12 घंटे में 4 नवजातों की मौत…

नवजातों की मौत
  • महिला अस्पताल में वेंटीलेटर की कमी से तोड़ दिया दम

बदायूं/एजेंसी/बिच्छू डॉट कॉम। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबार्न केयर यूनिट) में 12 घंटे के भीतर उपचार के दौरान चार नवजात की मौत हो गई। चारों नवजात को वेंटीलेटर की जरूरत थी, जो यहां नहीं था। चिकित्सकों ने तो प्राथमिक उपचार के बाद नवजात बच्चों को रेफर कर दिया, लेकिन स्वजन उन्हें हायर सेंटर नहीं ले जा पाए। उपचार की सही व्यवस्थाएं न होने के चलते जिला महिला अस्पताल से आए दिन नवजात बच्चों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।
गांव समरेर निवासी विपिन ने पत्नी रेनू को प्रसव पीड़ा होने पर पांच जून को सीएचसी दातागंज में भर्ती कराया था। उसने बताया कि पत्नी रेनू करीब साढ़े सात माह की गर्भवती थी। सामान्य प्रसव के बाद उसने दो जुडवां बेटों को जन्म दिया था। इसके बाद उसे महिला अस्प्ताल भेज दिया गया। यहां छह जून को चिकित्सक ने नवजात को देखने के बाद कहा था कि बच्चे पूरी तरह से विकसित नहीं है। चिकित्सक ने दोनों नवजात बेटों को एसएनसीयू में भर्ती कर दिया। चिकित्सक के अनुसार वेंटीलेटर की आवश्यकता बताते हुए दोनों को सैफई रेफर कर दिया। लेकिन स्वजन लेकर नहीं गए। शनिवार को एक नवजात ने सुबह आठ बजे तो दूसरे ने सुबह 11 बजे दम तोड़ दिया।
छह जून को महिला को कराया था भर्ती
वहीं गांव काजीखोड़ा निवासी सत्येंद्र ने पत्नी आरती को प्रसव पीड़ा होने पर छह जून को महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां शाम को सामान्य प्रसव हुआ, लेकिन नवजात की हालत खराब थी। वह जन्म के बाद रोया नहीं और उसे सांस लेने में दिक्कत थी। उसे भी एसएनसीयू में भर्ती किया गया, यहां उपचार के दौरान रात में उसने भी दम तोड़ दिया। इसके अलावा दातागंज के मुहल्ला परा निवासी धर्मपाल ने अपनी पत्नी प्रेमलता को पांच जून को महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। देर शाम उसने बच्चे को जन्म दिया तो उसका वजन मात्र 780 ग्राम था। दूसरे दिन उसे एसएनसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। जबकि छह जून को चिकित्सक ने वेंटीलेटर की आवश्यकता बताते हुए उसे रेफर करने को कहा, लेकिन स्वजन तैयार नहीं हुए।

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