अगले माह से मिलेगा 5 से 50 लाख तक का लोन

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  • स्वरोजगार के जरिए युवाओं का उद्यमी बनाने की कवायद

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। आत्मनिर्भर मप्र के लिए प्रदेश सरकार ने युवाओं का उद्यमी बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार मार्च में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना शुरू करेगी। इसमें युवाओं को पांच लाख से पचास लाख रुपए तक का लोन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना प्रदेश के युवाओं की तकदीर बदलेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की घोषणा एक नवम्बर 2021 को प्रदेश के स्थापना दिवस पर की गई थी। स्वरोजगार के जरिये युवाओं को उद्यमी बनाकर उन्हें दूसरों को नौकरी देने की स्थिति में पहुंचाने की अवधारणा को लेकर शुरू की गई इस योजना की लांचिंग सरकार मार्च में करने जा रही है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की युवाओं को रोजगार देने के लिए तैयार की गई मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को फंड उपलब्धता और ब्रांडिंग के साथ जल्द शुरू किया जा रहा है। अब सरकार मार्च में इस योजना को व्यापक प्रचार प्रसार के साथ स्वरोजगार के ऋण दिलाकर लांच कराने की तैयारी में है।
दूसरी बाद टली योजना की लांचिंग
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इस साल 12 जनवरी को रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। तब मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना पूरे जोर शोर से लागू करने की बात कही गई। इसके निर्देश भी जारी हुए लेकिन ऐन वक्त पर इसे रोक लिया गया और यह तय किया गया कि 25 फरवरी को होने वाले रोजगार मेले में इस योजना को लागू कर उसके अंतर्गत हितग्राहियों को ऋण दिलाने का काम किया जाएगा और इसके व्यापक हित के बारे में बताया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि रोजगार मेलों के पहले एक बार फिर उद्यम क्रांति योजना की लॉन्चिंग टाल दी गई है।
विसंगतियों को दूर कर शुरू होगी योजना
जिलों में पदस्थ उद्योग और एमएसएमई अफसरों से कहा गया है कि अब इस योजना की लांचिंग अलग से प्रचार-प्रसार के साथ मार्च माह में की जाएगी। इसलिए अधिकारी इस योजना के हितग्राहियों के प्रकरण तैयार कराकर रखें ,ताकि उस समय लोन की राशि वितरित कराई जा सके। दूसरी ओर सूत्रों का कहना है कि सरकार इसलिए योजना टाल रही है ,क्योंकि बैंक लोन स्वीकृत करने में टालमटोल कर रहे हैं और सरकार इसके लिए पर्याप्त फंड नहीं दे पा रही है। ऐसे में सिर्फ रोजगार मेले का ही आयोजन कर एक व्यक्ति को दिए जाने वाले लोन से जुड़े व्यक्तियों को मिलने वाले काम को  रोजगार से जोड़ रही है।
मेलों के कारण जिलों पर बढ़ा भार
उधर, प्रदेश में रोजगार मेलों को आयोजन किए जाने से जिलों पर आर्थिक भार बढ़ रहा है। जिलों में 12 जनवरी को हुए मेलों में वेबकास्टिंग, आयोजन संबंधी तैयारियों और प्रचार प्रसार समेत अन्य कामों में औसतन 60 हजार रुपए खर्च हुए हैं। बड़े जिलों में यह खर्च दो लाख रुपए तक पहुंचा है। इसके बदले शासन द्वारा बड़े जिलों को छोड़कर औसत जिलों में संबंधित आयोजक विभागों को सिर्फ 29 हजार रुपए का बजट दिया है। ऐसे में पुरानी देनदारी विभाग पर होने से अधिकारी आयोजन में दिक्कतें भी बता रहे हैं। 12 जनवरी को हुए रोजगार मेले के लिए जिलों को कुल 16 लाख रुपए का आवंटन किया गया है। इसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, उज्जैन समेत सात शहरों को खर्च राशि के बदले 45 हजार रुपए दिए गए हैं जबकि बाकी 45 जिलों को 29-29 हजार रुपए का आवंटन किया गया है। अब शेष राशि का भुगतान शासन से मिलने वाले आवंटन के बाद हो पाएगा, वहीं दूसरे रोजगार मेले का खर्च अलग अफसरों के सिर पर आ गया है।v

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