
- भाजपा के मिशन 2023 का मप्र
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। उपचुनाव निपटने के बाद भाजपा अब पूरी तरह मिशन 2023 की तैयारी में जुट गई है। पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए पार्टी ने नया मंत्र दिया है-3 दिन की ट्रेनिंग…200 पार का टारगेट। यानी अब भाजपा प्रदेश के सभी 56 संगठनात्मक जिलों के प्रमुख पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देगी। तीन दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में करीब एक दर्जन सत्र होंगे। जिनमें केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाएं, पार्टी की रीति-नीति, पंचनिष्ठा समेत हर मतदाता तक अपनी बात कैसे पहुंचाएं इस बारे में टिप्स दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि भाजपा कैडर बेस पार्टी है। इसलिए इस पार्टी में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का बड़ा महत्व होता है। पार्टी में आगामी विधानसभा चुनाव में 200 पार का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसके लिए पदाधिकारियों को पूरी तरह तैयार किया जा रहा है। प्रशिक्षण का पूरा खाका तैयार हो रहा है। इसे एक दिसम्बर से शुरू किया जाएगा। इसमें जिले के सांसद और विधायक को भी अनिवार्य रूप से रहना होगा। प्रशिक्षण की परम्परा यूं तो भाजपा में पुरानी है। वह समय समय पर अपने सांसद, विधायक समेत पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देती रहती है पर इस बार इसे नए रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसका खाका संगठन के रणनीतिकार पिछले एक महीने से बना रहे हैं। शुक्रवार से इसके लिए संभागीय बैठकों का दौर भी शुरू हो रहा है। पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति में इस बार विस्तार से चर्चा कर इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
3 दिन सांसद-विधायक देंगे प्रशिक्षण
तीन दिनी इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में चुनाव प्रबंधन और चुनाव प्रचार की प्रणाली पर खास फोकस होगा। प्रशिक्षण की जो कार्य योजना तैयार की गई है उसमें जिले की पूरी कार्यसमिति को 3 दिन तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें जिलों के पदाधिकारी से लेकर कार्यसमिति सदस्य मंडल अध्यक्ष मोर्चा का जिलाध्यक्ष समेत जिले के विभिन्न जिलों के अध्यक्ष भी शामिल होंगे हर जिले में प्रशिक्षण के लिए स्थान तैयार किए जा रहे हैं ,इसमें भाजपा के कार्यकर्ताओं को 3 दिन और 2 रात रुकना होगा इस दौरान अपने घर नहीं जा सकेंगे । 3 दिन के इस प्रशिक्षण शिविर में जिले के मंत्री सांसद और क्षेत्रीय विधायक को भी उपस्थित रहना होगा । कुछ सांसद और विधायक ट्रेनर्स की भूमिका में भी होंगे।
सोशल मीडिया और अत्याधुनिक तकनीक का सहारा
जिलों में चुनाव को देखते हुए किस तरह से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं जन जन तक पहुंचाएं। कैसे संगठन को बूथ पर मजबूत करें। चुनाव प्रचार का बेहतर तरीका क्या हो, जैसे विषयों पर एक्सपर्ट पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे। सोशल मीडिया और अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल का भी प्रशिक्षण कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए जिलों के प्रभारियों और जिलाध्यक्षों ने प्रशिक्षण प्रभारी तैनात कर दिए हैं। अब संभागीय बैठकों में ट्रेनिंग देने वालों के नाम छांटे जा रहे हैं। ये नाम जल्द प्रदेश कार्यालय भेजे जाएंगे। जो वरिष्ठ कार्यकर्ता या पदाधिकारी जिलों में ट्रेनिंग देंगे। इनके नाम तय होने के बाद इन्हें प्रदेश कार्यालय बुलाया जाएगा, जहां इन्हें मास्टर्स ट्रेनर्स प्रशिक्षण देंगे। कौन सा कार्यकर्ता किस बिषय पर बोलेगा, यह भी तय हो रहा है। एक वक्ता को डेढ़ घंटे का वक्त दिया जाएगा।