तक कोरोना के मामले सामने आते रहे हैं। पर अब देश व विदेशों में कोरोना खत्म हो गया है। इसके चलते भोपाल सहित मप्र से लोगों ने घूमने का मन मनाया है। अगर अगले डेढ़ माह का हिसाब किताब लगाया जाए तो भोपाल से हर दिन लगभग 68 हजार लोग पर्यटन स्थलों पर जाएंगे। इस बीच 10 मई से चार धाम की भी यात्रा शुरू हो रही है। इससे ट्रेनों, बसों व फ्लाइटों में वेटिंग लिस्ट अधिक देखने को मिल रही है। समर सीजन में ट्रेनों भी भीड़ भाड़ व टिकट कंफर्म नहीं होने के चलते बड़ी संख्या में लोग बसों में सफर करना पसंद करते हैं। इसको देखते हुए कई रूटों पर बस संचालकों ने किराया बढ़ा दिया है। इसके चलते बसों में सफर करने पर यात्रियों को दो से तीन गुना तक अधिक किराया देना होगा।
स्पेशल ट्रेनों में 15 से 30 फीसदी तक अधिक किराया
रेलवे की ओर से इस साल यात्रियों की सुविधा के तहत करीब 911 फेरों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। इनमें करीब 28 से अधिक स्पेशल ट्रेनेंं गुजरेंगी, जो तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से गुजरेंगी, जिससे इन राज्यों में जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। लेकिन इन स्पेशल ट्रेनों का 15 से 30 फीसदी किराया अधिक होने से यात्रियों को खासी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
फैक्ट फाइल
– अभी हर दिन भोपाल से 135 से 142 के करीब ट्रेनें गुजरती है। वहीं इस समर सीजन में इनकी संख्या 145 से 155 के करीब रहेगी ती।
– अभी औसतन 45 से 55 हजार यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं, लेकिन सगर सीजन में 70 हजार यात्री प्रतिदिन आना-जाना करेंगे। इस हिसाब से इस साल 45 दिज में 31 लाख लोग यात्रा करेंगे।
इन रूटों की ट्रेनों में अधिक वेटिंग
जिन रूट पर एक महीने से ज्यादा को वेटिंता है, उनमें भोपाल से गोरखपुर, अयोध्या, चंडीगढ़, पटना, लखनऊ, गोवा, बेंगलुरु, बनारस, मुंबई, पुणे प्रमुख है। इन रूटों की ट्रेनों में तत्काल टिकट भी 4 से 5 दिन में मिल रहे हैं, क्योंकि एक ट्रेन में 150 से 200 का ही कोटा है। हालांकि रेलवे की ओर से भोपाल रेल मंडल से 12 से 15 के करीब स्पेशल ट्रेनें गुजरेगी।