तीन नए ग्रीनफील्ड समेत 6 कॉरिडोर बदलेंगे मप्र की तकदीर

ग्रीनफील्ड
  • छह एक्सप्रेस-वे से औद्योगिक निवेश, कृषि, व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश की तकदीर बदलने वाली है और ये तकदीर बदलेंगे तीन नए ग्रीनफील्ड समेत 6 नए एक्सप्रेस-वे (आर्थिक कॉरिडोर)। एमपी की मोहन सरकार ने इसको लेकर रोडमैप भी तैयार कर लिया है। इन एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले चार सालों में होना है। इनकी कुल लंबाई 3,368 किलोमीटर होगी। इनको बनाने में 36,483 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इनमें से सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे अटल प्रगति पथ 299 किलोमीटर का होगा, लेकिन ये सबसे महंगा होगा। इसको बनाने में 12,227 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन सभी कॉरिडोर को 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य सरकार की तरफ से रखा गया है। वहीं सबसे लंबा कॉरिडोर होगा नर्मदा विकास पथ होगा, जिसकी कुल लंबाई 867 किलोमीटर होगी। इसके अलावा विंध्य एक्सप्रेस-वे 676 किलोमीटर का, बुंदेलखंड प्रगति पथ 530 किलोमीटर का, मध्य विकास पथ 746 किलोमीटर का और मालवा-निमाड़ विकास पथ 450 किलोमीटर का होगा। इन कॉरिडोर के बनने से एमपी के 55 जिलों को सीधा फायदा होगा। औद्योगिक निवेश, कृषि, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। खास बात यह है कि इन छह एक्सप्रेस-वे में से दो तो राजधानी भोपाल से होकर गुजरेंगे, जिससे राज्य के केंद्र में विकास की नई धारा बहेगी।
प्रदेश में सिंहस्थ से पहले सडक़ों का मजबूत नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इसके तहत तीन नए ग्रीडफील्ड बनाने का प्लान तैयार हो चुका है। इनके लिए डीपीआर तैयार करने के टेंडर जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा भोपाल-विदिशा, धामनौद-बड़वाह मार्ग समेत कई सडक़ों को सिंहस्थ से पहले फोर लेन किया जा रहा है। इसके अलावा छह नए आर्थिक कारीडोर पर भी काम शुरू किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक भोपाल से मंदसौर और सागर से सतना और आशापुर से गाडरवारा होते हुए जबलपुर के लिए ग्रीनफील्ड बनेगा। इसके डीपीआर के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा दो लेने सडक़ों को फोर लेन में परिवर्तित करने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। करीब एक दर्जन ऐसी सडक़ों को चिन्हित किया गया है जिन्हें जल्द ही फोर लेने किया जाना है। इसके लिए राशि भी तय कर ली गई है।
एमपी के 55 जिलों को होगा फायदा
 छह नए आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण का फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। इनकी कुल लंबाई 3368 किलोमीटर की होगी और इसके निर्माण पर 36 हजार 483 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन कॉरिडोर में नर्मदा प्रगति पथ, विध्य एक्सप्रेस वे, मालवा-निमाड़ प्रगति पथ, बुंदेलखंड विकास प्रगति पथ और मध्य भारत विकास प्रगति पथ शामिल है। इनका निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग, एनएचआई और एमपी रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन मिलकर करेंगे। इस कॉरिडोर के माध्यम से प्रदेश को आठ हिस्सों में बांटा जाएगा। इसमे प्रदेश के सभी 55 जिलों की सीमा को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ने की योजना है। इन सभी कॉरिडोर को दिसम्बर के 2029 तक पूरा करने की योजना है। योजना पर काम जल्द शुरू करने के लिए बैठकों का दौर जारी है। छह कॉरिडोर से मध्य प्रदेश आठ हिस्सों में बंटेगा और 55 जिलों में इसका सीधा असर दिखेगा। इनके बनने से रोजगार, पर्यटन और औद्योगिक निवेश में तेजी आने की उम्मीद है। मोहन यादव सरकार ने इनका फाइनल ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है। जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है। इनका निर्माण तीन एंजेंसियां मिलकर करेंगी। लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई और मध्य प्रदेश सडक़ विकास निगम। खास बात यह है कि बुंदेलखंड प्रगति पथ और मालवा निमाड़ विकास पथ सबसे पहले बनकर तैयार होंगे।

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