
- विधानसभा में मप्र मोटर यान कराधान संशोधन विधेयक 2025 पारित
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा का मानसून सत्र दो दिन पहले स्थगित हो गया है। लेकिन इस दौरान सरकार ने कई महत्वपूर्ण कामों को निपटाया है। इसी कड़ी में विधानसभा में मप्र मोटर यान कराधान संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया गया। इस पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभागों में वाहनों पर ढाई हजार करोड़ के टैक्स बकाया है। सरकार इसे क्यों नहीं वसूल पा रही है। भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि आरटीओ दफ्तर एजेंटों के भरोसे चल रहे हैं। लोग टैक्स की बढ़ी हुई राशि नहीं देंगे। जवाब में परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि पहले 4 प्रतिशत पेनल्टी लगती थी जो लंबी दूरी के हिसाब से होती थी। नई व्यवस्था में 4 प्रतिशत पेनल्टी तो लगेगी ही, पुराना बकाया होने पर 4 गुना अधिक राशि भी वसूली जाएगी। बस या अन्य वाहनों में क्षमता से अधिक अधिक लोगों को बिठाने पर 1000 रुपए प्रति सीट पेनल्टी वसूली जाएगी।
परिवहन मंत्री विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के इस आरोप को सिरे से नकार दिया कि मप्र सरकार ज्यादा टैक्स ले रही है। उन्होंने कहा कि हमारी टैक्स व्यवस्था भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप है और कई राज्य हमसे ज्यादा टैक्स ले रहे हैं। उन्होंने नए संशोधन विधेयक को लेकर कहा कि समय पर कर जमा न करने पर पहले चार प्रतिशत पेनल्टी लगती थी जो लंबी दूरी के हिसाब से होती थी और अब जो व्यवस्था तय की गई है उसमें चार प्रतिशत पेनल्टी तो लगेगी ही, लेकिन पुराना बकाया होने पर 4 गुना अधिक राशि वसूली जाएगी। मंत्री ने कहा कि विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि बस या अन्य वाहनों में जो बैठक व्यवस्था निश्चित है उससे अधिक बैठे पाए जाने पर रु 1000 प्रति सीट के हिसाब से पेनल्टी वसूली जाएगी। इसी तरह जिस वाहन में जितना लोड होने की परमिट रहेगी, अगर उससे अधिक लोड पाया जाता है तो प्रति टन रु 1000 रुपए की पेनल्टी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सिर्फ मध्य प्रदेश में ही टैक्स ज्यादा नहीं है दूसरे राज्यों में भी टैक्स अधिक है और यह व्यवस्था भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप है। वाहनों में पैनिक बटन की व्यवस्था देश के हर राज्य में लागू है। मंत्री ने कहा कि स्थाई परमिट को लेकर संभाग आयुक्त द्वारा बैठक करके परमिट जारी किए जाते हैं। समय-समय पर इसको लेकर बैठक हो रही है मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में 10 लाख से कम कीमत वाले वाहनों में दूसरे राज्यों की अपेक्षा सबसे कम टैक्स है। ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पासपोर्ट की तरह घर पहुंच सेवा के रूप में लागू करने जा रहे हैं। फेसलेस सर्विस पर फोकस किया गया है।
मप्र में चलने वाली गाडिय़ां दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड
इससे पहले विधेयक पर चर्चा प्रारंभ करते हुए कांग्रेस विधायक भैरव सिंह बापू ने कहा कि मध्य प्रदेश में चलने वाली गाडिय़ां दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड हो रही है इस पर ध्यान देने की जरूरत है बसों के अस्थाई परमिट पर रोक लगा दी गई है और स्थाई परमिट के लिए बैठक हो नहीं रही है इससे भी राजस्व का नुकसान हो रहा है अस्थाई परमिट जारी करने की व्यवस्था शुरू की जाए। विधायक बापू ने कहा कि चेक पोस्ट बंद किए जाने से बसों में ओवरलोड वाहन दौड़ रहे हैं जिससे सडक़ों की हालत खराब हो रही है तो क्या सरकार चेक पोस्ट व्यवस्था फिर लागू करेगी। सौसर से कांग्रेस विधायक विजय रेवनाथ चौरे ने कहा कि चार पहिया वाहनों पर सबसे ज्यादा टैक्स मध्य प्रदेश में लिया जा रहा है सबसे कम छत्तीसगढ़ में है यहां ज्यादा टैक्स लिए जाने के कारण लोग दूसरे राज्यों में गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं इससे सरकार का ही राजस्व नुकसान हो रहा है उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में ट्रकों में गोवंश भरकर ढोए जा रहे हैं जिस पर भी कार्यवाही की जरूरत है। मुरैना से कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर ने कहा कि चेक पोस्ट व्यवस्था खत्म किए जाने के बाद से भारी वाहनों और ओवरलोड वाहनों का कारोबार बढ़ा है।
विधानसभा में पारित हुए आठ विधेयक
मप्र विधानसभा में बुधवार को 8 विधेयक पारित हुए है। इन विधेयको पर करीब 6 घंटे तक सदन में चर्चा हुई। कुछ विधेयकों का सदन में विपक्ष ने विरोध भी किया। वहीं सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए विधेयकों को जनता के लिए जरूरी बताते हुए पारित कर दिया। मंत्री उदय प्रताप सिंह ने परिवहन विभाग का विधेयक मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) रखा है, जिस पर सदन में 30 मिनट चर्चा हुई। मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने मध्यप्रदेश जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक रखा है, जिस पर 1 घंटा चर्चा हुई। मंत्री गौतम टेटवाल ने मध्यप्रदेश माध्यस्थम अधिकरण (संशोधन) विधेयक रखा है, जिस पर 30 मिनट चर्चा हुई। समाज के कमजोर वर्गों के लिए विधिक सहायता तथा विधिक सलाह (निरसन) विधेयक पर भी 30 मिनट चर्चा हुई। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भारतीय स्टाम्प (म.प्र. संशोधन) विधेयक, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, रजिस्ट्रीकरण (म.प्र. संशोधन) विधेयक, और भारतीय स्टाम्प (म.प्र. द्वितीय संशोधन) विधेयक को सदन में रखा है, जिन्हें चर्चा के बाद पारित कर दिया।