- हरीश फतेहचंदानी
मध्यप्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। फसलों के नुकसान से किसान बर्बादी के कगार पर खड़ा है। फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार खेतों में पहुंच कर किसानों के आंसू पोंछ रहे हैं। वे किसानों से सीधे संवाद में कर उन्हें भरोसा दे रहे हैं कि मैं हूं ना , चिंता की कोई बात नहीं हैं। दरअसल किसान पुत्र होने की वजह से वे किसानों का दर्द भ्ज्ञली भंती जानते हैं। यही वजह है कि वे बीते रोज जब विदिशा और सागर जिले के दौरे पर गए और फसलों का नुकसान देखा तो तत्काल घोषणा कर दी कि असमय बारिश से फसलों के 50 प्रतिशत से अधिक के नुकसान पर किसानों को प्रति हेक्टेयर अब 32 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। इसके अलावा किसानों को फसल बीमा की राशि अलग से भी मिलेगी। उन्होंने उद्यानिकी फसलों को भी सर्वे में शामिल करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। सीएम ने कहा किसान चिंता नहीं करें, परेशान न हों, चिंता के लिए मैं मुख्यमंत्री हूं। किसान बहन-भाइयों को सभी तरह के संकट से बाहर निकाल कर ले जाऊंगा।
गांवों में जाकर किसानों से की बात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज विदिशा जिले की गुलाबगंज तहसील के पटवारी खेड़ी, घुरदा मंडी गांव में ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि किसान चिंता नहीं करें। प्रत्येक प्रभावित खेत का सर्वे मानवीय दृष्टिकोण और उदारता से होगा। ताकि किसानों को भरपूर राहत दी जा सके। उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में प्रभावित जिलों में सर्वे का कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी हीला हवाली नहीं करें। पारदर्शी तरीके से नुकसान का सर्वे करें। सर्वे सूची पंचायत भवन पर प्रदर्शित की जाएगी और आपत्ति होने पर उसका भी निपटारा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री को दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा कर उन्हें ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की जानकारी दी। सीएम ने मीडिया के जरिए किसानों को संदेश देते हुए कहा कि किसान अपने आप को अकेला न समझें। राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ है। मेरा वादा है कि इस संकट से हर प्रभावित को उबार लेंगे।
20 जिलों में 33 हजार हेक्टेयर में नुकसान…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक के पहले मंत्रियों को बताया कि अभी प्रदेश के 20 जिलों में लगभग 33 हजार हेक्टेयर में नुकसान होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिक तरीके से फसल क्षति का आंकलन किया जाएगा। प्रभावित किसानों से कर्ज वसूली नहीं होगी। उन्होंने कहा कि देश में फसल क्षति की राहत राशि बांटने में मप्र अग्रणी राज्य है। भारत के अन्य राज्यों में किसानों को इतनी अधिक राशि प्रदान नहीं की जाती है। प्रदेश में फसलों का 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान को शत-प्रतिशत मानकर राहत दी जाती है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को ओला प्रभावित क्षेत्रों के दौरे की भी जानकारी दी।
…फिर खुलेगा पोर्टल
राज्य शासन ने प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के मद्देनजर गेहूं उत्पादक किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ दिलाने के लिए 22 से 24 मार्च तक पंजीयन पोर्टल को पुन: खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से शेष रह गए किसान अपना पंजीयन करा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने बीना तहसील के ग्राम रुसल्ला में कहा कि प्रदेश के 20 जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। सागर जिले के खुरई व नरयावली क्षेत्रों में भी फसलों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने फसलों का सर्वे सेटेलाइट से भी करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर सागर से कहा कि सर्वे के बाद पूरी ईमानदारी से आकंलन हो। किसानों को नुकसान का मुआवजा और फसल बीमा से राहत दिलाई जाए।सागर में दौरा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना की कार्रवाई भी तत्काल प्रारंभ कर दी गई है। राहत राशि और फसल बीमा योजना दोनों को मिलाकर किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। जिन किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान होगा, उनकी कर्ज वसूली स्थगित कर दी जाएगी और ब्याज सरकार भरवाएगी।
समर्थन मूल्य पर खरीदी की तारीख बढ़ेगी…
मुख्यमंत्री ने कहा समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए तारीख भी बढ़ाई जाएगी। पीड़ित परिवारों की बेटी की शादी भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 56 हजार की राशि देकर करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जानते हैं कि किसान पर क्या बीतती है, उनकी मेहनत ही नहीं, खाद, बीज, उर्वरक, दवाई सब के साथ जीवन भी संकट में आया है। उन्होंने कहा किसान बिलकुल चिंता नहीं करें, हम संकट से अपने किसानों को पार निकालकर ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग की टीम सर्वे कर रही हैं। कलेक्टर, कमिश्नर की यह जिम्मेदारी है कि वे समय पर कार्रवाई पूर्ण करें जिससे किसानों को त्वरित राहत राशि दी जा सके।
इस तरह की राहत राशि की घोषणा
मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा भैंस की हानि पर 37 हजार, भेड़ बकरी पर 4000 और मुर्गा-मुर्गी की हानि पर 100 रुपए प्रत्येक के मान से राहत राशि दी जाएगी। मकानों की क्षति पर भी सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा किसान बिलकुल भी चिंतित नहीं हों, पीडि़त किसानों की कर्ज वसूली की तारीख भी बढ़ाई जाएगी। ब्याज भी सरकार ही भरेगी और अगली फसल के लिए भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाएगा।