
- पटवारी के अरमानों पर फिरा पानी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लगातार हार और बड़े नेताओं के करीबी होने की वजह से अब तक जिन नेताओं के हाथों में कांग्रेस जिला संगठन की कमान रही है, उनका बदलना अब तय है। जिलाध्यक्ष के नाम का फैसला अब प्रदेश के नेताओं की जगह केन्द्रीय कमेटी द्वारा तय किए गए देश में कांग्रेस जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर बदलाव करने जा रही है। इसके लिए गुजरात की तरह प्रदेश में हर जिले के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जिसकी कमान केन्द्र द्वारा बनाए गए आब्जर्बर के पास होगी। इस नई व्यवस्था से फिलहाल प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के अरमानों पर पानी फिर गया है। दरअसल वे बीते छह माह से अपनी पसंद के नेताओं को जिलों की कमान सौंपने की तैयारियों में लगे हुए थे। नई व्यवस्था के तहत केन्द्रीय संगठन द्वारा हर जिले के लिए आब्र्जबर की नियुक्ति की जाएगी। जो समिति के साथ जिला अध्यक्ष के नाम खोजने में मदद करेंगे। दरअसल यह नई व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तहत पार्टी द्वारा गुजरात में लागू की गई है। गुजरात में कांग्रेस ने 12 अप्रैल को सभी 33 जिलों और 8 प्रमुख शहरों में पार्टी अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए 42 केंद्रीय और 183 प्रदेश स्तर के पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।
इस तरह की होगी समिति
हर जिले में पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई जाएगी। इसमें एक केंद्रीय और चार राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक शामिल होंगे। ये समितियां अपने-अपने जिले का दौरा करेंगी और जिलाध्यक्ष के चयन से पहले स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगी।
यह है अभी जिला संगठन की स्थिति
प्रदेश में कांग्रेस के मौजूदा जिला अध्यक्षों की बात करें तो पार्टी के 72 संगठनात्मक जिलों में से 66 में वर्तमान में जिलाध्यक्ष हैं। 6 जिलों में अध्यक्ष के पद रिक्त हैं। सतना शहर में एक मात्र अल्पसंख्यक वर्ग के मकसूद अहमद अध्यक्ष हैं। सबसे ज्यादा 34 जिला अध्यक्ष सामान्य वर्ग से हैं। अब कांग्रेस जिला अध्यक्षों के चयन में आदिवासी, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को प्राथमिकता देगी। पार्टी के 72 संगठनात्मक जिलों में से 6 जिलों में अध्यक्षों के पद खाली पड़े हैं।